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आईआईटी खड़गपुर ने कोरनेट ग्लोबल एकेडमिक चैलेंज 6.0 जीता

देश-विदेश

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, खड़गपुर के चार स्नातक छात्रों की एक टीम कुशमैन एंड वेकफील्ड, केआई और आईए: इंटीरियर आर्किटेक्ट्स द्वारा प्रायोजित कोरनेट ग्लोबल एकेडमिक चैलेंज 6.0 के विजेता के तौर पर उभरी है। इस टीम में सिद्धांत समर्थ (स्‍नातक तृतीय वर्ष, सिविल इंजीनियरिंग विभाग), प्रतिम मजूमदार (स्‍नातक तृतीय वर्ष, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग), ऋषिता राज (स्‍नातक द्वितीय वर्ष, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग) और उत्कर्ष अग्रवाल (स्‍नातक तृतीय वर्ष, विनिर्माण विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग) शामिल थे। इस टीम का मार्गदर्शन प्रो जेनिया मुखर्जी (मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग) ने किया। दुनिया भर की कुल 1,300 टीमों में आईआईटी खड़गपुर की टीम अंतिम दौर में पहुंचने वाली चार टीमों में शामिल थी। इसे 18 मार्च 2021 को ऑनलाइन माध्‍यम से आयोजित अंतिम दौर में यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ डेनवर के खिलाफ 18वें स्थान पर रखा गया। साल 2015 में इस प्रतियोगिता की शुरुआत के बाद यह पहला अवसर है जब भारतीय टीम कोरनेट ग्लोबल एकेडमिक चैलेंज में विजेता के तौर पर उभरी है।

कोरनेट ग्लोबल एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसका मुख्यालय अटलांटा, जॉर्जिया (अमेरिका) में है। यह बड़ी कंपनियों की रियल एस्‍टेट परिसंपत्तियों के लिए सामरिक जवाबदेही वाले 50 देशों में 11,000 से अधिक वरिष्‍ठ अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है। इस संगठन का उद्देश्‍य वैश्विक स्‍तर पर 46 स्थानीय शाखाओं एवं नेटवर्किंग समूहों में व्यावसायिक विकास के अवसरों, प्रकाशनों, अनुसंधान कार्यों, सम्मेलनों, प्रयोजनों और नेटवर्किंग के माध्यम से कॉरपोरेट रियल एस्‍टेट प्रथा को आगे बढ़ाना है। व्यावसायिक विकास के अवसरों, प्रकाशनों, अनुसंधान, सम्मेलनों और शाखाओं एवं नेटवर्किंग समूहों के माध्यम से कॉरपोरेट रियल एस्‍टेट प्रथा को आगे बढ़ाना कोरनेट ग्लोबल का मिशन है। कोरनेट ग्लोबल का उद्देश्य अपने नेटवर्क को व्यापक बनाना, कॉरपोरेट रियल एस्टेट के प्रोफाइल को बढ़ाना, पेशे की आवाज एवं एक विचारशील नेता के रूप में सेवा करना और पेशे के विकास एवं परिपक्वता में चैम्पियन बनाना है। कोरनेट ग्लोबल हर साल दुनिया भर के छात्रों को गूगल, ड्यूक एनर्जी, एस्ट्राजेनेका, व्हर्लपूल जैसी प्रसिद्ध कंपनियों एवं अन्‍य तमाम संस्‍थानों के लिए रियल एस्टेट पेशेवरों के सामने आने वाली समस्या के बारे में साथ मिलकर रचनात्मक तरीके से सोचने के लिए आमंत्रित करता है। दुनिया भर के संस्‍थान कंपनियों की तमाम चुनौतियों जैसे पुरानी पीढ़ी के कर्मचारियों को बरकरार रखते हुए मिलेनियल्‍स के लिए आकर्षक कर्मचारी अनुभव तैयार करना अथवा व्यवसाय की गति एवं रियल एस्‍टेट की सामान्‍य गति के बीच अंतर को कम करना आदि के लिए समाधान प्रस्‍तुत करने में प्रतिस्‍पर्धा करेंगे। आईआईटी खड़गपुर की टीम ने लंदन स्थित एक काल्पनिक वित्तीय संस्थान ब्लू बैंक पर वैश्विक महामारी के प्रभाव को देखते हुए पर्यावरण के अनुकूल एक लचीला कॉरपोरेट रियल एस्टेट पोर्टफोलियो विकसित करने के एक काल्पनिक मामले पर काम किया।

इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के विजेताओं के रूप में घोषित किए जाने के ठीक बाद सिद्धांत, प्रतिम, ऋषिता और उत्कर्ष की टीम ने कहा, ‘यह एक अज्ञात क्षेत्र था लेकिन वास्‍तव में हम सभी के लिए एक आनंददायक क्षेत्र साबित हुआ। शुरू से ही हम एक ग्रीन रियल एस्‍टेट पोर्टफोलियो के निर्माण के लिए आवश्यक प्रत्येक पहलू को समायोजित करने के लिए नवोन्‍मेषी दृष्टिकोण को बनाए रखने और व्‍यापक समाधान प्रस्‍तुत करने के लिए सतर्क थे। सबसे पहले हमने बेंचमार्किंग तंत्र को विकसित किया, फिर कुशल निवेश सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक कार्बन बाजार तैयार किया और उसके बाद रणनीतिक समय-सीमा निर्धारित करने के लिए रियल ऑप्‍शंस एनालिसिस का सहारा लिया। उसके बाद स्‍कोरिंग पद्धतियों, हैवरसाइन डिस्‍टैंसिंग और क्वालिटेटिव फोर्स एनालिसिस का उपयोग करते हुए एक नई शाखा स्‍थापित करने के लिए आदर्श स्‍थान को निर्धारित करने संबंधी मुद्दे को सुलझाया। हमारा समाधान विभिन्न नवीन वित्तीय उत्पादों को पेश करने और वैश्विक महामारी के प्रभाव के अनुसार हमारे तरीकों को ढालने के विचार के साथ संपन्‍न हुआ। हमारे संकाय सलाहकार प्रो. जेनिया मुखर्जी ने न केवल प्रोत्‍साहित करने वाले अपने शब्दों के माध्यम से बल्कि हमारे हरेक विचार के सामाजिक निहितार्थों पर प्रकाश डालते हुए हमें निरंतर प्रेरित किया। उन्‍होंने हमारे समाधान के प्रत्येक घटक पर गंभीरता से ध्‍यान दिया और उसकी कमियों के बारे में बताया। यदि आपके पास इस तरह के उत्कृष्ट प्रोफेसर का सहारा है तो निश्चित तौर पर आपका प्रदर्शन निश्चित तौर पर स्‍वत: बेहतरीन हो जाता है।’

मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग की प्रो. जेनिया मुखर्जी ने इस जीत के बाद खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘इस टीम द्वारा अपने संभावित विचारों को साझा करने के तुरंत बाद मुझे पूरा विश्वास हो गया था कि इस दस्ते में कुछ प्रतिभा दिखाने की क्षमता थी। उन्‍हें केवल निखारने और कमियों को दुरुस्‍त करने की आवश्‍यकता थी क्योंकि इसका हरेक पहलू अपने आप में अभिनव और व्यापक तौर पर लागू करने लायक था। स्‍क्रैच से ग्रीन स्कोरिंग मॉडल बनाने के लिए सिद्धांत को, आंतरिक कार्बन बाजार की स्थापना एवं  बायोमियल रियल ऑप्‍शंस का उपयोग करते हुए एक रणनीतिक समय-सीमा निर्धारित करने के लिए प्रतिम को, हैवरसाइन डिस्‍टैंसिंग, लोकेशन स्‍कोरिंग एवं फोर्स एनालिसिस के लिए ऋषिता को और कोविड-19 संकट के नजरिये से हरेक पहलू को समझने एवं उसके अनुरूप कार्य योजना का सुझाव देने के लिए उत्कर्ष को बधाई। मुझे निश्चित रूप से यकीन है कि इन उम्‍दा विचारों को आगे के शोध के माध्यम से पूरी तरह कार्यान्वयन के लायक एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सकता है और वह दिन दूर नहीं जब इन काल्पनिक समाधानों पर कॉरपोरेट जगत में अमल होने लगेगा।’

टीम को 5,000 डॉलर, कोरनेट ग्लोबल की छात्र सदस्यता (खुदरा मूल्य: 25 डॉलर) और कॉरपोरेट रियल एस्टेट के लिए द इसेंसियल गाइड की एक प्रति (खुदरा मूल्य: 49.99 डॉलर) से सम्मानित किया जाएगा।

प्रो. मुखर्जी, प्रतीम, सिद्धांत ऋषिता और उत्कर्ष को कोरनेट ग्लोबल (मुंबई) भारत के क्षेत्रीय अनुभव निदेशक द्वारा व्यक्तिगत तौर पर बधाई दी गई है। उन्हें अगले महीने एक वेबिनार में भारतीय सदस्यों के लिए प्रस्तुति देने के लिए कहा गया है।

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