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बिन्दुखत्ता/हल्द्वानी में 20 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत

उत्तराखंड

हल्द्वानी: सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिन्दुखत्ता रा0उ0म0वि0 जड सैक्टर में वैदिक मंत्रों के बीच लगभग 42 करोड 11 लाख की लागत की 20 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 01 करोड 16 लाख की धनराशि से निर्मित सहकारी डेरी प्रशिक्षण संस्थान, 02 करोड 05 लाख की लागत से निर्मित स्टरलाइज्ड लस्सी व फलेवर्ड मिल्क प्लांट, 55 लाख की लागत से निर्मित दुग्ध अवशीतन केन्द्र व रेफ्रीजरेटर, 97 लाख की लागत से निर्मित एसएमपी गोदाम, सोलर वाटर हीटर व कोल्ड स्टोर, 01 करोड 02 लाख की लागत से निर्मित जयपुर बीसा नलकूप, व 01 करोड की लागत से निर्मित गौजाजाली नलकूप का लोकार्पण किया। इसके साथ ही 10 करोड 72 लाख की लागत बनने वाले डेरी विकास निदेशालय भवन, 20 लाख 17 हजार की लागत से दुग्ध समिति भवन व भूसा गोदाम, 17 करोड की लागत से बनने वाले शहीद मोहन नाथ गोस्वामी ग्रामीण मिनी स्टेडियम व लालकुंआ विधानसभा में 07 करोड से निर्मित होने वाली ग्यारह सडकों का शिलान्यास किया गया।
जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए श्री रावत ने कहा कि विकास हमारी परम्परा है, यही कारण है कि उत्तराखण्ड समावेशी विकास की ओर आगे बढ रहा है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में सड़कों, पुलों, सम्पर्क मार्गों का विस्तार किया जा रहा है। यही कारण है कि प्रदेश में केदारनाथ आपदा से उभरकर वर्तमान वर्ष में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है तथा पर्यटकों की संख्या में आशातीत वृद्धि हुई है। श्री रावत ने कहा कि विकास की धारा को जन-जन तक पहुंचाना प्रदेश सरकार का पहला लक्ष्य है। यही कारण है कि उत्तराखण्ड सर्वाधिक प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने वाला पहला राज्य है। उन्होनें कहा कि 2014 में पेंशन लाभार्थियों की संख्या मात्र 01 लाख 74 हजार थी, जो अब बढ़कर 07 लाख 25 हजार हो गयी है। उन्होनें कहा कि पेंशन की धनराशि को 400 रूपये से बढ़ाकर 1000 कर दी गयी है। विधवा, वृद्धावस्था एवं विकलांग पेंशन के अलावा अब अक्षम व परितक्वता नारी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, बौना पेंशन, जन्म से विकलांग बच्चों को पोषण भत्ता दिया जा रहा है। साथ ही किसान, पुरोहित, कलाकार, शिल्पकार, पत्रकार, निर्माणकर्मी के साथ ही जंगरिया, डंगरिया को भी पेंशन प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही सरकार प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। खिलती कलियां योजना, बच्चों के कुपोषण उन्मूलन योजना भी सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। सडक से वंचित गांव को सडक से जोडने के लिए मेरा गांव मेरी सडक, प्रधानमंत्री सडक योजना के अन्तर्गत 1425 करोड से 77 किमी सडक निर्मित कर 227 गांव को पहली बार सडक से जोडा जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार 1100 किमी नई सड़कों का कार्य प्रारम्भ किया गया है। साथ ही सामुहिक खेती के लिए महिला मंगल दलों एवं समुहों को 01 लाख की धनराशि प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसमें किसानों को पेंशन दी जा रही है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय व परम्परागत खेती को प्रोत्साहन देने के लिए फसलों पर बोनस दिया जा रहा है। उन्होनें कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही फल पौधशालाओं की स्थापना की जा रही है। बेमौसमी सब्जी को बढ़ावा देते हुए पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित स्थानीय एवं परम्परागत फसलो का समर्थन मूल्य भी दिया जा रहा है। उन्होने कहा प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय 1,54,818 रूपये है जबकि सम्पूर्ण भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय 93,231 रूपये है। उन्होने कहा हमारा उत्तराखण्ड देश का सर्वाधिक तेजी से बढते राज्यों में शामिल है। उन्होने कहा मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ योजना के अन्तर्गत 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को निशुल्क यात्रा रोडवेज में करवायी जाती है। उन्होनें कहा कि गन्ना किसानों को 22 करोड का भुगतान शीघ्र किया जायेगा व 400 करोड की धनराशि से मलिन बस्तीयों की सूरत व सीरत बदली जायेगी। 2000 के सर्किल रेट पर मालिकाना हक दिया जायेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्रममंत्री हरीश दुर्गापाल ने कहा कि बिन्दुखत्ता, लालकुआं क्षेत्र का संर्वार्गीण विकास प्राथमिकता से किया जायेगा। श्रम विभाग से टूल किट आदि के साथ ही शौचालय व बिजली विहिन परिवारों को सोलर लाईट दी जायेगी। उन्होने कहा विकास हमारी परम्परा एवं संस्कृति है। विकास कार्यों में हम इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं कि विकास की किरण हर गरीब आदमी के दर पर पहुंचे। उन्होनें कहा कि हम गरीब को विकास की धारा में जोडने के लिए कृत संकल्पित हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए श्रम विभाग के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को टूलकिट वितरित की जा रही है। इससे गरीब श्रमिक अपना रोजगार कर जीवकोपार्जन कर सकते है। उन्होने कहा कि लालकुआं बिन्दुखत्ता में स्वास्थ्य सुविधा देने हेतु सीएचसी, पीएचसी के साथ ही नये विद्यालयों का निर्माण व पुराने विद्यालयो का उच्चीकरण व आईटीआई जैसे संस्थान खोले गये है।
श्री दुर्गापाल ने कहा कि उन्होने कहा प्रदेश में 01 लाख 74 हजार श्रमिको को टूलकिट वितरित किये जा चुके है। उन्होनें कहा कि कामगारों के बच्चों की शिक्षाहेतु कक्षा 1 से 5 तक 200 प्रतिमाह, कक्षा 6 से 8 तक 300 प्रतिमाह, 9 से 10 तक 400 प्रतिमाह, कक्षा 11, 12 तथा आईटीआई को 500 प्रतिमाह, स्नातक/परास्नातक के छात्र-छात्राओं को 800 प्रतिमाह, पॉलिटेक्निक के छात्र-छात्रों को 1000 प्रतिमाह व उच्च व्यवसायिक शिक्षा हेतु 2500 प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होनें कहा कि गौलापार में अन्तर्राष्ट्रीय स्टेडियम बनकर तैयार हो गया है। इसके साथ ही आईएसबीटी, चिडियाघर का निर्माण किया जा रहा है। ये विकास का मील का पत्थर भी साबित होगें। उन्होने कहा कि दुग्ध व्यवसाय स्वरोजगार का सर्वोच्च माध्यम है। पढे-लिखे नौजवान व महिलायें आधुनिक तरीके से दुग्ध उत्पादन कर डेरी व्यवसाय को आजीविका के रूप में अपना रहे है। उन्होने कहा श्वेत क्रांति के क्षेत्र में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों मे खडा हो रहा है। राज्य सरकार दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर 4 रूपये प्रोत्साहन राशि दे रही है। उत्तराखण्ड देश का प्रथम राज्य है जो उत्पादको को 4 रूपये प्रोत्साहन राशि देता है। उन्होने कहा सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादक हितां के लिए अनेक कल्याणकारी योजनायें संचालित किये जा रहे है। राज्य सरकार द्वारा 2014 से चलाई जा रही गंगा गाय महिला डेरी योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है। इस योजना के माध्यम से महिलायें अथवा महिला समूह आर्थिक रूप से सुदृढ व आत्मनिर्भर हो रहे है। उन्होने कहा कि गंगा गाय योजना के अन्तर्गत गाय खरीदने के लिए दिये जा रहे 52 हजार में 27 हजार अनुदान व 20 हजार ऋण है, जिसमें मात्र 5 हजार रूपये मार्जिन मनी के रूप में लाभार्थियो द्वारा दी जाती है।
कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष लालकुआं रामबाबू मिश्रा ब्लॉक प्रमुख सतीश नैनवाल, अध्यक्ष यूसीडीएफ अर्जुन रौतेला, अध्यक्ष दुग्ध संघ संजय किरोला, राजेन्द्र शर्मा, हरेन्द्र वोरा, सरदार गुरदेव सिह, हेमवती नन्दन दुर्गापाल, बलबन्त सिह दानू, गिरधर बम, पुष्कर दानू, हुक्म सिंह कुंवर, तारादत्त पाण्डे, एनके कपिल, हरीश बिसौती, राजेन्द्र खण्डवाल, गणेश उपाध्याय, भगवान सिंह धामी, गोपाल सिंह नेगी, भूवन पाण्डे, उमेश कबडवाल, चंदन बोरा, निशार खान, दयाकिशन कबडवाल, कैलाश दुमंका, चन्द्रसिंह दानू, दया किशन बमेटा, बलकार सिंह, बीडी खौलिया, नारायण बिष्ट, भावना सती, पनी राम, संध्या डालाकोटी, गुरजीत सिंह, हरीश बेलवाल, कुबेर बर्गली, धर्मेन्द्र शर्मा, जीवन कबडवाल, हरीश बिसौती, मोहन कुणाई, राजेन्द्र सिंह चौहान, के अलावा जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी, निदेशक डेरी ललित मोहन रयाल, मुख्य विकास अधिकारी प्रकाशचन्द्र, सहित अनेक जनप्रतिनिधियों के साथ भारी संख्या मे क्षेत्रीय जनता मौजूद थी।

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