33 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने प्रस्तावित व्यापार नीति 2015-20 के लिए आईआईएफटी के स्नातक छात्रों के सुझाव आमंत्रित किये

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री निर्मला सीतारमन आज नई दिल्ली में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान के 51वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। समारोह की अध्यक्षता आईआईएफटी की अध्यक्ष और वाणिज्य विभाग मैं सचिव श्रीमती रीता तिओतिआ ने की।

      इस अवसर पर श्री निर्मला सीतारमन ने आईआईएफटी और विशिष्टता की खोज में संस्थान में आऩे वाले युवा छात्रों की अकादमिक दृढ़ता की सराहना की। उन्होंने खुशी जाहिर की कि आईआईएफटी का विस्तार हुआ है और वह जल्दी ही आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा में जल्दी ही अपनी तीसरा परिसर स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय और व्यापार कार्यक्रम आज की दुनिया में काफी महत्व रखते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वैश्वीककरण की सुखानुभूति से विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को शुरू में लाभ पहुंचा लेकिन धीरे-धीरे विभिन्न कारणों से अर्थव्यवस्थाओं को दिखाई देने लगा कि अमीर और गरीब के बीच की खाई कम नहीं हो रही है और आर्थिक समृद्धता अपेक्षा के अनुसार नहीं बढ़ रही है जिसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था जकड़ती जा रही है और विभिन्न रूपों में संरक्षणवाद बढ़ रहा है। श्रीमती सीतारमन ने जोर देकर कहा कि हांलाकि विश्व स्तर पर रणनीतिक और राजनीतिक परस्पर प्रभावों का गहराई से अध्ययन किया गया है, वैश्विक आर्थिक परस्पर प्रभावों का विस्तृत अध्ययन और विश्लेषण करने की जरूरत है और ऐसी स्थिति में भारत के लिए अपनी क्षमता का विकास करने की काफी संभावना है। उऩ्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय व्यापार, अर्थशास्त्र और कानून की जानकारी के साथ बहुविषय़क विशेषज्ञों को तैयार करने की जरूरत बताई ताकि विश्व व्यापार समझौतों के संबंध में भारत की बातचीत में उनका योगदान मिल सके। उन्होंने कहा कि आईआईएफटी के छात्र संस्थान में प्राप्त ज्ञान और कौशल बढ़ाकर इस क्षेत्र में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने सितम्बर 2017 में जारी होने वाली प्रस्तावित विदेश व्यापार नीति 2015-20 के बारे में स्नातक छात्रों के सुझाव आमंत्रित किये।

      श्रीमती सीतारमन ने विश्वभर में जीडीपी का 70 प्रतिशत योगदान देने वाली सेवाओं के बढ़ते महत्व का जिक्र किया और सिफारिश की कि कुछ और अनुसंधान प्रक्षेप पथ पर केन्द्रित हों। उन्होंने घोषणा की कि भारत में सेवाओं के लिए व्यापार सरलीकरण समझौते को तैयार करने के बारे में डब्ल्यूटीओ के समक्ष एक पत्र पेश किया है।

      आईआईएफटी जैसे शीर्ष संस्थानों के लिए अच्छे प्राध्यापकों की बढ़ती कमी के बारे में बातचीत करके हुए श्रीमती सीतारमन ने सुझाव दिया कि इस अंतर को पाटने के लिए उद्योग, सरकारी अधिकारियों और शैक्षणिक समुदाय के बीच संकर परागण को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

      इस अवसर पर वाणिज्य सचिव श्रीमती रीता तिओतिआ ने स्नातक छात्रों को बधाई दी। उन्होंने आईआईएफटी की सराहना करते हुए कहा कि उसने इन छात्रों को प्रबंधकीय कौशल और नैतिक मूल्यों से सुसज्जित कर दिया है जो सफल प्रबंधकों और अच्छे व्यवसायियों के लिए जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उच्च शिक्षा का पूरा केन्द्र ज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और डिजीटल इंडिया भारतीय अर्थव्यवस्था में कौशल की कमी के अंतर को पूरा कर सकते हैं और बाजारों तक विस्तृत पहुंच के लिए परम्परागत क्षेत्रों और अनुमति देने के लिए नई जानकारी के सृजन और ज्ञान के प्रभावी इस्तेमाल का फायदा उठाया जा सकता है।

      आईआईएफटी के निदेशक श्री विनय कुमार ने बताया कि आईआईएफटी लगातार एशिया प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख बिजनेस स्कूलों में बना हुआ है। उन्होंने बताया कि 2016-17 में आईआईएफटी ने दुनिया भर की कंपनियों में सबसे अधिक 258 छात्रों का नियोजन किया है। तीन छात्रों को एक करोड़ रुपये से अधिक वेतन पर छह छात्रों को 75 लाख रुपये से अधिक वेतन पर रखा जा चुका है। इस वर्ष अतर्राष्ट्रीय नियोजन 33 प्रतिशत बढ़ने के साथ औसत पारितोषिक 18.4 लाख रुपये प्रतिवर्ष बढ़ गया है। उन्होंने आईआईएफटी के छात्रों और प्राध्यापकों की 2016-17 की प्रमुख उपलब्धियों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीते गये पुरस्कारों को व्यापार और नीति के क्षेत्र में किये जा रहे अनुसंधान कार्यों तथा कंपनियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के विस्तार के बारे में जानकारी दी। निदेशक ने आईआईएफटी के अंतर्राष्ट्रीय़ सहयोगों की चर्चा की और बताया कि आईआईएफटी ने पिछले कुछ वर्षों में 33 अफ्रीकी देशों में 35 विकास कार्यक्रम आयोजित किये। आईआईएफटी में उष्मायन केन्द्र और हिमाचल प्रदेश में निर्यात सुविधा केन्द्र विशेषज्ञों की पहुंच बढ़ाने के लिए संस्थान की प्रमुख पहलें है।

      आईआईएफटी के 51वें दीक्षांत समारोह में 9 पीएचडी,300 एमबीए डिग्रियां और 222 डिप्लोमा प्रदान किये गये।

Related posts

11 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More