लखनऊ: भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में दिनांक 14 से 30 सितम्बर 2015 तक आयोजित हिन्दी पखवाड़े का समापन आज व्याख्यान एवं पारितोषिक वितरण समारोह के साथ सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर संस्थान के सभी वैज्ञानिकांे, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।
पखवाड़े के पुरस्कार वितरण एवं समापन कार्यक्रम में डा. शैलेन्द्र राजन, निदेशक, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ मुख्य अतिथि के रूप में तथा डा. हेमांशु सेन, वरिष्ठ प्राचार्य, हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थिति थे। मुख्य अतिथि, डा. एस. राजन ने हिन्दी भाषा के विकास के इतिहास का उल्लेख करते हुए संस्थान में अपने सभी कार्यो को हिन्दी में करने की सलाह दी। डा. राजन ने हिंदी का महत्व बताते हुए कहा कि हिंदी की प्रतिद्वंदिता किसी भी प्रादेशिक भाषा के साथ नही हैं, अपितु हिंदी भाषा सभी प्रादेशिक भाषाओं को साथ लेकर संपर्क भाषा के रूप में सभी भारतवासियों को एकजूट रखने में सहायक सिद्ध हो रही है। डा. राजन ने अपने विभिन्न देशों के प्रवास के दौरान विदेशियों द्वारा भी हिन्दी के प्रयोग करने के संस्मरण सुनाए। संस्थान के सभी कार्मिकों को संबोधित करते हुए संस्थान के निदेशक, डा. तपेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने सभी कर्मचारियों को संस्थान द्वारा प्रकाशित राजभाषा पत्रिका ‘इक्षु‘ को गत तीन वर्षो से लगातार राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इन्दिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार/राजभाषा कीर्ति पुरस्कार प्राप्त करने की बधाई दी। डा. हेमांशु सेन ने हिन्दी भाषा के रोजगारपरक होने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि वैश्विक धरातल पर हिन्दी अपनी लोकप्रियता के नये आयाम स्थापित कर रही है। उन्होंने हिन्दी भाषा की पारिभाषिक शब्दावली, व्यावहारिकता एवं सम्प्रेष्यता के महत्व पर बल दिया। डा. ओ.के. सिन्हा, परियोजना समन्वयक, अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना (गन्ना) ने संस्थान में हिन्दी में हो रहे कार्यो की प्रशन्सा करते हुए सभी कर्मचारियों से अधिकाधिक कार्य हिन्दी में करने का आवाहन किया। हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत वर्ष भर में किए गए हिन्दी कार्य की समीक्षा, यूनीकोड में हिन्दी टंकण, संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन का 25 स्लाइडों में प्रस्तुतीकरण, टिप्पणी/परिपत्र लेखन, आदेश/कार्यालय ज्ञापन/समझौता ज्ञापन लेखन, आशुभाषण, हिन्दी के सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्नोत्तरी, अंत्याक्षरी इत्यादि विभिन्न मनोरंजक प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं, जिनमें संस्थान के वैज्ञानिकांे, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में 122 पुरस्कार वितरित किये गये। मुख्य अतिथि, डाॅ. एस. राजन ने ब्रह्म प्रकाश, अखिलेश कुमार सिंह, एस.आई. अनवर, धर्मेन्द्र चन्द्र पन्त, रामसवारे चैरसिया, वरूचा मिश्रा एवं मो. अशफाक सहित पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुरस्कार वितरित किया। हिंदी में अधिकाधिक कार्य करने वाले संभाग की मिठास नामक शील्ड कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक, डा. राजेश कुमार सिंह को प्रदान की गई। इस पखवाड़े के दौरान संस्थान में एक हिन्दी कार्यशाला का आयोजन भी किया गया जिसमें संस्थान के 49 कार्मिकों ने भाग लिया।
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