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विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना विद्या परिणाम प्रक्रिया का अहम हिस्‍सा है: प्रकाश जावड़ेकर

देश-विदेश

नई दिल्ली: विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना विद्या परिणाम प्रक्रिया का अहम हिस्‍सा है जिसके लिए हमें लगातार प्रयास करना पड़ता है और इसके लिए शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता, संबंधित विभागों, शिक्षाविदों और सामान्‍य रूप से समाज को भी सामूहिक तौर पर काम करना होगा। हमारी सरकार ने अब विद्या परिणाम प्रक्रिया की रूपरेखाओं को तैयार किया है। आज नई दिल्ली स्थित एनसीईआरटी मुख्यालय में ‘स्कूली शिक्षा में नवाचार (नवोन्‍मेष)’ पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने विद्यार्थियों को कुछ इस तरह से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया जिससे कि वे मूल्यों को आत्मसात करते हुए अच्छे नागरिकों के रूप में उभर कर सामने आ सकें।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि हम निश्चित रूप से एक विशेष स्तर पर दी जा रही शिक्षा के मानदंडों के बारे में माता-पिता और शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के बीच भी जागरूकता बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए देश भर में फैले स्कूलों में पोस्टर प्रदर्शित किए जाएंगे। शिक्षकों को समुचित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और इसकी उच्‍च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विद्या परिणाम चार्टर तैयार किया है।

मंत्री महोदय ने कहा कि इस वर्ष नवोन्मेष के तहत शिक्षा में नवाचारों के लिए रायपुर, बेंगलूरू, चंडीगढ़, गुवाहाटी और पुणे में पांच शिविरों का आयोजन किया जाएगा जहां शिक्षक को शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, समुदाय के सहयोग और शिक्षा के लिए डिजिटल माध्यमों के समुचित उपयोग के पहलुओं पर विभिन्न राज्य सरकारों के अधिकारियों, गैर-सरकारी संगठनों और शिक्षा में नवाचार करने वाले शिक्षा के प्रतिपादकों द्वारा विस्‍तार से चर्चा की जाएगी। मंत्री महोदय ने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन में विचार-विमर्श से विद्यार्थियों के सशक्तिकरण के लिए रचनात्मक शिक्षा का मार्ग प्रशस्‍त होगा, ताकि वे एक ही बार में ज्ञान, कौशल और अच्छे मूल्य प्राप्त कर सकें। उन्‍होंने कहा कि हम यहां तैयार होने वाले प्रस्‍ताव को यथासमय निश्चित रूप से सभी को प्रसारित करेंगे।

इस अवसर पर इन पांच पुस्तकों का विमोचन भी किया गया : लर्निंग आउटकम्‍स एट द एलिमेंटरी स्‍टेज,  नॉर्थ-ईस्‍ट इंडिया : पीपुल, हिस्‍ट्री एंड कल्‍चर, बाराखा : रीडिंग सीरीज फॉर ऑल, टूवर्ड्स ग्रीन स्‍कूल और डिक्शनरी ऑफ जियोग्राफी फॉर स्‍कूल्‍स।

सम्मेलन को श्री अनिल स्वरूप, सचिव, स्कूली शिक्षा,  ऋषिकेश सेनापति,  निदेशक एनसीईआरटी और श्री शिगेरू ओयागी, निदेशक एवं यूनेस्को के प्रतिनिधि ने भी संबोधित किया।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन में कई गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और शिक्षाविदों के अलावा विभिन्न राज्यों और यूनेस्को के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।

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