38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

बजट 2017-18 कृषि व किसानों के लिये सुरक्षा कवच: श्री राधा मोहन सिंह

बागवानी के मामले में शीत श्रृंखला पूरी मूल्‍य श्रृंखला प्रणाली को मजबूत और किसानों का सामाजिक-आर्थिक सुधार करती है: श्री सिंह
देश-विदेश

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि इस बार के बजट से यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गयी कि मोदी सरकार गांव, गरीब और किसानों के लिए काम कर रही है। श्री सिंह ने आगे कहा कि पिछले वर्ष का 2 प्रतिशत कृषि विकास दर का इस वर्ष बढ़कर 4.1 प्रतिशत हो जाना इस बात को दर्शाता है कि सरकार किसानों और खेतीबाड़ी की बेहतरी के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है। किसानों की आय 5 वर्षों में दुगुनी करने की सरकार की प्रतिबद्धता भी इस बजट में रेखांकित हुई है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात आज कृषि मंत्रालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही।

श्री सिंह ने कहा कि किसानों की आय 5 वर्षों में दुगुनी करने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रकटीकरण इस बजट में हुआ है। पूर्व की योजनाओं को गतिमान बनाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही श्‍वेत एवं नीली क्रान्‍ति के संकल्‍प को भी इस बजट में उजागर किया गया है। आम बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शी योजनाएं गढ़ी गई हैं। जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए नौ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाना। इससे किसानों की फसल सुरक्षा का दायरा बढ़ जाएगा।

केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि इस बजट में कृषि व किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया है। सरकार ने दस लाख तालाब बनाने की बात की है। यह बहुत ही बड़ा और सराहनीय कदम है। तालाबों से किसान सिंचाई के साथ-साथ मछली पालन कर अपनी आय को दुगना कर सकेंगे। पिछले साल पांच लाख तालाब बनाए गए थे। इसके अलावा मनरेगा के जरिए किसानों को सौ दिन रोजगार उपलब्‍ध करवाने की बात कही है। यह भी अच्‍छा कदम है। ड्रॉप मोर क्रॉप योजना के तहत पांच हजार करोड़ रुपये के लांग टर्म इरीगेशन फंड से अब उन एरिया में भी सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जा सकेगा, जहां अभी तक पानी नहीं पहुंचता था।

 श्री सिंह ने जानकारी दी कि कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय का वर्ष 2016-17 के लिए बजट प्रावधान 44,250 करोड़ रुपये था जो कि वर्ष 2017-18 के लिए 15.31 प्रतिशत बढ़ाकर 51,026 करोड़ रुपये किया गया है। कृषि मंत्री ने निम्नलिखित प्रावधानों के बारे में अवगत किया:

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कार्यान्‍वयन में और गति लाते हुए इस वर्ष 40 प्रतिशत कृषि क्षेत्र को इस योजना के तहत लाया जाएगा। यह विगत वर्ष में 30 प्रतिशत था। इसी तरह वर्ष 2018-19 में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। विगत वर्ष इस योजना में 5.5 हजार करोड़ का बजट प्रावधान था जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 9 हजार करोड़ किया जाएगा। इसके साथ ही विगत वर्ष पूर्व देयताओं के लिए 7.7 हजार करोड़ की अतिरिक्‍त राशि भी इस वर्ष दी गई है।
  • स्‍वॉयल हेल्‍थ कार्ड – सभी 648 के.वी.के. के लिए मिनी स्‍वॉयल टेस्‍टिंग लैब का प्रावधान। 1000 लैब्‍स स्‍थानीय उद्यमियों के माध्‍यम से कार्यान्‍वित किए जाएंगे जिसके लिए ऋण संबद्ध सब्‍सिडी सरकार उपलब्‍ध कराएंगी।
  • e-NAM – वर्तमान में e-NAM प्‍लेटफॉर्म से जोड़ी गई 250 मण्‍डियों को बढ़ाकर 585 मण्‍डियों को जोड़ा जाएगा। इस कार्य में प्रत्‍येक मण्‍डी को आधारभूत संसरचनाओं (स्‍वच्‍छता ग्रेडिंग और पैकेजिंग) हेतू 75 लाख प्रति मण्‍डी दी जाएगी। इसके अतिरिक्‍त जल्‍दी खराब होने वाली वस्‍तुओं के लिए इन्‍हें ए.पी.एम.सी. एक्‍ट (मण्‍डी एक्‍ट) से डिनोटिफाई करने का भी सुझाव दिया गया है।
  • डेयरी, कृषि अर्थव्‍यवस्‍था का प्रमुख अंग है। विगत वर्ष 2016-17 में श्‍वेत क्रान्‍ति के लिए 1,136 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान था जिसे इस वर्ष 2017-18 में 43.8 प्रतिशत बढ़ाकर 1,634 करोड़ रुपये किया गया है। साथ ही अलग से ऑपरेशन फ्लड में पुरानी दूध प्रसंस्‍करण इकाइयों के उत्‍थान हेतू डेयरी प्रसंस्‍करण एवं अवसंरचना निधि 8 हजार करोड़ की राशि से स्‍थापना की जाएगी। इसे तीन सालों में बनाया जाएगा। प्रारंभ में यह 2 हजार करोड़ रुपये का होगा।
  • नीली क्रान्‍ति सरकार की एक अहम प्राथमिकता है जिसके मद्देनजर वर्ष 2016-17 के 247 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान को 62.35 प्रतिशत बढ़ाकर 401 करोड़ रुपये किया गया है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे की समस्‍या से लड़ने के लिए विगत वर्ष में 5 लाख तालाबों को बनाने का निश्‍चय मनरेगा से किया गया था। इस साल भी 5 लाख नये तालाब बनाये जाएंगे।
  • प्रधानमंत्री सिंचाई योजना 5.189 करोड़ से बढ़ाकर 7,377 करोड़ किया गया है। इसके अतरिक्त नाबार्ड के पूर्व वित्‍त वर्ष में सिंचाई योजनाओं के लिए 20 हजार करोड़ का दीर्घावधिक सिंचाई कोष की स्‍थापना की गई थी। इस वर्ष इसे दुगुनाकर 40 हजार करोड़ किया जाएगा।
  • “प्रति बूंद अधिक फसल” के लक्ष्‍य की प्राप्‍ति हेतु एक समर्पित सूक्ष्‍म सिंचाई कोष 5 हजार करोड़ की राशि से बनाया जाएगा।
  • कृषि क्षेत्र के लिए कुल क्रेडिट विगत वर्ष 9 लाख करोड़ से बढ़ाकर इस वर्ष 10 लाख करोड़ किया गया। इसमें विशेष रुप से अल्‍प सिंचित क्षेत्र, पूर्वी राज्‍य एवं जम्‍मू एवं कश्‍मीर के लिए प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में घोषित, कर्ज पर 60 दिन के ब्‍याज भुगतान पर छूट का लाभ भी प्राप्‍त होगा।
  • नाबार्ड द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रही 63,000 पैक्‍सों को कम्‍प्‍यूटराइज किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। इस कार्य के लिए 1900 करोड़ रुपये का राशि से 3 वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा।
  • कृषि में पॉलिसी सुधार के लिए मॉडल कॉन्‍ट्रैक्‍ट फार्मिंग लॉ लाया जाएगा।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More