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सरकार ‘गरीबी हटाओ’ के बजाये ‘गरीबी मिटाओ’ के लिए प्रतिबद्ध: श्री पीयूष गोयल

देश-विदेश

नई दिल्ली: ऊर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि हमारी सरकार ‘गरीबी हटाओ’ के बजाये ‘गरीबी मिटाओ’ के लिए प्रतिबद्ध है। कल यहां 8वें वैश्विक सीएसआर सम्‍मेलन सह जिम्‍मेदार संगठन उत्‍कृष्‍टता पुरस्‍कार 2015-16 को संबोधित करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि ,’ भारत में एक भी व्‍यक्ति ऐसा नहीं होना चाहिए जिसके पास बेहतर जीवन स्‍तर न हो’।

इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमें इन पुरस्‍कारों के जरिये कंपनियों के बजाये लघु उद्योगों को प्रोत्‍साहित करने की जरुरत है। उन्‍होंने कहा कि इन उद्योगों को बड़ी कंपनियों से उनकी सीएसआर परियोजनाओं के लिए समर्थन पाने के जरिये बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। मंत्री महोदय ने सीएसआर परियोजनाओं की मात्रा एवं स्‍तर को बढ़ाने की जरुरत पर जोर दिया एवं कहा कि ‘ हमें जनहित, कॉरपोरेट सामाजिक उत्‍तरादायित्‍व एवं अन्‍वेषण को एकीकृत करने और इसे आगे बढ़ाने की जरुरत है जिससे कि समाज पर इसका ठोस एवं सुस्‍पष्‍ट प्रभाव पड़े। मुझे भरोसा है कि एसोचैम जैसे संगठन हितधारकों के बीच सेतु के रूप में काम कर सकते हैं एवं सीएसआर परियोजनाओं को आगे बढ़ा सकते हैं।‘ श्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर इस तथ्‍य को दुहराया कि सीएसआर परियोजनाओं में सरकार और निजी साझीदारियां समाज के बेहतर कल्‍याण को बढ़ावा दे सकती हैं।

श्री गोयल ने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों द्वारा किए जाने वाले कल्‍याणकारी कार्यों की वकालत करते हुए कहा कि मेरी जानकारी यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कंपनी कानून के संशोधन के बहुत पहले से सीएसआर कार्य करते रहे हैं। इसलिए, पीएसयू के लिए सीएसआर कार्य ऐसा नहीं है जो दो वर्ष पहले अधिदेशित कानून की वजह से शुरु किया गया हो। वे ऐसा एक साथ पिछले कई वर्षों से करती आ रही हैं। श्री गोयल ने कहा कि ‘केवल मेरे मंत्रालयों के तहत ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने खासकर देश के दुर्गम्‍य और दुरस्‍थ क्षेत्रों में ग्रामीण विद्यालयों में एक लाख बीस हजार शौचालयों के निर्माण के लिए पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान 2,200 करोड़ रुपए व्‍यय किए हैं। पीएसयू में ढेर सारे अच्‍छे कार्य किए जा रहे हैं।‘

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