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अल्पसंख्यक छात्रों के लिए वर्ष 2015-16 की छात्रवृत्ति का वितरण सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने उठाया अहम कदम

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत सरकार ने एक बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पहली बार अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को वर्ष 2015-16 के लिए निर्धारित छात्रवृति राशि का इस्तेमाल वैकल्पिक व्यवस्था से अगले वित्त वर्ष में करने की अनुमति दे दी है। सरकार द्वारा ये कदम वर्ष 2015-16 में देश भर के अल्पसंख्यक छात्रों को उनकी बकाया छात्रवृति राशि का वितरण सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। सरकार ने राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल पर अल्पसंख्यक छात्रों को आ रही तकनीकी समस्याओं के मद्देनजर ये कदम उठाया है।

छात्रवृति का भुगतान डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर – प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) मोड से करने की दिशा में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयास जारी हैं। भारत सरकार और राज्य सरकारों के बीच नियमित तौर पर हो रही उच्च स्तरीय बैठकों की मदद से अधिकांश चुनौतियों से निपट लिया गया है। फरवरी से छात्रवृति वितरण ने गति पकड़ी है और अभी तक 39 लाख अल्पसंख्यक छात्र अपने बैंक खातों में डीबीटी मोड से छात्रवृति प्राप्त कर चुके हैं। यहां यह भी उल्लेख किया जा सकता है कि अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय हर वर्ष 80 लाख से ज्यादा छात्रों को छात्रवृति वितरित करता है।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने इससे पहले एक और ऐतिहासिक निर्णय लिया है कि सभी छात्रवृत्तियां राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से छात्रों के बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित की जानी चाहिए। वितरण प्रक्रिया में कई पड़ाव होने के कारण छात्रों तक पूरी छात्रवृति राशि समय पर पहुंचने में काफी दिक्कतें आ रही थीं, इसके चलते ये कदम उठाया गया था। इस तरह की व्यवस्था से छात्रों को कदाचारों से छुटकारा मिलेगा। अनियमितताओं के चलते छात्रों को कई स्त्रोतों से छात्रवृति प्राप्त होती थी जबकि कुछ छात्र इसके लाभ से वंचित रह जाया करते थे। इतने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन सत्यापन और धनराशि को सीधे छात्रों के बैंक खातों में ट्रांसफर करने के पहले प्रयास में सरकार को कुछ तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिनमें आवेदनों में अधूरी जानकारी, आवेदन पत्र में दी गई जानकारी में विसंगतियां और सॉफ्टवेयर में खराबियां शामिल हैं।

इसके अलावा मंत्रालय ने वर्ष 2015-16 में अल्पसंख्यक छात्रों की बकाया फेलोशिप की जरूरत को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को मौलाना आजाद राष्ट्रीय फेलोशिप के लिए 5.75 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान भी जारी किया है। कुल मिलाकर मंत्रालय ने वर्ष 2015-16 के दौरान फैलोशिप योजना के लिए 55.43 करोड़ रुपये जारी किए है।

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