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सरकार भारतीय कंपनियों के लिए बाजार पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विकसित देशों के साथ एफटीए कर रही है: पीयूष गोयल

देश-विदेश

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक समग्र गैर-अपराधीकरण कानून लाने के जरिये व्यवसाय करने की सुगमता में उल्लेखनीय कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने आज नई दिल्ली में पीएचडी वाणिज्य चैंबर के 117वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कानूनों की धाराओं को अपराध की श्रेणी से बाहर करने से व्यवसायियों का उत्पीड़न समाप्त होगा तथा अनुपालन बोझ में कमी आएगी।

श्री गोयल ने पिछले कुछ वर्षों में किए गए सुधारों तथा उठाए गए रूपांतरकारी कदमों की चर्चा की और कहा कि सरकार ने सभी सेक्टरों और व्यवसायों में व्यापक रूप से आधारित तथा आम सहमति आधारित विकास मॉडल का अनुसरण किया है। उन्होंने चैंबर तथा सभी हितधारकों से संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपने फीडबैक तथा सुझाव देने का आग्रह किया जिससे कि उनके इनपुट को प्रस्तावित विधेयक में शामिल किया जा सके।

श्री गोयल ने कहा कि भारत-कनाडा एफटीए बातचीत वर्तमान में जारी हैं तथा सरकार एफटीए के माध्यम से भारतीय उत्पादों और सेवाओं के लिए विकसित देशों तक अधिक बाजार पहुंच प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत विकसित देशों के साथ काम करता रहा है जो उच्च आय, उच्च उपभोग वाले देश हैं जिससे कि हमारे निर्यात को अधिकतम बनाया जा सके और इसकी वजह से देश में और अधिक रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार दोनों संबंधित पक्षों के लिए निष्पक्ष, संतुलित और न्यायसंगत एफटीए सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने उद्योग जगत से अपनी संरक्षणवादी मानसिकता को त्याग का आग्रह किया और कहा कि हमारी बातचीत ऐसे देशों के साथ है जहां नियम आधारित प्रणालियां हैं और पारदर्शी प्रक्रियाएं हैं।

श्री गोयल ने प्रधानमंत्री के गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को अवसंरचना क्षेत्र का एक चमत्कार बताया। उन्होंने पीएचडीसीसीआई से राष्ट्रीय मास्टर प्लान की मुख्य विशेषताओं पर प्रस्तुतिकरण आयोजित करने को कहा जिससे कि सभी हितधारक समझ सकें कि बिना समय और लागत में वृद्धि हुए किस प्रकार विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का सृजन करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम भारतीय विनिर्माताओं को परिपक्व बनाने में सहायता करेंगी, उनकी क्षमताओं में वृद्धि करेंगी और हमारे विनिर्माण क्षेत्र को परिमाण तथा आकार के लिहाज से वैश्विक बनने में मदद करेंगी।

श्री गोयल ने महामारी से लेकर क्षेत्रीय संघर्षों तक तथा आर्थिक मंदी से लेकर मुद्रास्फीति तक दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कहा कि इन तमाम उथल-पुथल के बीच भारत एक चमकता सितारा रहा है। श्री गोयल ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है और विश्व के शेष देशों की तुलना में मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने में सफल रहा है। उन्होंने बताया कि जहां पहले दो अंकों की मुद्रास्फीति को सामान्य माना जाता था, आज देश लगभग 7 प्रतिशत तक महंगाई दर को नियंत्रित करने में सक्षम है।

श्री गोयल ने कहा कि भारत को विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) द्वारा वैश्विक नवोन्मेषण सूचकांक (जीआईआई) में 40वें रैंक पर रखा गया है और यह भी यह बताया कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरु किए गए पथ प्रदर्शक सुधारों का परिणाम है। उन्होंने जानकारी दी कि भारत 2015 में जीआईआई के 81वें स्थान से बढ़कर 2022 में 40वें स्थान पर पहुंच गया। उन्‍होंने कहा कि यह उपलब्धि केवल उद्योग और सरकार के बीच मजबूत साझीदारी तथा सभी व्यापारिक नेताओं के साथ महत्वपूर्ण जुड़ाव एवं सरकार को उनसे प्राप्त सहायता से ही संभव हो पाई। श्री गोयल ने भरोसा जताया कि यही साझीदारी भारत के भविष्य को परिभाषित करेगी।

श्री गोयल ने राष्ट्रीय सिंगल विंडो सिस्टम (एनएसडब्ल्यूएस) के बारे में विस्तार से जानकारी दी जिसमें सभी केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों तथा नियत समय में स्थानीय सरकारों को भी एकीकृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक सिंगल पोर्टल बिना किसी भौतिक उपस्थिति के सभी अनुमोदन प्राप्त करने में मदद करेगा। 32 से अधिक मंत्रालयों तथा कई राज्यों को एनएसडब्ल्यूएस में शामिल किया जा चुका है तथा पोर्टल पर पहले ही 18,000 अनुमोदन प्रदान किए जा चुके हैं। उन्होंने उद्योग से एनएसडब्ल्यूएस का प्रभावी तरीके से उपयोग करने को कहा जिससे कि वे पोर्टल में सुधार लाने के लिए फीडबैक दे सकें।

श्री गोयल ने डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपेन नेटवर्क (ओएनडीसी) के हाल के विकास को भी रेखांकित किया जिसने बंगलुरु में बीटा-टेस्टिंग आरंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ई-कॉमर्स का लोकतांत्रीकरण करने की कोशिश कर रही है जिससे कि देश के दूरदराज के हिस्सों में छोटे व्यवसाय भी डिजिटलीकरण और ई-कॉमर्स का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि इससे कई और उद्यमियों और स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर खुलेंगे।

श्री गोयल ने यह कहते हुए अपनी बातें समाप्त की कि भारत आज एक शक्तिशाली, आत्मविश्वासी राष्ट्र है जो दुनिया के साथ मजबूत स्थिति में जुड़ना चाहता है।

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