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अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली छात्रों को डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय प्रतिभा पुरस्कार

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली छात्रों को डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय प्रतिभा पुरस्कार
देश-विदेश

नई दिल्ली: माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय परीक्षा 2016 के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली छात्रों को आज यहां एक समारोह में डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किए गए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, श्री विजय सांपला और श्री रामदास अठावले ने 2016 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रतिभाशाली छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर ‘कलेक्टेड वर्क्स ऑफ बाबासाहेब अम्बेडकर’ का नया मुद्रित संस्करण और ऑडियो सीडी का एक सेट भी जारी किया गया। समारोह का आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन ने किया था।

पुरस्कारों को 2 वर्गों में वितरित किया गया। पहले वर्ग में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वे छात्र शामिल थे जिन्होंने 2016 की माध्यमिक विद्यालय परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। चूंकि पहली, दूसरी और तीसरी श्रेणी में कोई छात्रा नहीं है इसलिए सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्रा के लिए विशेष पुरस्कार की घोषणा की गई, ताकि कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा सके। पुरस्कार के दूसरे वर्ग में उच्च माध्यमिक विद्यालय परीक्षा 2016 में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को पुरस्कृत किया गया। 10वीं कक्षा में कुल 79 छात्रों को और 12वीं कक्षा में कुल 105 छात्रों को पुरस्कार दिये गए। प्रथम पुरस्कार में 60 हजार रुपये, दूसरे पुरस्कार में 50 हजार रुपये और तीसरे पुरस्कार में 40 हजार रुपये का नकद पुरस्कार है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री एवं डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री थावर चंद गहलोत ने अपने संदेश में कहा कि शिक्षा बहुत शक्तिशाली उपकरण है और हर छात्र की उस तक पहुंच होनी चाहिए। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे पढ़ाई में खुद को समर्पित कर दें ताकि समाज और राष्ट्र का लाभ हो। उन्होंने छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

श्री विजय सांपला ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने अनुसूचित जातियों की उन्नति के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वे ज्ञान के प्रतीक थे। हमें उनके जीवन से जीने की शैली सीखनी चाहिए।

श्री रामदास अठावले ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने हमें गौरव के साथ जीना सिखाया और वे हम सबके प्रेरणास्रोत थे। उनका मानना था कि हमारी उन्नति के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि छात्रों को केवल रोजगार प्राप्त करने पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि उन्हें स्वयं अपना उपक्रम शुरु करना चाहिए। इस संबंध में अनुसूचित जातियों की सहायता के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की वेंचर कैपिटल फंड की योजना मौजूद है।

इस अवसर पर श्री कृष्णपाल गुर्जर ने प्रतिभाशाली छात्रों को बधाई दी और कहा वे देश का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मान का विषय है कि इन पुरस्कारों को डॉ. भीम राव अम्बेडकर के नाम पर दिया जाता है, जिन्होंने समानता के लिए संघर्ष किया था। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने डॉ. अम्बेडकर से जुड़े पांच स्थानों को ‘पंचतीर्थ’ के रूप में घोषित किया है। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे अपना लक्ष्य स्वयं निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने का प्रयास करें।

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