33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील चंद्रा ने सुगम और समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ईएमबी का आह्वान किया

देश-विदेश

निर्वाचन आयोग ने आज नई दिल्ली में ‘महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की चुनावी भागीदारी बढ़ाना: सर्वोत्तम उपायों और नई पहलों को साझा करना’ विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया। विश्व निर्वाचन निकाय संघ (ए-वेब) में ईसीआई की अध्यक्षता के दो साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किए गए वेबिनार में 24 देशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों, 4 अंतरराष्ट्रीय संगठनों और 20 राजनयिकों ने भाग लिया।

ए-वेब के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, मुख्य निर्वाचन आयुक्त,  श्री सुशील चंद्रा ने अपने मुख्य भाषण के दौरान कहा कि इस वेबिनार ने सही मायने में सुलभ, समावेशी और सहभागी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बाधाओं को दूर करने की दिशा में काम करने और उनकी पहचान करने के लिए अन्य चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) द्वारा किए गए बेहतर उपायों और अनुभवों से सीखने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान किया है।

भारत में चुनावों में भाग लेने में महिलाओं के सामने आने वाली बाधाओं और चुनौतियों के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, श्री चंद्रा ने कहा कि आजादी के बाद से 7 दशकों और 17 आम चुनावों के बाद, भारत में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक हो गई है और 2019 के आम चुनाव में यह 67% से अधिक हो गई। इस मामले में एक महत्त्वपूर्ण मापदण्ड लिंग अंतर है, जो 1962 में -16.71% था, वह अब न केवल करीब आ गया है बल्कि 2019 में +0.17% पर पहुंच गया। वास्तव में भारत में 1971 के चुनावों के बाद से महिला मतदाताओं में 235.72% की वृद्धि आई है। श्री चंद्रा ने महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें अधिक महिलाओं को मतदान केंद्र अधिकारियों के रूप में शामिल करना, पूर्ण रूप से महिला प्रबंधित मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाना, मतदान केंद्रों पर क्रेच सुविधा, मतदान केंद्रों पर अलग शौचालय और प्रतीक्षालय की सुविधा प्रदान करना, पंजीकरण को आसान बनाना शामिल है। प्रखंड स्तर की महिला अधिकारी महिलाओं को अपने सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश में चुनाव में भाग लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं। इसके अलावा कई अन्य कदम उठाए गए हैं।

अपने संबोधन के दौरान, श्री सुशील चंद्रा ने विशेष रूप से 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों, पीडब्ल्यूडी और कोविड ​​प्रभावित मतदाताओं के लिए घर के दरवाजे पर मतदान सुविधा सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई द्वारा 2020 में शुरू की गई अनुपस्थित मतदाता सुविधा की अवधारणा पर भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की डाक मतपत्र सुविधा बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी सहित छह राज्यों के विधानसभा चुनावों में सफलतापूर्वक लागू की गई थी, जिनका कुल मतदाता आधार 7.36 करोड़ था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि, पिछले पांच राज्य विधानसभा चुनावों में, 4.5 गुना अधिक मतदाताओं ने डाक मतपत्रों के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में भाग लिया। मतदाताओं तक पहुंचने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के प्रयासों को व्यापक बनाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि आज देश में 80 साल से अधिक उम्र के लगभग 1.5 करोड़ मतदाता हैं।

विकलांग व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली ढांचागत और व्यवहार संबंधी चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए,  श्री चंद्रा ने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे बाद में विचार के रूप में जोड़े जाने के बजाय किसी भी ईएमबी द्वारा अपनाई गई किसी भी तकनीक या सेवा के लिए डिजाइन के हिस्से के रूप में ‘एक्सेसिबिलिटी फोकस’ रखें।उन्होंने ईसीआई द्वारा की गई विभिन्न पहलों जैसे पीडब्ल्यूडी ऐप, व्हील चेयर का प्रावधान, स्वयं सेवी सहायता, ब्रेलईपी आईसी कार्ड, ईवीएम में ब्रेलसाइनेज, मतदान केंद्र तक मुफ्त परिवहन, प्राथमिकता वाले मतदान और पीडब्ल्यूडी मतदाताओं को परेशानी मुक्त अनुभव प्रदान करने के लिए एएमएफ के प्रावधान का हवाला दिया।

सभा को संबोधित करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं और विकलांग व्यक्तियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए आयोग द्वारा उठाए गए कदमों पर जोर दिया। उन्होंने रेखांकित किया कि चुनाव आयोग ने अब तक 77 लाख से अधिक विकलांग मतदाताओं की मैपिंग की है, जो कि लोकसभा चुनाव 2019 से 15.28 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि है। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी पर प्रकाश डाला, जो पहले आम चुनाव में 7.8 करोड़ थी, वह 2019 के लोकसभा चुनावों में बढ़कर 29.4 करोड़ से अधिक हो गई। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधित्व के मामले में भी, संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुनी गई महिलाओं की संख्या काफी बढ़ी है, जो पहले आम चुनाव में महज 24 थी, वह बढ़कर 2019 के लोकसभा चुनाव में 78 हो गई।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, निर्वाचन आयुक्त श्री अनूप चंद्र पाण्डे ने कहा कि प्रौद्योगिकी चुनाव प्रबंधन में एक गेम चेंजर रही है और इसका चुनावी परिदृश्य और पहुंच पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। कोविड महामारी के दौरान समावेशी और सुलभ चुनाव सुनिश्चित करने में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, श्री पांडे ने कहा कि डाक मतपत्र सुविधा के तहत वरिष्ठ नागरिकों और पीडब्ल्यूडी को फॉर्म को उनके घरों पर वितरित करने और फिर उनसे एकत्र करने के लिए विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार और लागू किए गए थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए समावेशी चुनावी पद्धतियों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि सभी श्रेणियों के मतदाताओं को चुनावी भागीदारी में शामिल करना सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का सार है। उन्होंने विभिन्न माध्यमों और मीडिया के माध्यम से व्यापक और व्यवस्थित तरीके से विशाल मतदाता आबादी तक पहुंचने के उद्देश्य से ईसीआई के मतदाता शिक्षण कार्यक्रम स्वीप के बारे में भी बात की। उन्होंने रेखांकित किया कि चुनाव आयोग का प्रयास दिव्यांगजनों से उनकी भाषा में बात करना है, यह सुनना कि वे क्या कहना चाहते हैं और चुनाव आयोग उन सभी अदृश्य बाधाओं की पहचान करने का प्रयास कर रहा है, जिन्हें दूर करना बहुत जरूरी है।

बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, इथियोपिया, फिजी, जॉर्जिया, कजाख़स्तान, कोरिया गणराज्य, लाइबेरिया, मलावी, मॉरीशस, मंगोलिया, फिलीपींस, रोमानिया, रूस, साओ टोम और प्रिंसिपे, सोलोमन द्वीप, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, सूरीनाम, ताइवान, उज्बेकिस्तान, यमन और जाम्बिया जैसे 24 देशों के लगभग सौ प्रतिनिधि और दुनिया भर के चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों- इंटरनेशनल आइडिया, इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ इलेक्टोरल सिस्टम (आईएफईएस), विश्व निर्वाचन निकाय संघ (एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज) (ए-वेब) और यूरोपियन सेंटर फॉर इलेक्शन में और 20 राजनयिक आज के वेबिनार में शामिल हुए।

वेबिनारमें, मॉरीशस, रोमानिया और कोरिया गणराज्य, ताइवान, फिलीपींस, कंबोडिया और आईएफईएस-श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, भूटान, भारत और ब्राजील ने कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिनमें इन देशों ने महिलाओं, विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी) और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की चुनावी भागीदारी बढ़ाने के लिए उनके द्वारा किए गए सर्वोत्तम उपायों और पहलों को प्रदर्शित किया।

वेबिनार में जारी पुस्तकों में ए-वेब इंडिया जर्नल ऑफ इलेक्शन का अक्टूबर 2021 अंक; ‘वॉयस इंटरनेशनल’ पत्रिका का अक्टूबर 2021 अंक और ‘चुनावों में महिलाओं, विकलांगों और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की भागीदारी’ पर प्रकाशित पुस्तक शामिल हैं। वेबिनार में महिलाओं, विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों की चुनाव में भागीदारी और उन्हें प्रदान की जाने वाली सुविधाओं पर एक अंतरराष्ट्रीय वीडियो प्रस्तुति का भी अनावरण किया गया।

अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के दौरान महिलाओं, विकलांगों और वरिष्ठ नागरिकों की चुनावी भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव प्रबंधन निकायों द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर एक प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की गई।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More