37 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

घनसाली आपदा प्रभावितों के साथ राहत के नाम पर मजाक

उत्तराखंड

घनसाली: टिहरी का सीमान्त क्षेत्र घनसाली आपदा की दृष्टि से जिले का सबसे संवेदनशील क्षेत्र है. हर बार प्राकृतिक आपदा में यहां भारी जानमाल का नुकसान होता है, जिसके बाद शासन प्रशासन द्वारा राहत कार्यों के नाम पर कई घोषणाएं की जाती है. प्रभावितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया जाता है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से वो मदद सिर्फ मदद के नाम पर मजाक बनकर रह गई है.
भिलंगना और बालगंगा नदियों के किनारों पर बसे घनसाली का आपदा की दृष्टि से जिले में नंबर सबसे ऊपर है. आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील घनसाली के लोगों की तो आपदा का दंश झेलना अब नियती बन चुका है. हर वर्ष आसमान से बरपे कहर के चलते यहां हजारों हेक्टेयर उपजाऊ भूमि तबाह हो जाती है.

सैकड़ों पशु आपदा की भेंट चढ़ जाते हैं और लोगों के आशियाने तो कहीं मलबे के ढेर में दबे नजर आते हैं. वर्ष 2013 से अभी तक प्राकृतिक आपदा में यहां करीब 19 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. करीब दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. लोगों को राहत के नाम पर मिलता है तो सिर्फ झूठा आश्वासन. यहां तक की सीएम के आश्वासन के बावजूद अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज तक आपदा पुनर्निर्माण कार्य नहीं हुए और प्रभावितों को मुआवजा तक नहीं मिल सका. जिनको मुआवजा दिया गया वो सिर्फ नाममात्र का था, जिससे न तो मकान बन सकता है और न ही जीवन बसर हो सकता है.
मई 2016 से अभी तक प्राकृतिक आपदा से करीब 523 परिवार प्रभावित हुए और करीब 114.417 हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हो चुकी हैं. सरकारी आकड़ों के अनुसार करीब 449 आपदा प्रभावितों को लाखों की रूपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है. लेकिन वास्तव में यह राहत लोगों के लिए अपर्याप्त ही साबित हुई. आज भी लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं.

कविन्द्र पयाल
ब्यूरो चीफ
उत्तराखण्ड

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More