31 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत जवाबदेह तरीके से ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव का रास्‍ता खुद तय करेगा: धर्मेन्‍द्र प्रधान

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा है कि वैश्विक स्‍तर पर ऊर्जा क्षेत्र में काफी तेज बदलाव आ रहा है। केपीएमजी द्वारा आज यहां आयोजित वार्षिक ऊर्जा सम्‍मेलन –‘एनरिच 2019’ मे हिस्‍सा लेते हुए श्री प्रधान ने कहा कि भारत का ऊर्जा क्षेत्र भी बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। ‘ भारत में हम व्‍यावसायिक रूप से व्‍यवहार्य ऊर्जा स्रोतों के स्‍वस्‍थ्‍य मिश्रण के माध्‍यम से अधिक ऊर्जा और कम कार्बन उत्‍सर्जन का दोहरा उद्देश्‍य प्राप्‍त करने का रास्‍ता तलाश रहे हैं। भारत एक जिम्‍मेदार तरीके से ऊर्जा क्षेत्र में संक्रमण काल का रास्‍ता खुद तय करेगा।

http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image001IS8U.jpg

कार्यक्रम में सतत विकास पर बोलते हुए श्री प्रधान ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र का सतत विकास निश्चित रूप से सरकार की उच्‍च प्राथमिकता है। भारत सहित पूरी दुनिया जब वैश्विक विकास और कल्‍याणकारी उपायों को आगे बढ़ाने के लिए अधिक प्रभावी उपायों की तलाश कर रही है तो ऐसे समय में ऊर्जा की मांग और आपूर्ति में आशातीत वृद्धि हो रही है। उन्‍होंने आगे कहा कि दुनिया के बाकी हिस्‍सों की तुलना में भारत में ऊर्जा किल्‍लत से निबटने के तरीके विशेष राष्‍ट्रीय परिस्थितियों पर आधारित होंगे। ऐसा तब और अधिक आवश्‍यक हो गया है जब भारत में प्रति व्‍यक्ति ऊर्जा खपत वैश्‍विक स्‍तर पर प्रति व्‍यक्ति ऊर्जा खपत का केवल एक तिहाई है। भारती की बढ़ती ऊर्जा जरुरतों का जिक्र करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि देश में ऊर्जा की बड़ी खपत है जो आने वाले दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग को गति देगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के पांच खरब वाली भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की परिकल्‍पना का जिक्र करते हुए श्री प्रधान ने कारोबारी सुगमता और सहज जीवन के लिए अनुकूल माहौल बनाए जाने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि देश का आर्थिक विकास आधारभूत अवसंरचना क्षेत्र में बड़े निवेश, डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था और लघु तथा मध्‍यम उद्योगों में रोजगार सृजन से ही संभव होगा।

आर्थिक सुधारों का जिक्र करते हुए केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कारोबार के लिए अनुकूल माहौल बनाने के वास्‍ते कई ढांचागत सुधार किए हैं। इनमें दिवाला एंव शोधन अक्षमता संहिता, कर सुधारों तथा बौद्धिक संपदा सुधार शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में भी कारोबार अनूकुल नितियों के माध्‍यम से बडा बदलाव किया गया है। गैस आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए श्री प्रधान ने कहा कि वह गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए सभी प्रयास कर रही है। गैस अवसंरचना के विकास में 60 बिलियन डॉलर का अनुमानित निवेश किया जा रहा है, जिसमें गैस पाइपलाइन, शहरी क्षेत्र में गैस वितरण और एलएनजी टर्मिनल शामिल हैं।

श्री प्रधान ने राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति का भी उल्‍लेख किया जो कृषि-अवशेषों और शहरी कचरों के कचरे से विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन उत्पन्न करने के लिए अपशिष्टों के लाभकारी उपयोग पर लक्षित है। कार्यक्रम में उन्‍होंने एक नीति पत्र भी जारी किया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More