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प्रत्येक जिले में डेडीकेटेट गो चिकित्सा केन्द्र खुलेंगे: पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह

उत्तर प्रदेश

लखनऊः उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री धर्मपाल सिंह द्वारा आज यहां विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रदेश में गोवंशीय पशुओं में फैली लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) के प्रभावी नियंत्रण हेतु गठित की गयी टीम-09 की बैठक में रोग प्रकोप के नियंत्रण एवं पशुओं के बचाव हेतु कृत कार्यवाही की विस्तृत समीक्षा की गयी। बैठक में बताया गया कि लम्पी रोग वर्तमान में प्रदेश के 07 मण्डलों तक सीमित है। सरकार द्वारा आकस्मिकता के दृष्टिगत तात्कालिक रूप से कुल 17.5 लाख टीकों का आकस्मिक क्रय कराते हुए जनपदों में माइक्रो प्लान के अनुसार टीकाकरण की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है तथा सभी प्रभावित जिलों में औषधियॉ उपलब्ध कराई गई हैं।
पशुधन मंत्री ने बैठक में वैक्सीनेशन कार्य पर संतोष व्यक्त करते हुए भविष्य में संभावित मांग की पूर्ति हेतु रणनीति बनाने तथा टीकों के एडवान्स बुकिंग हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी केन्द्र के चारो तरफ रिंग बनाते हुए त्वरित टीकाकरण कार्य कराया जाए और बीमारी से अब तक बचे हुए समस्त गोशालाओं/गोआश्रय स्थलों में शत-प्रतिशत टीकाकरण प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाए।
पशुधन मंत्री ने गोशालाओं में बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरण के साथ अन्य प्रभावी उपायोें जैसे बीमारी फैलाने वाले कीटों से बचाव हेतु पारम्परिक उपायों जैसे नीम की पत्ती व गोबर के धुएं का प्रयोग, बीमार पशुओं की देखभाल व उपचार, बीमारी रोकथाम संबंधी सामान्य जानकारी आदि के बारे में पशुपालकों में जागरूकता फैलाने हेतु प्रयासों जैसे पम्पलेट वितरण, जनपदों में कलेक्ट्रेट, विकास भवन, तहसील तथा विकासखण्ड स्तर पर होर्डिंग आदि लगाये जाने की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया।
पशुधन मंत्री ने बीमारी से प्रभावित पशुओं को अलग रखने के उद्देश्य से बनाये गये ’’डेडीकेटेड गोआश्रय स्थलों’’ की भी समीक्षा करते हुए प्रत्येक प्रभावित जनपद में डेडीकेटेड गोआश्रय स्थलों की स्थापना सुनिश्चित कराने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु प्रभावी कदम के रूप में 70 मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) को झांसी मण्डल सहित कुल प्रभावित 07 मण्डलों में भेजा जाए।
बैठक में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दुबे द्वारा अवगत कराया गया कि बीमारी संबंधी नमूनों के परीक्षण हेतु स्थापित प्रयोगशालाओं के साथ ही पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (दुवासू) मथुरा में भी एलएसडी नमूनों की जांच हेतु प्रयोगशाला स्थापित कराई गयी है। इसके अलावा पशुपालन निदेशालय के कंट्रोल रूम में फोन नं0-0522-2741191 तथा मो0नं0- 7880776657 तथा टोल फ्री नं0- 18001805141 स्थापित हैं, जहां से कोई भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
अपर मुख्य सचिव पशुधन ने आगे बताया कि रोग नियंत्रण एवं बचाव हेतु सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बीमारी संबंधित नमूनों के परीक्षण हेतु आई0वी0आर0आई0 बरेली के साथ-साथ पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (दुवासू) मथुरा में भी एल0एस0डी0 नमूनों की जॉच हेतु आर0टी0पी0सी0आर0 आधारित प्रयोगशाला क्रियाशील हो गई है। जिससे जॉच में तेजी आयेगी।
बैठक में पशुपालन निदेशालय के निदेशक डा0 प्रमोद कुमार सिंह, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा0 इन्द्रमणि सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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