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क्रार्यशाला में अधिकारियों को सम्बोधित करते सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी व आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार के वरिष्ठ परामर्शदाता मेजर जनरल वी.के दत्ता(से.नि)

उत्तराखंड
देहरादून: राज्य में  सम्भावित प्राकृतिक आपदा यथा भूकम्प, लैंड स्लाईड एवं अन्य आपदा से निपटने हेतु आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए), भारत सरकार के सहयोग से राज्य के

4 जनपदों पिथौरागढ, बागेश्वर,चमोली तथा उत्तरकाशी में आपदा प्रबन्ध का माॅक अभ्यास किया जाना है। आगामी 11 फरवरी 2016 को होने वाले माॅक अभ्यास की तैयारियों के सम्बन्ध में सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण भारत सरकार के वरिष्ठ परामर्शदाता, मेजर जनरल वी.के दत्ता(से.नि) की अध्यक्षता डी.एम.एम.सी सभागार सचिवालय में सम्बन्धित जनपद के अधिकारी प्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला आयोजित कर महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी।
मेजर जनरल वी.के दत्ता ने बताया कि आपदा के दौरान शुरूआत के दो घण्टे महत्वपूर्ण होते जिसमें किसी भी राज्य या जनपद को अपने संसाधनों से ही राहत बचाव कार्य करने होते हैं, बाहर से आने वाली सहायता में लगभग दो घण्टे का समय लग जाता है, ऐसी स्थिति में  आपदा हेतु नियुक्त किये गये इंसीडेन्ट कमान्डेन्ट पहले से ही अपने क्षेत्र में ऐसे स्थलों का चयन कर लें जहां से राहत बचाव कार्य चलाया जाना है, तथा वाहन तथा हेलीपेड की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। उन्होने कहा कि आपदा के दौरान यह ध्यान अवश्य रखा जाय की वहां पर मोबाईल टायलेट, पेयजल तथा बच्चों हेतु खान पान का उचित प्रबन्ध हो, यह व्यवस्थाएं न होने पर आपदाग्रस्त क्षेत्रों में बीमारी की आशंका बढ जाती है। उन्होने कहा कि अधिकारी पहले ही क्षेत्र में पुरानी जर्जर भवनों की जानकारी अपने पास रखें, जहां सम्भावित खतरा अधिक हो। आपदा होने पर स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों की टीम तथा एम्बुलेस तथा परिवहन विभाग वाहनों की व्यवस्था स्टेजिंग एरिया पर सुनिश्चित करेगा। उन्होने बताया कि तहसील तथा ब्लाक स्तर पर भी लोगों को प्रशिक्षित किया जाय ताकि ऐसी स्थिति होने पर उनका  भी सहयोग लिया जा सके।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुर्नवास उत्तराखण्ड शासन अमित नेगी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे पहले से ही प्लान कर ले आपदा प्रबन्धन टीम के सदस्य, वालियंटियर तथा एम्बुलेस के नम्बर व उनके सम्पर्क नम्बर अपने पास रखे ताकि आवश्यकता पड़ने सम्बन्धित को तत्काल इंसीडेन्ट कमान्डर द्वारा बुलाया जा सके। उन्होने कहा कि आपदा से निपटने हेतु आपदा प्रबन्धक कार्यों के लिए धन कमी नही आने दी जायेगी। उन्होने बताया कि सभी जनपदों के जिलाधिकारियों को  आपदा से निपटने तथा आपदा प्रबन्धन सम्बन्धी आवश्यक सामान खरीदने हेतु 20 लाख रू0  की धनराशि जारी की गयी है, जिसका उपयोग आपदा प्रबन्धन हेतु  आवश्यक सामग्री खरीदने हेतु किया  जाय।
इस अवसर पर परामर्शदाता राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण विनय गणनायक द्वारा उपस्थित अधिकारियो को स्लाइड शौ के माध्यम से अधिकारियों को आपदा के दौरान एमरजेंसी ओपरेशन सेन्टर, स्टेजिंग एरिया, बेस, कैम्प,  रिलिफ कैम्प, हेलीबेस, हेलीपेड के बेहतर उपयोग की जानकारी दी गयी। उन्होने बताया कि इन्सिडेन्ट कमान्ड पोस्ट तहसील, ब्लाक में बनाये जाये यदि आपदा के दौरान उक्त बिल्डिंग भी क्षतिग्रस्त हों तो मैदान पर टैन्ट लगाकर राहत-बचाव कार्य संचालित किये जायें। उन्होने विभिन्न विभागों के अधिकारियों आपदा के दौरान दिये जाने वाले दायित्वों तथा कार्यों को चार्ट के माध्यम से विस्तार पूर्वक समझाया।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी उत्तरकाशी अशोक पाण्डे, निदेशक आपदा प्रबन्धन पियूष रौतेला, सम्बन्धित जनपदों के उप जिलाधिकारी, पुलिस के अधिकारी, सेना, एनडीआरफ, एसडीआरएफ, रेडक्रास के अधिकारी, सिविल डिफेंस, ऊर्जा निगम, शहरी विकास विभाग, माध्यमिक शिक्षा प्राथमिक शिक्षा, पेयजल निगम, खाद्य आपूर्ति, अग्निशमन से अधिकारियों सहित सम्बन्धित जनपदों के आपदा प्रबन्ध अधिकारियों द्वार प्रतिभाग किया गया।

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