35 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

”फसल बीमा पोर्टल” और ”मौसम चेतावनी सेवा – नाऊकास्‍ट”

देश-विदेश

नई दिल्ली: माननीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने आज नयी वेबसाईट – ”फसल बीमा पोर्टल” और ”मौसम चेतावनी सेवा-नाऊकास्‍ट” का लोकार्पण किया। राष्‍ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत कृषि में मिशन मोड (एनईजीपी-ए) परियोजना का लक्ष्‍य देश के किसानों हेतु कृषि संबंधी सूचना की समय पर पहुंच सुनिश्चित करके सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उपयोग के जरिए भारत में कृषि का शीघ्र विकास प्राप्‍त करना है। इस योजना के अंतर्गत कुल 12 कृषि सेवाओं के समूहों के विभिन्‍न घटकों पर वेब आधारित अप्लिकेशनो का विकास किया जा रहा है, जिनमें कृषि आदान सामग्री, मृदा स्‍वास्‍थ्‍य, अच्‍छी कृषि पद्धतियां, मौसम, पशुधन,मात्स्यिकी, विपणन, योजनाओं संबंधी सूचना; प्रशिक्षण आि‍द पर जानकारी शामिल हैं।

       ऐसे कई अप्लिकेशन जिन्‍हें पूरा किया जा चुका है और जो अपेक्षित जांचों व परीक्षणों से गुजर चुके हैं, अब पूरे राष्‍ट्र में शुरू किए जाने के लिए तैयार हैं। आज हम जिन सेवाओं का लाकार्पण करने जा रहे हैं, उनमें फसल बीमा पोर्टल और मौसम चेतावनी सेवा नाऊकास्‍ट शामिल हैं।

किसानों के उपयोग के लिए फसल बीमा पोर्टल

      देश के कुछ भागों में हाल की मौसम की प्रतिकूल स्थितियों तथा उनकी फसलों के बीमा करने के बारे में उनकी गैर जागरूकता के कारण किसानों द्वारा उठाई गई हानियों की दशा में कृषि बीमा कवर हेतु बीमा और उनके अनुप्रयोग पर भी किसानों के प्रश्‍नों पर शीघ्र कार्यवाही को सक्षम बनाने वाले बीमा पोर्टल की तत्‍काल आवश्‍यकता महसूस की गई। वर्तमान प्रावधानों के अनुसार किसान 3 स्‍कीमों के अर्थात राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), संशोधित राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) और मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्‍ल्‍यूबीआईएस) के तहत अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके अलावा देश के कुछ भागों में नारियल पॉम बीमा योजना (सीपीआईएस) भी लागू है, तथापि वर्ष 2014-15 की सांख्यिकी यह दर्शाती है कि केवल लगभग 20 प्रतिशत सकल फसली क्षेत्र बीमित है। ऐसे कम कवरेज के पीछे मुख्‍य कारणों में अन्‍य बातों के साथ-साथ बीमा उत्‍पादों और प्रक्रियाओं के बारे में किसानों की अनभिज्ञता तथा कभी-कभी राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) की तुलना में बहुत अधिक उच्‍च दर शामिल हैं। बहुधा ये दोनों कारक एक बुरे चक्र के रूप में किसानों को हतोत्‍साहित करने का कार्य करते हैं।

       अत: त्‍वरित, शुद्ध और गैर आवर्ती ढंग से 3 मुख्‍य योजनाओं अर्थात् एनएआईएस, एमएनएआईएस और डब्‍ल्‍यूबीआईएस के अंतर्गत अनिवार्य सूचनाओं की प्रविष्टि के ‍लिए एक नया वेब आधारित पोर्टल (www.farmer.gov.in/insurance) तैयार किया गया। अधिसूचित एककों के विषय में जानकारी के लिए ड्रिलडाउन फेसिलिटी के अंतर्गत ग्राफिकल डैशबोर्ड के साथ-साथ इंश्‍योरेंस केलक्‍यूलेटर भी प्रदान किया गया है। किसान इस सुविधा के माध्‍यम से विभिन्‍न कृषि बीमा कंपनियों के डेटाबेस में जाकर उनके क्षेत्र में आबंटित विभिन्‍न बीमा योजनाओं का विवरण व लागू प्रीमियम की जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं। संबंधित राज्‍यों के विभिन्‍न जिलों में अधिसूचित विभिन्‍न बीमा योजनाओं की ऑनलाइन डाटा एंट्री की सुविधा से गलतियां होने की संभावना कम होने के साथ ही किसान को उनके द्वारा चाही जानकारी तुरन्‍त व सही मिल सकेगी। बीमा पोर्टलwww.farmer.gov.in/insurance     के मुख्‍य पृष्‍ठ पर विस्‍तृत प्रक्रिया दी गई है। अगले फेज में विभिन्‍न भाषाओं में इसे तैयार करने के अतिरिक्‍त ऑनलाइन बीमा आवेदन पत्र देने तथा बैंकों द्वारा उसकी संवीक्षा हेतु ऑनलाइन इंटरफेस भी तैयार किये जाने की योजना है।

किसानों को प्रतिकूल मौसम की जानकारी एस एम एस द्वारा देने के लिए तत्‍कालिक पूर्वानुमान (NOWCAST) सेवा

       मृदा विज्ञान मंत्रालय के तहत भारत का मौसम विज्ञान विभाग द्वारा तथा पूरे देश में फैले हुए 130 एग्रोमेट फील्‍ड यूनिटों द्वारा मौसम व सूचना तथा कृषि मौसम विज्ञानीय परामर्श सृजित की जाती तथा उनका प्रसार किया जाता है, तथापि ये परामर्श पहले सृजित किए जाते हैं तथा बहुत बड़े क्षेत्र को कवर करते हैं अत: स्‍थानीय कृषि पारिस्थितिकीय विचलनों के कारण उनकी शुद्धता की हमेशा ही एक सीमा रही है। इस स्थिति से निपटने के लिए आईएमडी ने 17 डोपलर रडार स्‍थापित किए हैं, जो तडित झंझावात ओलावृष्टि आदि जैसी उग्र मौसम संबंधी स्थिति के संबंध में मौसम केंद्रों में सूचना फीड करता है। इन उग्र स्थितियों के लिए इन मौसम केन्‍द्रों में से 146 लगातार डाटा सृजित कर रहे हैं। तथापि आईएमडी द्वारा सृजित उग्र मौसम की स्थिति से संबंधित चेतावनियां उनकी वेबसाईट पर केवल 3 घंटों की अवधि तक वैध हैं। प्रभावित क्षेत्रों (जो इन 146 मौसम केंद्रों से 50 किलोमीटर के घेरे में आते हैं) में किसान समय पर इस सूचना को पूर्व में प्राप्‍त नहीं कर पाते थे, क्‍योंकि फार्म स्‍तर पर आईएमडी वेबसाईट तक पहुंच की एक सीमा थी। अत: नाऊकास्‍ट के नाम से कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा एक नई पहल की गई है। इस पहल के अंतर्गत आईएमडी से सृजित उग्र मौसम संबंधी डाटा को वेब सर्विस का उपयोग करते हुए एम किसानपोर्टल पर डाला जाता है। एम किसान पोर्टल द्वारा प्रभावितजिले/प्रखंडों में स्थित किसानों को उग मौसम स्थिति से संबंधित सूचना एसएमएस द्वारा स्‍वत: और लगातार दी जाती है। यह प्रौद्योगिकीय सफलता कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किए गए एम किसान पोर्टल, आईएमईडी द्वारा  अपनाए गए मौसम प्रौद्योगिकियों और एनआईसी के जीआईएसपोर्टल का संयुक्‍त प्रयास है। अग्रिम में जारी चेतावनियों को वेब पर भी डिस्‍पले किया जाता है। कृषि मंत्रालय का यह प्रयास किसानों को विषम मौसम से निपटने में सहायता करेगा।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More