नई दिल्ली: इस्पात मंत्री चौधरी बिरेन्दर सिंह ने आज यहां ‘भारत इस्पात-2017 तीसरी अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन’ के संबंध में कर्टन-रेजर प्रेस वार्ता को संबोधित किया, जिसका आयोजन मुम्बई में 19-21 अप्रैल, 2017 को होगा। सम्मेलन की विषयवस्तु ‘भारतीय इस्पात उद्योग : 2030 पर दृष्टि-कच्चा माल, उत्पादन, मांग और लॉजिस्टिक्स’ है।
चौधरी बिरेन्दर सिंह ने कहा कि इस्पात उद्योग के लिए पिछले 3 वर्ष काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं। भारत सरकार ने क्षमता में सुधार के लिए समय-समय पर नीतियों और नियमों द्वारा रणनीतिक मदद प्रदान की है। उन्होंने कहा कि भारत में इस्पात उद्योग उन्नति के मार्ग पर है और जल्द ही वह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश बन जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 लगभग तैयार हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि उक्त सम्मेलन में मध्य-पूर्व देशों सहित सीआईएस, सार्क, अफ्रीका एवं सीएलएमवी (कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम) के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। फिक्की महिला संगठन महिलाओं की विभिन्न भूमिकाओं के संबंध में एक विशेष सत्र का आयोजन करेगा।
मंत्री महोदय ने मीडिया से आग्रह किया कि वह इस्पात के संबंध में जानकारी देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाए, ताकि हितधारकों और उपभोक्ताओं को इस्पात के बारे में सही जानकारी मिल सके।
इस अवसर पर इस्पात सचिव डॉ. अरुणा शर्मा, इस्पात मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री एस. अब्बासी और फिक्की के सहायक महासचिव श्री मनब मजूमदार भी उपस्थित थे तथा इन लोगों ने भी मीडिया के साथ बातचीत की।
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