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घी-संग्रांद के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक सवाल एक सुझाव कार्यक्रम प्रतिभागियों के सवालो का जवाब देते हुएः मुख्यमंत्री

उत्तराखंड
देहरादून: समृद्धि के लोकपर्व घी-संग्रांद पर सरकार, शासन व सामान्य जन में आपसी संवाद की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए सोमवार को न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में ‘‘एक सवाल एक सुझाव’’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राज्य का बजट बनाते समय भी उन्होंने सामान्यजन से सुझाव लिए थे जिनमें से 12 सुझावों को बजट में शामिल भी किया गया। इसी प्रक्रिया को और व्यापक किया गया है। प्रयास किया जाएगा कि प्रत्येक तीन माह में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें। अगली बार अन्य जिलों से लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि कोई भी सरकार तभी सफल हो सकती है जबकि अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सरकारी प्रक्रियाओं में सुनिश्चित किया जाए। राज्य सरकार का समाधान पोर्टल है जिसमें लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा सप्ताह में एक दिन लोग उन्हें फोन करके अपनी शिकायतें व सुझाव दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी सप्ताह में एक दिन खुद रेंडम आधार पर चयनित नम्बरों पर फोन करके लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछते हैं और उनसे क्षेत्र में सरकारी योजनाओं व विकास कार्यों के क्रियान्वयन का फीडबैक भी लेते हैं। कोशिश है कि हम बेहतर सरकार के तौर पर लोगों में विश्वास उत्पन्न कर सकें।
‘एक सवाल-एक सुझाव’ कार्यक्रम में दर्जनों लोगों ने मुख्यमंत्री से न केवल प्रश्न पूछे बल्कि बहुत से जवाब भी दिए। केप्टन दिगम्बर प्रसाद बलूनी ने पूछा कि सरकार लोक संस्कृति, लोकवाद्यों, लोक कलाकारों के संरक्षण व संवर्धन के लिए क्या कार्य कर रही है। लोक कलाकारों के रोजगार के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के संरक्षण के लिए काम किया जा रहा है। झुमैलो एक प्रकार से उŸाराखण्ड की आत्मा है। इसलिए झुमैलो को अम्बे्रला ब्रांड के रूप बढ़ाते हुए दूारी लोक कलाओं के लिए भी कार्य किया जा रहा है। मेला संवर्धन एवं संरक्षण समिति बनाकर इसे सक्रिय किया गया है। सांस्कृतिक पर्यटन की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। लोकवाद्यों के संरक्षण के लिए अल्मोउ़ा में संग्रहालय है। टिहरी में एक संग्रहालय बनाया जाएगा। अल्मोड़ा स्थित गरूड़ाबांज में राष्ट्रीय स्तर का हरिप्रसाद टम्टा संस्थान बनाया जा रहा है। 60 वर्ष से अधिक आयु के कलाकारों, शिल्पकारों के लिए पेंशन प्रारम्भ की गई है। इसके अतिरिक्त जागर करने वालों में से जो लोग अपने बच्चों या दूसरे बच्चों को जागर सिखाते हैं उन्हें मानदेय दिया जाएगा व सीखने वाले बच्चों को छात्रवृŸिा दी जाएगी। राज्यगीत जल्द ही सबके सामने होगा। कुमायूं व गढ़वाल विश्विद्यालय में स्थानीय बोलियों व भाषाओं के लिए प्रकोष्ठ स्थापित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। कक्षा 10 व 11 में स्थानीय भाषाओं व बोलियों का अतिरिक्त विषय (आॅप्शनल) प्रारम्भ किया जाएगा। इसे पढ़ने वालों के लिए छात्रवृŸिा की व्यवस्था की जाएगी।
पत्रकार राजेंद्र जोशी ने पूछा कि राज्य में बेरोजगारों के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हमें सरकारी नौकरी की मानसिकता छोड़नी होगी। सरकार ने स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए अनेक निर्णय लिए हैं। स्थानीय उत्पादों को मार्केट उपलब्ध करवाने के लिए सराय योजना के तहत चारधाम यात्रा मार्ग व राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे 100 छोटे-छोटे बाजार बनाए जा रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक कुछ जगहों पर ये देखने को मिल जाएंगे। एमएसएमई में सूक्ष्म व लघु उद्योगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त एनएस नपल्च्याल ने राज्य के पोलिसी प्लांनिंग ग्रुप में सीमांत क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। सीमांत क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं व इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए मंत्रीमण्डलीय उपसमूह के माध्यम से सतत मूल्यांकन की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार की 60 फीसदी पहल पलायन को रोकने के उद्देश्य से ही है। 4 वर्ष में पलायन को रोकने व अगले तीन वर्षों में वहां रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने का लक्ष्य लिया गया है। इसके लिए निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक ब्लाॅक में राजीव गांधी आवासीय अभिनव विद्यालय प्रारम्भ किए जाएं। एक एनजीओ के माध्यम से प्राथमिक विद्यालयों में गणित व अंग्रेजी विषयों को प्यलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी को दूर कर दिया गया है। जल्द ही हाई स्कूल व इंटर काॅलेजों में भी अध्यापक उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इसी के साथ पर्वतीय क्षेत्रों में खेती, प्राकृतिक संसाधनों व मानव संसाधनों को विकसित किया जा रहा है।
पूर्व मंत्री ले.ज.(से.नि.) टीपीएस रावत ने पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे डेमोग्राफिक बदलावों पर चिंता जताते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सर्विस सेक्टर पर प्राथमिकता देनी होगी। स्थानीय तौर पर विभिन्न सेवाओं में लगे स्थानीय युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। पहाड़ी क्षेत्रों में सूक्ष्म व काॅटेज उद्योग को बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आईटीआई के माध्यम से साफ्ट व स्थानीय स्किल को विकसित करने के लिए योजना बनाई गई है। दो आईटीआई महिला मोटर ड्राइविंग के लिए चिन्हित की गई हैं। हाॅस्पिटेलिटी क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने पर काम किया जा रहा है। जैविक विविधता के साथ ही सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। एमएसएमई में 100 औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने का निर्णय लिया गया है। 10 पर काम प्रारम्भ कर दिया गया है जबकि 10 क्लस्टरों को एक्सपोर्ट से लिंक किया गया है। महिला उद्यमियों के लिए 25 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट सब्सिडी व लाभ पर 10 प्रतिशत बोनस किया जाएगा।
पद्मश्री व सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश कौशल ने उŸाराखण्ड के विभिन्न आयोगो ंव समितियों में गैर सरकारी संगठनों के लोगों को भी लिए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने राज्य में कार्यरम सभी गैर सामाजिक संगठनों से समन्वय के लिए एक पृथक से प्रकोष्ठ बनाए जाने की बात भी कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस पर गम्भीरता से लिए जाने का आश्वासन दिया।
उŸाराखण्ड होटल एसोसिएशन के संदीप साहनी ने होटलों के लिए एफएआर को बढ़ाए जाने, आवासीय क्षेत्रो में होटल व्यवसाय की अनुमति दिए जाने व होटलों से बिजली व पानी की दरें उद्योगों की भांति ही लिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देहरादून में एफएआर बढ़ा दिया गया है। दो-तीन माह में इसे पूरे उŸाराखण्ड में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने होटलों से उद्योगो के समान ही बिजली की दरें लिए जाने के लिए मुख्य सचिव राकेश शर्मा को निर्देश दिए।
पत्रकार मीरा रावत ने पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं के समूह बनाकर बंजर भूमि पर स्थानीय उत्पादों की खेती व उत्पादों के विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है। इसमें बैंकों व सहकारी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। मुम्बई, दिल्ली व लखनऊ में उŸाराखण्ड सदन में राज्य के स्थानीय उत्पादों के विपणन के लिए स्थान सुनिश्चित किया जा रहा है। कृषि व वन के बीच में 9 प्रत्शित भूमि बंजर है जिसका उपयोग की कार्ययोजना बनाई जा रही है।
अधिवक्ता पृथ्वीराज चैहान ने हाईकोर्ट की एक बैंच देहरादून में स्थापित किए जाने की आवश्यकता बताई। श्री गोविंद प्रसाद भट्ट ने आयुर्वेद व योग प्रशिक्षितों के लिए रोजगार के संबंध में प्रश्न किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि 100 फार्मासिस्टों के पद स्वीकृत किए गए हैं। योग प्रशिक्षितों के लिए योग क्लिनिक हेतु पर्यटन विभाग को निर्देशित किया गया है। प्राथमिक विद्यालयों में डीपीएड व योग प्रशिक्षितों के लिए पद निकाले जाएंगे।
उŸाराखण्ड इंडस्ट्री एसोसिएशन के पंकज गुप्ता ने सुझाव दिया कि प्रदेश में बैंकों की 2100 शाखाएं हैं। यदि ये सभी प्रत्येक तिमाही में 2-2 औद्योगिक इकाईयां प्रारम्भ करें तो बड़े पैमाने पर पर्वतीय क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधयां प्रारम्भ हो सकेगी। उन्होंने जिला स्तर पर डीएम द्वारा हर महीने उद्यागों से संबंधित लोगों के साथ एक सेमीनार आयोजित कर क्या क्या किए जाने की आवश्यकता है, इस पर गम्भीरता से विचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने सुझावों की सराहना करते हुए मुख्य सचिव को सूक्ष्म व लघु उद्योग को केंद्रीत करते हुए बैकर्स की बैठक आयोजित करने के निर्देश। साथ्ज्ञ ही जिला स्तर पर प्रत्येक माह कार्यशाला आयोजित किए जाने का सर्कुलर जारी करने के भी निर्देश दिए। सीएम ने होटल संसथानों में उŸाराखण्ड के व्यंजनों पर आधारित कोर्स प्रारम्भ किए जाने को भी कहा।
सुश्री नाजिया ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की विषमताएं दूर करने की आवश्ष्कता बताई।  सर्विस सेक्टर समितियां बनाई जाएं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने एमएसएमई के तहत सर्विस सेक्टर काउंसिल बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अर्धशहरी क्षेत्रों में डा.कलाम के ‘पूरा’ माॅडल पर आधारिक संरचना विकसित की जाएगी। कुछ गांवों को भी माॅडल के तौर पर विकसित किया जाएगा।
एसपी कोचर ने प्रदेश के पर्यटन व व्यंजनों के प्रचार प्रसार के लिए ट्यूर एंड ट्रेवलर्स की सेमिनार आायेजित करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग को तीन दिन की कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही कुमायूं व गढ़वाल के दो-दो आईटीआई में प्लम्बर, कारपेंटर आदि के 6 माह के कोर्स शुरू करने के भी निर्देश दिए।
पूर्व सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल ने उपनल के माध्यम से सरकारी विभागों में कार्यरत कार्मिकों को नियमित किए जाने, विभिन्न सरकारी निर्णयों को पूरी तैयारी से लागू किए जाने, अनुभागों द्वारा फाईलों पर की गई नोटिंग को अपर सचिव व सचिव स्तर से पूरी गम्भीरता से पढ़े जाने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उपनल के मामले में तकनीकी पेच आ रहे हैं। वैसे अब नियमित भर्ती के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को सक्रिय कर दिया गया है।
प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने लोक संस्कृति के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही पहलों का स्वागत करते हुए लोक भाषा एकेडमी खोले जाने व संस्कृति, कला व साहित्य परिषद को पुनर्गठित करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एक माह में संस्कृति, साहित्य व कला परिषद का पुनगर्ठन कर दिया जाएगा। संस्कृति भवन के एक हिस्से में उŸाराखण्ड की भाषा व बोलियों के लिए एकेडमी भी जल्द ही स्थापित कर दी जाएगी।
लोक गायक प्रीतम भत्र्वाण ने चारधाम में प्रसाद के लिए राज्य के उत्पादों को प्रयोग किए जाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने चैलाय के लड्डू प्रसाद के तौर देना प्रारम्भ किया है। हेमकुण्ड साहिब ट्रस्ट भी झंगोरे की खीर को प्रसाद के तौर वितरित कर रही है। गायत्री परिवार ने भी यही परम्परा प्रारम्भ किया है।
श्री महेंद्र सिंह तंवर ने प्रत्येक जिले में फोरेस्ट कारपोरेशन के डिपो खोले जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सिस्टम को प्रभापी किए जाने की आवश्यकता भी बताइ। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रमुख सचिव वन को सभी जिलों में डिपो खोले जाने के निर्देश दिए। साथ ही इन डिपो में वृक्षों की जड़ों व बेकार लकड़ी से काष्ठकलाकृतियां बनाने के वर्कशोप स्थापित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव व जिलाधिकारी के स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। जिला प्लान का आकार बढ़ाया गया है। पिछली बार जिला प्लान का 95 प्रतिशत बजट का उपयोग किया गया। सुश्री कुसुम रावत ने कार्यसंस्कृति विकसित किए जाने, जवाबदेही सुनिश्चित किए जाने व ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी मजबूत करने की बात कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार ने मांग आधारित नीति अपानाई है। स्थानीय उत्पादों की मांग को बढ़ाने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। परंतु इसके लिए समाज के दृष्टिकोण में परिवर्तन की आवश्यकता है। मंडुआ, काला भट की मांग बढ़ी है परंतु इनके बोए गए क्षेत्र में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। दूध पर 4 रू.प्रति लीटर बोनस दिया जा रहा है। उŸारकाशी में इसके बाद दूध उत्पादन में ढाई गुना बढ़ोतरी हुई है। श्रीमती गरिमा दासानी ने बच्चों में नशा की प्रवृŸिा को रोकने के लिए प्राथमिक कक्षाओं में ही बच्चों को नैतिक शिक्षा व नशे से होने वाली हानि के प्रति जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्कूल पाठ्यक्रमों में नशे के कुप्रभावों पर पाठ हैं। उन्होंने निदेशक विद्यालयी शिक्षा को प्रचार्यों की सेमिनार आयोजित कर बच्चों को नशे से कैसे दूर रखा जा सकता है इस पर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। देहरादून में प्रवेश के समय एंटी ड्रग एफिडेविट भरवाने की व्यवस्था की गई है। इसे पूरे उŸाराखण्ड में लागू किया जाए।
पूर्व विधायक कुंवर सिंह नेगी ने वन पंचायतों के माध्यम से रोजगार के कार्यक्रम चलाए जाने का अनुरोध किया। साथ ही जड़ी बूटी शोध केंद्र, गोपेश्वर को सेलाकुई से अलग कर विकसति किए जाने का सुझाव दिया।  मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताई गई। उन्होंने कहा कि जायका में नान टिम्बर वनोत्पादों पर काम शुरू किया है। देहरादून में नान टिम्बर वनोत्पादों का संग्रहालय बनाया जा रहा है। जड़ी बूटी संस्थान का ढांचा स्वीकृत किया गया है।
प्रमुख सचिव डा.उमाकांत पंवार ने बंदरों व आवारा कुŸाों की समस्या को गम्भीर बताया। प्रमुख सचिव डा.रणवीर सिंह ने बताया कि हरिद्वार के चिडि़यापुर व अल्मोड़ा में एक-एक बंदरबाड़ा बनाया जा रहा है।

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