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राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया

उत्तर प्रदेश
लखनऊ: प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक तथा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां राजभवन के प्रांगण में आयोजित दो दिवसीय प्रादेशिक फल,

शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2016 का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इसके उपरान्त राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने प्रांगण में लगाए गए विभिन्न स्टालों में प्रदर्शित किए गए फल, शाकभाजी, पुष्प तथा उद्यान उत्पादों का अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने स्मारिका ‘प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2016’ का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे प्रतिभागियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी और आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी वे इसी उत्साह के साथ इस प्रदर्शनी में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि फलोद्यान उत्पादों की बेहतरी के लिए अभी और प्रयास करने होंगे, ताकि फल, शाकभाजी तथा पुष्प इत्यादि की उपज में बढ़ोत्तरी हो, जिससे किसान खुशहाल बने और राज्य में इन उत्पादों की कमी भी न हो।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समृद्ध बागवानी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण जलवायु में सभी प्रकार के औद्यानिक फसलों की खेती की जा सकती है, परन्तु व्यावसायिक रूप से फसलों के उच्च-गुणवत्तायुक्त उत्पाद को प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का सहारा लेना अधिक उपयुक्त होगा। श्री यादव ने वैज्ञानिक खेती पर जोर देते हुए कहा कि कृषक एवं बागवान, औद्यानिक फसलों का समुचित प्रबन्धन करके प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि कर सकते हैं तथा स्वस्थ एवं सम्पन्न समाज की संरचना करने में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
प्रदर्शनी के दौरान राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री की उपस्थिति में लोगों के समक्ष महाराष्ट्र से आए कलाकारों ने अपनी कला का भी प्रदर्शन किया, जिसे सभी ने सराहा। मुख्यमंत्री ने कलाकारों के उत्साहवर्धन के लिए एक लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र राज्यों में काफी समानताएं हैं और दोनों का एक-दूसरे से काफी पुराना सम्बन्ध है। ये दोनों राज्य एक-दूसरे की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
गौरतलब है कि 27 व 28 फरवरी को आयोजित की गई इस प्रदर्शनी में राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, सेना, सीमा सुरक्षा बल, उच्च न्यायालय लखनऊ, पी0ए0सी0, कारागार, सीमैप, रेलवे, एच0ए0एल0, लखनऊ विकास प्राधिकरण, उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, नगर निगम, एस0जी0पी0जी0आई0, राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय, अंसल ए0पी0आई0, टाटा मोटर आदि संस्थाओं द्वारा मुख्य रूप से प्रतिभाग किया गया। दोनों दिन यह प्रदर्शनी आम जनता के लिए खुली रहेगी।
प्रदर्शनी में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा, केन्द्रीय औषधि एवं संगध पौध संस्थान (सीमैप), नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद, चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, औद्योगिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र बस्ती, सहारनपुर, एवं बरूआ सागर, झांसी, कृषि विभाग, वी0के0एस0 कृषि विज्ञान केन्द्र उन्नाव, राजकीय उत्तक सम्बर्द्धन प्रयोगशाला अलीगंज, उद्यान निदेशालय, जम्मू एवं कश्मीर सरकार तथा धन्वन्तरि वाटिका राजभवन शामिल हैं।
इसके अलावा, लिविंग ग्रीन आॅर्गेनिक्स जयपुर तथा काशी आॅर्गेनिक केयर प्रोड्यूसर कम्पनी गाजीपुर तथा हरित उद्यान मसाला फैजाबाद द्वारा रसायनों के इस्तेमाल के बगैर फलों, सब्जियों, दालों तथा अनाज के विभिन्न खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों को, शिक्षात्मक स्टाॅल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा सूचना केन्द्र भी स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से प्रदर्शनी में आए आगन्तुकों को बागवानी के क्षेत्र में हो रही गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ विभिन्न बागवानी फसलों के साहित्य के निःशुल्क वितरण की भी व्यवस्था की गई है।
यह भी उल्लेखनीय है कि इस फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन विगत 41 वर्षाें से अधिक समय से राजभवन परिसर में किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की जैव विविधता को एक स्थान पर समेकित रूप से आम जनता को दिखाना, प्रदेश के विभिन्न अंचलों में उत्पादित फल, शाकभाजी एवं पुष्पों के उत्कृष्ट प्रदर्शाें को जनता को दिखाना तथा विभिन्न औद्यानिक उत्पादों एवं प्रसंस्कृत पदार्थाें की प्रतियोगिता के माध्यम से समस्त दर्शकों एवं प्रतिभागियों में अच्छे उत्पादन हेतु प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न करना है।
इस प्रदर्शनी के अवलोकन से जहां एक ओर शहरी जीवन की भीड़ भरी दिनचर्या से हटकर फूलों के बीच में लोगों से प्रकृति के निकट आकर शान्ति की अनुभूति होती है, वहीं दूसरी ओर कृषकों/बागवानों तथा आम जनता को अपनी-अपनी सुविधा के अनुरूप विभिन्न प्रकार के फल, शाकभाजी एवं पुष्पों का उत्पादन करने की प्रेरणा भी मिलती है।

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