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आजमगढ़ में सपा की मुश्किल बढ़ा सकते हैं मोदी..!

देश-विदेश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता में आने के बाद पहली बार आजमगढ़ दौरे पर आ रहे हैं। उनका यह दौरा विकास और राजनैतिक मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिले के लोगों को प्रधानमंत्री से उम्मीद भी काफी है। खासतौर पर वाराणसी वाया लालगंज गोरखपुर रेलवे लाइन को लेकर। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस परियोजना के शुरू होने का इंतजार लोग करीब 1973 से कर रहे हैं। वहीं, जिले का युवा इससे कुछ इतर चाहता है। उसका सपना है कि आजमगढ़ में विश्वविद्यालय बने और उनकी शिक्षा संबंधी जरूरत पूरी हो। अगर प्रधानमंत्री ने इस मांग को पूरी कर दिया तो निश्चित तौर पर सपा की भी मुसीबत बढ़ जायेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2012 के चुनाव में विश्वविद्यालय की स्थापना का वादा किया था, लेकिन जब स्थापना की बात आई तो अखिलेश ही नहीं बल्कि मुलायम सिंह यादव भी मुकर गए और विश्वविद्यालय बलिया को दे दिया गया। इससे लोगों में काफी नाराजगी है। आज भी लोग विश्वविद्यालय के लिए आन्दोलन चल रहे हैं।

बताते चलें कि 2012 के विधानसभा चुनाव में मुलायम और अखिलेश ने जिले में विश्वविद्यालय बनाने का वादा किया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मुलायम सिंह आजमगढ़ से सांसद चुने गए तो लोगों की उम्मीद और बढ़ गयी। इसके बाद फरवरी 2015 में प्रदेश सरकार द्वारा एक विज्ञापन छपवाया गया। जिसमें 06 फरवरी 2015 को सठियांव में मुलायम सिंह और अखिलेश द्वारा 184 परियोजनाओं के लोकापर्ण तथा चीनी मिल, विश्वविद्यालय स्थापना सहित 93 परियोजनाओं के शिलान्यास की बात कही गयी। लेकिन उस समय अखिलेश नहीं पहुंचे और मुलायम सिंह ने परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण किया। इस दौरान उन्होंने कुछ परियोजनाओं की घोषणा भी की, लेकिन विश्वविद्यालय का कहीं भी उल्लेख नहीं था।

वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव का जब एक साल बचा तो सपा ने अपने बजट में विश्वविद्यालय की घोषणा तो की, लेकिन आजमगढ़ के बजाय विश्वविद्यालय बलिया को दे दिया। इसके बाद से ही जिले का बड़ा तबका सपा से नाराज है। 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनी तो प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम नेताओं ने इस बात का आश्वासन दिया कि वे सीएम योगी के सामने विश्वविद्यालय स्थापना की मांग रखेंगे। सामने लोकसभा चुनाव है। बीजेपी को सपा-बसपा के संभावित गठबंधन से निपटना है। साथ ही उसके जिले में अपना आधार भी मजबूत करना है। ऐसे में यहां के लोगों का मानना है कि पीएम मोदी को यहां विश्वविद्यालय की घोषणा करनी चाहिए।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह बीजेपी के लिए बड़ा अवसर है। प्रधानमंत्री कई महत्वपूर्ण योजनाओं के शिलान्यास और लोकापर्ण के लिए आ रहे हैं। यदि वे चाहे तो विश्वविद्यालय की घोषणा कर यहां के लोगों के दिलों में उतर सकते हैं। जो लोग इस मुद्दे को लेकर सपा से नाराज हैं वे इस घोषणा के साथ ही बीजेपी के पाले में भी आ सकते हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिशन-2019 का शंखनाद 26 मई को आजमगढ़ के मंदुरी हवाई पट्टी के पास स्थित मैदान से विकास योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन करने के साथ ही एक सभा को भी सम्बोधित करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। रॉयल बुलेटिन

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