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सीआईपीएएम-डीआईपीपी ने राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा नीति पर एक सम्मेलन का आयोजन किया

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नई दिल्ली: वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के अंतगर्त आईपीआर संवर्धन तथा प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा कानून (आईपीआर) के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज नई दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा कानून को भारत सरकार ने मई 2016 में स्वीकार किया था।

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा नागर विमानन मंत्री श्री सुरेश प्रभु समारोह के दौरान आईपी प्रतीक चिन्ह (मस्कट) का शुभारंभ करेंगे। इस नीति का एक प्रमुख उद्देश्य भारत में बौद्धिक संपदा के संदर्भ में जागरूकता फैलाने के लिए गणमान्य व्यक्तियों की सेवाएं लेना है। समारोह के दौरान एक एंटी-पायरेसी वीडियों भी जारी किया जाएगा। इस वीडियो में अमिताभ बच्चन ने भूमिका निभाई है।

राष्ट्रीय आईपीआर नीति एक विजन दस्तावेज है जिसका उद्देश्य सभी प्रकार की बौद्धिक संपदाएं, संबंधित कानूनों तथा एजेंसियों के मध्य सहभागिता व समन्वय स्थापित करना है। यह कार्यान्वयन, निगरानी व समीक्षा के लिए एक संस्थागत तंत्र का निर्माण करता है। यह नीति भारतीय परिदृश्य में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करने तथा अनुकूल बनाने का प्रयास करती है।

आईपीआर संवर्धन तथा प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) का गठन 2016 में डीआईपीपी के अंतर्गत एक निकाय के रूप में किया गया था। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय आईपीआर नीति को लागू करना है। अपने निर्माण से लेकर अब तक आईपीआर संवर्धन तथा प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) देश में बौद्धिक संपदा के संदर्भ में जन-जागरूकता फैलाने के लिए प्रयासरत है। यह आईपीआर आवेदन करने के लिए सुविधाएं प्रदान करता है। यह आविष्कारकों को अपनी बौद्धिक संपदा के व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए मंच उपलब्ध कराता है। आईपीआर संवर्धन तथा प्रबंधन प्रकोष्ठ (सीआईपीएएम) राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा कानून लागू करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों, विभागों तथा अन्य हितधारकों के मध्य समन्वय स्थापित करता है।

यह सम्मेलन राष्ट्रीय आईपीआर नीति के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। इसमें दो विशेष सत्र आयोजित किये जाएंगे-नवोन्मेष में महिलाएं तथा बौद्धिक संपदा कानून का निर्माण, जागरूकता, व्यावसायीकरण तथा क्रियान्वयन। सत्र के दौरान यह नीति के उद्देश्य के प्रति हुई प्रगति तथा भविष्य के विकल्प को भी रेखांकित किया जाएगा।

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