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पंचायती राज विभाग की समीक्षा योजनान्तर्गत संचालित कार्यों में शिथिलता, भ्रष्टाचार व कमीशनखोरी बर्दाश्त नहीं: राम गोविन्द चैधरी

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री राम गोविन्द चैधरी आज यहां पंचायती राज निदेशालय में विभागीय समीक्षा करते हुये अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये है कि पंचायती राज विभाग की योजनाओं के संचालन में किसी भी स्तर पर निर्माण कार्यों में शिथिलता, भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृत धनराशि का उपयोग पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाय तथा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बनाये रखते हुये कार्यों में तेजी लायी जाय, ताकि सभी कार्यों को समय से पूरा किया जा सके। उन्होंने विभागीय कार्यों के संचालन में आ रही दिक्कतों को शीघ्र दूर करने भी निर्देश दिये।
बैठक में पंचायती राज मंत्री ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 30 लाख लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 6.40 लाख व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत पूरे देश में प्रदेश को दूसरा स्थान मिला है। प्रदेश में व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए लाभार्थी को 12 हजार रुपये प्रति शौचालय दिये जा रहे हैं। खुले में शौच मुक्त प्रदेश बनाने के लिए लोगों को शौचालय निर्माण तथा इसका उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खुले में शौच मुक्त योजना के तहत प्रदेश के 836 ग्रामों को संतृप्त किया गया है तथा 100 ग्रामों का सत्यापन भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए कुल 79646.19 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है जिसमें से 61763.67 लाख रुपये व्यय की गयी।

श्री चैधरी ने बताया कि पंचायत उद्योगों के माध्यम से 50 जनपदों में सैनेट्री नैपकिन तथा मैटरनिटी नैपकिन का उत्पादन प्रारम्भ किया गया है। शेष जनपदों में भी शीघ्र ही इसका उत्पादन प्रारम्भ किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि जनपद इटावा, फिरोजाबाद, कन्नौज, आजमगढ़, एवं सोनभद्र में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में 1180 स्नानागृहों का निर्माण कराया गया तथा जनपद बांदा, हमीरपुर, महोबा, बस्ती एवं मिर्जापुर में भी 1855 स्नानागृहों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि डा0 राममनोहर लोहिया ग्राम विकास योजना के तहत चयनित ग्रामों में सी0सी0रोड, नाली निर्माण तथा इंटरलाकिंग टाईल्स लगाने की व्यवस्था की गयी है। इस योजना के लिए 2000 तक की आवादी वाले ग्राम पंचायतों को 20 लाख, 5000 तक की आवादी वाले ग्राम पंचायतों को 30 लाख रुपये तथा 5000 से अधिक की आवादी वाले ग्राम पंचायतों को 40 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है।
मंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में अन्त्येष्टि स्थलों के निर्माण एवं विकास के लिए प्रति अन्त्येष्टि स्थल को 24.35 लाख रुपये दिये जा रहे हैं। इसी प्रकार महिला प्रधानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार योजना चला रही है, जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रधानों को एक लाख रुपये तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री चंचल कुमार तिवारी, निदेशक श्री अनिल कुमार दमेले के साथ जनपदों के जिला पंचायत राज अधिकारी, मण्डलीय उपनिदेशक तथा मुख्यालय के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

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