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साइबर निर्भरता ने नागरिक और सैन्‍य प्रतिष्‍ठानों पर हमले की आशंकाएं बढ़ाई हैं: राजनाथ सिंह

देश-विदेश

नई दिल्लीः गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न देशों के पुलिस बलों और सुरक्षा एजेंसियों से साइबर अपराधों से उत्पन्न खतरों से नि‍बटने में सहयोग का आह्वान किया है। पुलिस प्रमुखों के अंतरराष्‍ट्रीय संघ (आईएसीपी) के दो-दिवसीय एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए श्री सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया में आज साइबर निर्भरता का चलन काफी बढ़ चुका है इसने नागरिक और सैन्य प्रतिष्‍ठानों पर हमलों के खतरे बढ़ाए हैं।

 गृह मंत्री ने कहा कि सम्‍मेलन का विषय ‘2020 में पुलिस के समक्ष चुनौति‍यां’ साइबर अपराधों और आतंकवाद से निबटने में साइबर स्‍पेस का इस्‍तेमाल करने के हमारे तौर तरीकों और इसके फायदों तथा पुलिस बलों के समक्ष रोज आ रही नयी चुनौतियों के नजरिए से बेहद प्रासंगिक और उपयुक्‍त है। उन्‍होंने कहा कि‍ उपर्युक्त विषय की पृष्ठभूमि में इंटरनेट से जुडे खतरों, साइबर सुरक्षा,साइबर अपराध जैसे कुछ ऐसे प्रमुख कारक हैं, जो आज के दौर में बेहद प्रासंगिक हैं। उम्‍मीद है कि‍ सम्‍मेलन में इन पर विस्‍तार से चर्चा की जाएगी।

श्री सिंह ने कहा कि‍ इंटरनेट, आज, संचार का एक पसंदीदा माध्‍यम बन चुका है। वित्तीय लेनदेन और सामाजिक गतिविधियों के आधार के रूप में विकसित हुआ यह माध्‍यम आज लोगों और सरकार के बीच संपर्क सेतु का काम कर रहा है। इंटरनेट की सशक्‍त जन पहुंच क्षमता ने डिजिटल प्रोग्राम विकसित करने के लिए दुनिया भर में कई सरकारों को प्रेरित किया है। इसी क्रम में भारत सरकार ने भी अपने नागरि‍कों के लिए कई क्षेत्रों में डि‍जिटल आधारित सेवाएं प्रदान की हैं और डिजटलीकरण को एक नए स्‍तर पर पहुंचाया है।

उन्‍होंने कहा कि तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी की इस दुनिया में, कंप्यूटर आधारित तकनीकों का इस्‍तेमाल गृह सुरक्षा प्रणाली से लेकर जटिल परमाणु ऊर्जा संयंत्रों या अंतरिक्ष कार्यक्रमों तक की गतिविधियों में किया जा रहा है। साइबर निर्भरता बहुत ज्‍यादा बढ़ चुकी है।  इसने नागरिक और सैन्य दोनों तरह के प्रति‍ष्‍ठानों पर हमले के खतरों को भी बढ़ा दिया है। नेटवर्क आउटेज, हैकरों द्वारा डेटा की सेंधमारी , कंप्यूटरों में गड़बड़ी करने वाले मैलवेयर डालने और ऐसी ही कई अन्‍य साइबर घटनाओं और अपराधों ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। कंप्यूटरों और मोबाइलों का इस्‍तेमाल करने वालों की संख्‍या बढ़ने तथा  डिजिटल एप्लिकेशन और डेटा-नेटवर्क के दिन-प्रतिदिन हो रहे विस्‍तार से इनके गलत इस्‍तेमाल के खतरे भी बढ़ रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि सरकारें, रक्षा बल, निगम, वित्‍तीय संस्थान, जन सेवाएं, अस्पताल और अन्य व्यवसाय अपनी कंप्‍यूटर प्रणाली पर बड़ी तादाद में संवेदनशील सूचनाओं को संग्रहित करने और नेटवर्क पर इन्‍हें प्रसारित करने का काम करते हैं। साइबर हमलों की बढ़ती तादाद और इनकी नित नयी विकसित होती तकनीक की वजह से सबके लिए अपनी संवेदनशील सूचनाओं तथा राष्‍ट्रीय सुरक्षा को बचाना जरुरी हो गया है।

श्री सिंह ने कहा कि‍ इससे भी ज्‍यादा जोखि‍म भरे साइबर खतरे और भी हैं। जिनमें वायरस,क्‍ंप्‍यूटर प्रणाली में सेंधमारी, डेटा चेारी तथा क्र‍ेडिट कार्ड से संबधित गोपनीय जानकारी चुराने जैसी बातें शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि‍ दुर्भाग्य से सर्वाधिक सावधानी बरते जाने के बावजूद इस तरह के अपराधों से बचाव के लिए  सौ फीसदी पुख्‍ता कोई व्‍यवस्‍था नहीं है पर ऐसे कुछ उपाय जरुर हैं जिससे इन खतरों से बहुत हद तक बचा जा सकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि  साइबर हमलों के आगे भी होते रहने का खतरा है। ऐसे हमलों के लिए नित नयी तकनीक इजाद हो रही है। ऐसे में इनसे निबटने के लिए पूरी सावधानी और तैयारी जरूरी होगी।

श्री सिंह ने कहा कि‍ साइबर अपराध आज एक उद्योग बन चुका है और यही वजह है कि‍ अपराध की नयी तकनीक और उपकरण बाजार में चोरी छिपे बि‍कने लगे हैं। इससे सबसे ज्‍यादा खतरा वित्‍तीय आनलाइन सेवाओं को है क्‍योंकि‍ इनके लिए पुख्‍ता सुरक्षा प्रणाली अभी तक विकसित नहीं हो पायी है। साइबर अपराध अंतरराष्‍ट्रीय रूप ले चुका है जो वुर्चुअल करेंसी, डार्क नेट,ऑनियन राउटर और अत्‍याधुनिक मालवेयर जैसे उत्‍पादों के रूप में सामने आ रहा है। पुलिस को इन नयी चुनौतियों से निबटना है।

उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूहों द्वारा अपने कट्टरपंथी विचारों के प्रसार के लिए कंप्‍यूटर की आनलाइन सेवाओं का इस्‍तेमाल एक बेहद संगीन मुद्दा है जिस पर पुलि‍स बलों को खास ध्‍यान देना है। इंटरनेट पर कट्टरपंथी सोच से जुड़ी सामग्री की उपलब्‍धता समाज और मानवता के लिए बेहद खतरनाक बन सकती है। इस परिप्रेक्षय में पुलिस के समक्ष कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने, साइबर अपराधों तथा आतंकवाद से निबटने की तीन बड़ी चुनौती है।

श्री सिंह ने कहा कि सरकार इस बारे में दुनिया के सभी देशेां के साथ मिलकर उचित कदम उठा रही है। साइबर अपराधों और आतंकवाद से निबटने के लिए एक ऐसी पुख्‍ता व्‍यवस्‍था बनानी होगी जो विश्‍वसनीय हो और लोगों में भरोसा पैदा कर सके। उन्‍होंने कहा कि‍ जिसे यह काम करना है उस पुलिस की छवि ही आज सवालों घेरे में है खासतौर से महिलाएं, समाज के कमजोर वर्ग, गरीब और अल्‍पसंख्‍यक पुलि‍स भरोसा नहीं करते। पुलिस को अपनी यह छवी सुधारनी होगी।

गृहमंत्री ने उम्‍मीद जतायी कि सम्‍मेलन में होने वाली चर्चाओं से कुछ ऐसे सुझाव प्राप्‍त होंगे जिनसे साइबर अपराधों और आतंकवाद के खतरों से निबटने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि संरक्षा और सुरक्षा दो ऐसे विषय हैं जिन्‍हें लेकर पूरा विश्‍व चिंतित है। कोई भी विकास शांति और सुरक्षा की स्‍थ‍ितियों के बगैर संभव नहीं है। श्री सिंह ने सम्‍मेलन के आयोजन के लिए सभी पुलिस अधिकारियों और प्रतिभागि‍यों का आभार जताया और सम्‍मेलन की सफलता की कामना की।

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