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भारतीय दूरसंचार उद्योग विदेशी भागीदारों के साथ ‘तकनीकी जानकारी’ और ‘अंतर्निहित सिद्धांतों की समझ’ को साझा करने को तैयार : मनोज सिन्हा

वित्तीय दबाव की खबरों के बीच संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के प्रर्वतकों के साथ इस विषय पर चर्चा की। इस अवसर पर वित्तीय सेवा विभाग तथा भारतीय स्टेट बैंक के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उद्योग जगत ने दूरसंचार क्षेत्र की समस्याओं के कारण आने वाली वित्तीय चिंताओं के बारे में मंत्री महोदय को अवगत कराया तथा स्थिति से निपटने के रोडमैप के बारे में जानकारी दी। मंत्री महोदय ने जानकारी दी की दूरसंचार क्षेत्र में व्यवहार्यता और पुर्नभुगतान क्षमता को प्रभावित करने वाले मुद्दों का हल करने के लिए एक अंतर मंत्रालय समूह (आईएमजी) का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि जल्द ही उद्योग जगत की चिंताओं को हल करने के लिए यह समूह अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। आईएमजी बैंकों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ व्यापक विचार विमर्श करेगा और शीघ्र की अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। मंत्री महोदय ने आश्वासन दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों सहित आम आदमी को बेहतर सेवाऐं प्रदान करने के मामले में सरकार इस क्षेत्र के सुदृढ़ विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठायेगी।
देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने आज विश्व को आश्वस्त किया कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी कि भारतीय दूरसंचार उत्पाद और सेवाएं किसी की भी दूरसंचार जरूरतों की पहली पसंद बन जाएं। दूरसंचार निर्यात संवर्धन परिषद की आठवीं क्रेता-विक्रेता बैठक का आज यहां उद्घाटन करते हुए उन्‍होंने कहा कि अगर किसी को सुरक्षित आईसीटी उत्पादों की तलाश है, तो उसे भारतीय उत्पादों पर भरोसा करना चाहिए और हमारा उद्योग ‘तकनीकी जानकारी’ एवं ‘अंतर्निहित सिद्धांतों की समझ’ को साझा करने को इच्छुक है। उन्होंने कहा कि भारतीय निर्माता कई देशों को आईटी एवं दूरसंचार उत्पादों के निर्यात में पहले ही काफी प्रगति कर चुके हैं और इसके साथ ही उन्‍होंने यह साबित कर दिया है कि भारतीय आईटी एवं दूरसंचार उत्पाद विश्वस्तरीय गुणवत्ता के हैं और प्रौद्योगिकी एवं कीमत के लिहाज से विश्‍व स्‍तर पर प्रतिस्पर्धी हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी दूरसंचार उद्योग के सभी तत्व भारत में विद्यमान हैं। विशाल घरेलू बाजार, विश्व स्तर की प्रतिभा, अनुसंधान एवं विकास और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के सृजन पर फोकस के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए मजबूत ढांचा भी इन तत्‍वों में शामिल हैं।

श्री सिन्हा ने दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, कैरिबियन, लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के 28 प्रतिभागी देशों के प्रतिनिधियों को बताया कि भारत विशेष रूप से ब्रॉडबैंड की बढ़ती पैठ के बल पर सबसे तेजी से बढ़ते दूरसंचार नेटवर्क होने का गौरव भी रखता है। इस विशाल दूरसंचार नेटवर्क को ऐसे उपकरणों और प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है जो दुनिया में सर्वोत्‍त्‍म हो। इसके बावजूद भारत में टेलीफोन संबंधी शुल्‍क दरें दुनिया में सबसे कम हैं।

डिजिटल खाई को पाटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन का उल्‍लेख करते हुए श्री सिन्‍हा ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ संबंधी पहलों पर दिए जा रहे विशेष जोर को देखते हुए अभिनव उत्पादों एवं सेवाओं के लिए एक बड़ा अवसर सृजित हुआ है तथा भारत एक और डिजिटल एवं डेटा क्रांति के लिए तैयार है।

अपने संबोधन में दूरसंचार सचिव श्री जे.एस. दीपक ने कहा कि पिछले एक महीने में भारतीय दूरसंचार क्षेत्र एक दूरसंचार ऑपरेटर की व्‍यापक लांचिंग, बड़े विलय और भारत में अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी की शुरुआत जैसी कुछ प्रमुख घटनाओं का गवाह रहा है।

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