33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आपदा प्रबन्धन विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा करते हुए: मुख्यमंत्री श्री रावत

उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश में अब दैवीय आपदा से पीड़ित परिवारो को अनुमन्य राहत राशि के अलावा 1 लाख रू फिक्सड डिपोजिट के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा। आपदा में मृतक के लिये यह धनराशि अब 5 लाख होगी। ग्रामों में तैनात ग्राम प्रहरियों को मोबाइल खरीदने हेतु 1000 रू0 तथा प्रति माह मोबाइल भते के रूप में 200 रू0 दिये जायेंगे। आपदा से क्षतिग्रस्त भवनों की क्षतिपूर्ति राशि 2 लाख रूपये से बढाकर 3 लाख रू0 की जायेगी। आपदा से प्रभावित पीड़ित जो स्वयं के मकान क्षतिग्रस्त होने के कारण किराये के भवनों में रह रहे है उनका किराया भता बढ़ाया जायेगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में आपदा प्रबन्धन विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आपदा ग्रस्त परिवारों के प्रति मृतक को दी जाने वाली अनुमन्य राहत राशि रू. 4 लाख के अलावा 1 लाख रू फिक्सड डिपोजिट के रूप में उपलब्ध करायी जायेगा। आपदा में मृतक के मामले में यह धनराशि अब 5 लाख होगी। क्षतिग्रस्त भवनों की क्षतिपूर्ति राशि को भी 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रूपये करने के निर्देश दिये गये है। भवनों की क्षतिग्रस्तता की परिभाषा के सम्बन्ध में बने संशय तथा तकनीकी जटिलताओ पर विचार करते हुए भवन को क्षतिग्रस्त घोषित करने के सम्बन्ध में अब एक तीन सदस्य वाली समिति द्वारा भवन का प्रमाणीकरण किया जायेगा जिसमें एक कनिष्ठ अंभियन्ता भी होगा। यह समिति भवनों का धवस्तीकरण भी सुनिश्चित करेगी। राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली 3 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति राशि उन सभी भवन स्वामियों को प्रदान की जायेगी जिन्हे राज्य प्रशासन द्वारा क्षतिग्रस्त घोषित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा ने कहा कि राज्य सरकार ग्राम प्रहरियों की आपदा प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका होने तथा आपदा के सम्बन्ध में सूचना को ससमय पहुचानें में सक्रिय सहयोग दिये जाने के दृष्टिगत प्रत्येक ग्राम प्रहरी को 1000 रूपये मोबाइल खरीदने तथा 200 रूपये मासिक मोबाइल भता दिये जाने के निर्देश दिए है। आपदा प्रबन्धन हेतु ग्राम प्रहरी के अतिरिक्त ग्राम स्तर पर कार्य करने वाले सभी सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा जिसमें पंचायत सचिव, राशन विक्रेता, जनप्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे। इस सम्बन्ध में जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को निर्देश शीघ्र जारी किये जायेगे। ग्राम प्रहरियो की कार्यशैली तथा सक्रियता की प्रशंसा करने हुए श्री रावत ने कहा कि आपदा सम्बन्धी सूचना जिला सूचना केन्द्रो तक तीव्रता से पहुचाने में ग्राम प्रहरी महत्वपूर्ण व रचनात्मक भूमिका निभा सकते है। ग्राम प्रहरियो को जिला सूचना केन्द्रो से जोड़ा जाना चाहिये ताकि सूचना तंत्र को अधिक मजबूत किया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों पर विचार करते हुए आपदा राहत हेतु धन जुटाने हेतु आबकारी पर उपकर (सेस) लगाने पर विचार किया जायेगा तथा खनन की राॅयल्टी से भी इसकी संभावनाऐ तलाशी जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने यह भी निर्देश दिये कि आपदा के दौरान पशु-धन हानि के आकलन में पारदर्शिता तथा सरलीकरण हेतु एसडीएम व ग्राम प्रधान के प्रतिवेदन तथा गांव के पांच लोगो के सांक्ष्याकन के आधार पर प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था की जाय।
बैठक में सचिव, आपदा प्रबंधन शैलेश बगोली ने बताया कि आपदा राहत मद में प्रति जनपद पर्वतीय जनपदों को 7 करोड़ रूपये तथा मैदान जनपदो को 5 करोड रूपये की धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। आवश्यकता के अनुरूप अतिरिक्त धनराशि के आवंटन की भी कार्यवाही की जा रही है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह, प्रीतम सिंह पंवार, नवप्रभात, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर सचिव सी. रविशंकर, उप सचिव आपदा प्रबन्धन संतेाष बडोनी आदि उपस्थित थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More