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अवैध शराब के निर्माण/व्यापार में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश देते हुएः पुलिस महानिदेशक

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: श्री जावीद अहमद पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपद, समस्त परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक एंव समस्त जोनल पुलिस महानिरीक्षकों को परिपत्र के माध्यम से निर्देश दिये गये हैं कि अवैध षराब के निर्माण/व्यापार में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये ।
पुलिस महानिदेशक द्वारा कहा गया है कि जनपदों के थानों में नियुक्त आरक्षीगणों को अपने बीट क्षेत्र में एवं हल्के के उप निरीक्षक को उनके हल्के के क्षेत्र में इस प्रकार के अपराधों में संलिप्त व्यक्तियों तथा स्थानों के सम्बन्ध में अभिसूचना एकत्र कर उनका चिन्हीकरण करने हेतु उत्तरदायी बनाया जाये। सभी थाना प्रभारी इन चिन्हित व्यक्तियों एवं स्थानों के ऊपर प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। सभी क्षेत्राधिकारीगण अपने सर्किल में थानेदानों द्वारा अवैध शराब की बिक्री के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही की समीक्षा प्रत्येक माह करेंगे। इस दिशा में अच्छे कार्य करने वाले आरक्षीगणों को पुलिस अधीक्षक द्वारा क्षेत्राधिकारी की संस्तुति पर प्रतिमाह पुरस्कृत भी किया जाये। इसके अतिरिक्त सभी क्षेत्राधिकारी अपने सर्किल में अवैध शराब के विरूद्ध अभियान चलाने के लिए नोडल अधिकारी होंगे। पुलिस अधीक्षक प्रत्येक माह क्षेत्राधिकारी के द्वारा इस दिशा में किये गये प्रयासों की समीक्षा अपराध गोष्ठी में करेंगे तथा उन्हें उचित मार्गदर्शन दिया जाये। अवैध एवं कच्ची षराब के व्यापार की सूचना स्थानीय थाना स्तर पर हर
अन्य सम्भव स्रोतों के माध्यम से भी संकलित कर इस कार्य में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही करायी जाये।
उन्होंने कहा कि अवैध षराब का व्यापार करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध गैगेस्टर, गुण्डा एवं हिस्ट्रीषीट खोलकर उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिष्चित करायी जाये। अवैध षराब निष्कर्षण एवं बिक्री एक संगठित अपराध है। इस कार्य में प्रत्यक्ष अथवा परोक्षतः संलिप्त पाये जाने पर अवैध षराब के व्यापार में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य संकलित कर उनके विरूद्ध गिरोहबन्द अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही किया जाये तथा अवैध षराब के व्यापार से अर्जित चल-अचल सम्पत्ति की जब्तीकरण की कार्यवाही गैगेस्टर अधिनियम की धारा 14(1) के अन्तर्गत भी की जाये। जनपद स्तर पर प्रत्येक माह होने वाली अपराध गोष्ठी में जिला आबकारी अधिकारी को भी आमंत्रित किया जाये तथा इस सम्बन्ध में उनसे भी विस्तार से चर्चा कर अवैध मदिरा के रोकथाम हेतु संयुक्त टीम गठित कर आवष्यक कार्यवाही करायें। अवैध षराब के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध आबकारी अधिनियम की धारा-60 के अतिरिक्त भादवि की धारा-272 का भी प्रयोग किया जाये, ताकि ऐसे अपराधों में लिप्त अपराधियों की षीघ्रता से जमानत न हो सके। अवैध शराब की तस्करी में पकड़े गये व
ाहनों के विरूद्ध आबकारी अधिनियम 1910 की धारा-72 एवं 73 के अनुसार वाहन को सीज करने की कार्यवाही की जाये।
संवेदनशील स्थानों/मार्गाें पर स्थापित ढाबों पर अवैध शराब की खरीद-बिक्री रोकने हेतु समय-समय पर आकस्मिक चेकिंग करायी जाये। यदि किसी पुलिस कर्मी की अवैध शराब के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों से सांठ-गांठ हो तो उनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जाये। अवैध षराब निष्कर्षण एवं बिक्री के व्यवसाय में संलिप्त व्यक्तियों को इससे होने वाली क्षति तथा दुष्परिणामों के बारे में स्थानीय सम्भ्रान्त नागरिकों एवं स्थानीय पुलिस द्वारा बताया जाये और ऐसा कृत्य न करने के लिए उन्हे प्रोत्साहित किया जाये, ताकि वह ऐसे दुष्कृत्य को छोड़कर समाज की मुख्य धारा में वापस आकर जीवन यापन कर सके।
पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रकरण की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए निर्देषित किया गया कि जनपद के आबकारी विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों से समन्वय करते हुए अवैध मदिरा के निर्माण/व्यापार की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही सुनिष्चित की जाये।

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