38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

गिरिराज सिंह ने कहा,स्वामित्व योजना की ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी

देश-विदेश

केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्ली में स्कोप कॉम्प्लेक्स के स्कोप सम्मेलन केंद्र में स्वामित्व योजना: ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान की ओर एक कदम पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए डैशबोर्ड (https://svamitva.nic.in/) भी लॉन्च किया।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री गिरिराज सिंह ने सभी राज्यों से 2024 तक समय सीमा से पहले ही स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन को पूरा करने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करने के लिए कहा और आश्वासन दिया कि इस लक्ष्य का पूरा करने हेतु केंद्र सरकार जल्द से जल्द सभी को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।

श्री गिरिराज सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और स्वामित्व योजना गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण में स्वमित्व योजना के उल्लेख का ज़िक्र करते हुए श्री सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही दूरदृष्टि है जो उन्होंने ग्रामीण भारत की बेहतरी के लिए प्रौद्योगिकी एवं डेटा का उपयोग करने का आह्वान किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीक तथा डेटा के इस्तेमाल से ग्रामीण भारत और अधिक पारदर्शी बनेगा। श्री गिरिराज सिंह ने राज्यों से स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन में पंचायतों की भूमिका बढ़ाने का भी आग्रह किया।

स्वामित्व योजना के महत्व के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना से ग्रामीण लोगों में स्वामित्व की भावना उत्पन्न होगी और वे स्वामित्व कार्ड की मदद से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। श्री सिंह ने योजना के तहत उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वामित्व योजना आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

इस मौके पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ने ड्रोन के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया, जो योजना के वांछित परिणामों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं और राज्यों से प्रतिदिन कम से कम 5 गांव प्रति ड्रोन टीम उपलब्ध कराने का आह्वान किया। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ने जमीनी स्तर पर वास्तविकता को परखने के लिए फीचर एक्सट्रैक्टेड मैप उपलब्ध कराने हेतु 15 दिनों की समयसीमा का पालन करने पर भी जोर दिया। इसी तरह, राज्यों को भी सर्वे ऑफ इंडिया को जमीनी हकीकत वाले नक्शे वापस उपलब्ध कराने के लिए 30 दिनों की समय-सीमा का पालन करना चाहिए।

हरियाणा राज्य को दिसंबर 2021 तक लाल-डोरा क्षेत्रों में टाइटल डीड वितरण कार्य पूरा करना है। ड्रोन सर्वेक्षण को दमन और दीव, पुद्दुचेरी एवं लक्षद्वीप जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में पूरा किया जाना है तथा कम से कम 75 जिलों में दिसंबर 2021 तक इस कार्य को ड्रोन सर्वेक्षण के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में ड्रोन सर्वेक्षण युद्ध स्तर पर पूरा किया जाना है। राज्यों में ड्रोन टीमों को बढ़ाने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को प्रोत्साहित किया गया है।

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने भी समय सीमा से पहले ही लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि गांवों को आत्मनिर्भर बनाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है और इसे प्राप्त करने में हमें अपना अहम योगदान देना होगा। उन्होंने ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं के राजस्व के स्रोत (ओएसआर) कर संग्रह के निम्न स्तर पर भी ध्यान आकृष्ट किया। महाराष्ट्र ने राज्य में वितरित संपत्ति कार्ड (सनद) पर मामूली शुल्क लगाकर अपने ओएसआर संपत्ति कर संग्रह में वृद्धि की है। राज्य ऐसे ओएसआर संग्रह को बढ़ाने के लिए स्वामित्व योजना का लाभ उठा सकते हैं, जहां ग्राम पंचायतों को ऐसा करने का अधिकार दिया गया है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीण विकास और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी ग्रामीण से शहरी प्रवास को कम करने में भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने सभी राज्यों से अपने यहां इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना वंचित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम साबित होगी।

इस योजना के कार्यान्वयन में सबसे आगे रहने के लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सराहना की गई। मध्य प्रदेश ने ड्रोन फ्लाइंग, ग्राउंड-ट्रूथिंग और प्रॉपर्टी कार्ड जनरेशन से एंड टू एंड ऑटोमेशन प्रक्रिया विकसित की है। नागरिक क्लिक करके ही योजना की प्रगति देख सकते हैं और अंतिम संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। नागरिक राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली (आरसीएमएस) के माध्यम से भी आपत्ति के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। इससे पारदर्शिता आई है और राज्य में योजना के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित किया गया है। सर्वेक्षण गतिविधियों में तेजी लाने के लिए नए राज्यों को समान वेब-आधारित/मोबाइल-आधारित आईटी प्रणालियों को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

राज्यों को स्वामित्व योजना को एक मिशन मोड में लागू करने और समय पर ड्रोन सर्वेक्षण पूरा करने के लिए ड्रोन का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

इस योजना की सफलता के लिए राज्य और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के बीच घनिष्ठ समन्वय को महत्वपूर्ण बताया गया है। नए राज्यों को वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित विभिन्न मील के पत्थर लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, भारतीय सर्वेक्षण के साथ सक्रिय रूप से संपर्क करने और समयबद्ध तरीके से योजना को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री सुनील कुमार, भूमि संसाधन विभाग में सचिव श्री अजय तिर्की, भारत के महासर्वेक्षक श्री नवीन तोमर सहित भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस सम्मेलन में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, भारतीय सर्वेक्षण और केंद्रीय मंत्रालयों के 60 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में भूमि संसाधन विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नीति आयोग और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

राज्य भूमि अभिलेख विभाग, सर्वेक्षण एवं निपटान विभाग, भूमि राजस्व विभाग, भारतीय सर्वेक्षण, एनआईसी, जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों तथा भारतीय बैंक संघ के अधिकारियों द्वारा राज्यों से सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार तथा स्वामित्व कार्यान्वयन के लिए विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं। छठी अनुसूची के क्षेत्रों में, तकनीकी आवश्यकताएं – एंड-टू-एंड प्रोसेस ऑटोमेशन और कंटीन्यूअस ऑपरेटिंग रेफरेंस सिस्टम (सीओआरएस), संपत्ति कार्ड की बैंकेबिलिटी के पहलू और स्वामित्व डैशबोर्ड की प्रमुख विशेषताएं आदि शामिल हैं।

पृष्ठभूमि:

स्वामित्व (ग्रामों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में तात्कालिक प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण) योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2020 को प्रत्येक ग्रामीण गृह स्वामी को “अधिकारों का रिकॉर्ड” प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को सक्षम करने के संकल्प के साथ शुरू किया गया था। नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन तकनीक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आबाद (आबादी) भूमि का सीमांकन करने के उद्देश्य से स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभागों, राज्य पंचायती राज विभागों तथा भारतीय सर्वेक्षण विभाग का एक सहयोगात्मक प्रयास है। इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है। संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋण सक्षम बनाना; संपत्ति से संबंधित विवादों को कम करना; ग्राम स्तर की व्यापक योजना सही मायने में ग्राम स्वराज प्राप्त करने और ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण गृह स्वामियों को अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करना है। अधिकारों का रिकॉर्ड मालिकों द्वारा बैंक से ऋण तथा अन्य वित्तीय लाभों का फायदा उठाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह योजना ग्राम स्तर पर विवादों के निपटारे, सटीक भूमि अभिलेखों के निर्माण और किसी भी विभाग या एजेंसी द्वारा उपयोग किए जाने वाले सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के रूप में सीओआरएस नेटवर्क की स्थापना में भी मदद करेगी।

चरण I – प्रायोगिक परियोजना (अप्रैल 2020 – मार्च 2021) में हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान राज्यों में सतत संचालन संदर्भ प्रणाली (सीओआरएस) की स्थापना शामिल है। चरण II (अप्रैल 2021 – मार्च 2025) – 2022 तक देश भर में शेष गांवों और सीओआरएस नेटवर्क कवरेज का पूरा सर्वेक्षण।

प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2020 को हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों के 763 गांवों के लगभग 1.25 लाख निवासियों को संपत्ति कार्ड के वितरण का शुभारंभ किया था। इसके अलावा, राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2021 प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के राष्ट्रीय रोल-आउट का शुभारंभ किया और 5,000 गांवों में 4 लाख से अधिक लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड/स्वामित्व कार्ड प्राप्त हुए।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More