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राज्यपाल ने विधान मण्डल के दोनों सदनों के एक साथ समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया

राज्यपाल ने विधान मण्डल के दोनों सदनों के एक साथ समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के वर्ष 2017 के दोनों सदनों के एक साथ समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में चल रही राज्य सरकार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए सदस्यों से सरकार को प्रदेश को विकास और खुशहाली के रास्ते पर तेजी से आगे ले जाने में सहयोग देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कभी उत्तर प्रदेश, देश का सबसे अग्रणी राज्य हुआ करता था, किन्तु विगत कई वर्षों से यह विकास की दौड़ में अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी पीछे छूट गया है। उत्तर प्रदेश को पुनः अग्रिम पंक्ति में लाना व ‘सबका साथ-सबका’ विकास ही राज्य सरकार का संकल्प है।

राज्यपाल ने सरकार की कार्यप्रणाली की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी सरकार स्थायी, संवेदनशील व विकासोन्मुखी व्यवस्था देने के लिए प्रतिबद्ध है। भोजन, पेयजल, आवास, स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्थाओं के साथ-साथ जनता में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए राज्य सरकार दृढ़ प्रतिज्ञ है। प्रदेश सरकार तुष्टिकरण की नीति से अलग हटकर सभी वर्ग के लोगों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी कार्यालयों में कार्य संस्कृति में व्यापक सुधार के लिए उठाए गए कदम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। जनता की समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वह प्रातः 09 बजे से 11 बजे तक अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर जनता की समस्याएं सुनें और उनका निराकरण करें।

किसानों द्वारा लिए गए 01 लाख रुपए तक के फसली ऋण को राज्य सरकार द्वारा माफ करने के निर्णय की जानकारी देते हुए श्री नाईक ने कहा कि यह व्यवस्था 31 दिसम्बर, 2016 तक लिए गए फसली ऋण पर लागू होगी। इस निर्णय से 86 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। इससे राजकोष पर लगभग 36 हजार करोड़ रुपए का भार सम्भावित है। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में 05 हजार गेहूं क्रय केन्द्र खोलकर उनके माध्यम से गेहूं क्रय की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, गेहूं खरीद के न्यूनतम लक्ष्य 40 लाख मीट्रिक टन को बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। इसी प्रकार आलू किसानों को भी राहत पहुंचाने का काम किया गया है।

श्री राज्यपाल ने बताया कि उनकी सरकार द्वारा गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2016-17 में अब तक 18327.52 करोड़ रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। जिन चीनी मिलों द्वारा भुगतान में हीलाहवाली की गई, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई प्रारम्भ करने की तैयारी की जा चुकी है। किसानों को खेती के नये तौर-तरीके की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना का निर्णय भी लिया गया है। किसानों को उन्नतशील बीज एवं तकनीक उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद के अंतर्गत धान, कानपुर के अंतर्गत गेहूं एवं सब्जी, मेरठ के अंतर्गत बायो तकनीक से बासमती धान, बांदा के अंतर्गत शुष्क खेती तथा इलाहाबाद के अंतर्गत लघु एवं मध्यम कृषि उपकरणों पर अनुसंधान हेतु सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना पर विचार किया जा रहा है।

श्री राज्यपाल ने किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराकर राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि 20 हजार करोड़ रुपए के कोष के साथ मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई फण्ड की स्थापना की जाएगी। बुन्देलखण्ड के सूखाग्रस्त इलाकों तक सिंचाई योजनाओं को पहुंचाने के लिए इस फण्ड में राशि का अलग से प्राविधान किया जाएगा। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर प्राथमिकता से काम शुरु किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश की सभी ठप पड़ी ए0आई0बी0पी0 परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराया जाएगा। 50 लाख किसानों को ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराया जाएगा। तालाबों का संरक्षण एवं पुनरोद्धार सुनिश्चित करने के लिए तालाब विकास प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी।

श्री नाईक ने बताया कि दुग्ध उत्पादन किसानों की अतिरिक्त आय का महत्वपूर्ण साधन बन सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए इस वर्ष करीब 320 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन किया जाएगा। प्रदेश के सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले लघु एवं सीमान्त कृषकों को कर्जमाफी का लाभ सुलभ कराने पर राज्य सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है। भविष्य में किसानों को शून्य फीसदी की दर पर अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध कराए जाने की योजना भी बनायी गयी है। ग्राम पंचायतों को और अधिक सशक्त बनाने एवं स्थानीय स्तर पर शासकीय कार्यों के निष्पादन हेतु इस वित्तीय वर्ष में 750 पंचायत भवनों का निर्माण कराया जाएगा। दाह संस्कार में होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 1409 अन्त्येष्टि स्थलों के निर्माण का निर्णय भी लिया गया है।

श्री नाईक ने बताया कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक निवेश नीति बनायी जा रही है। पूंजी निवेश की प्रक्रियाओं को सरलीकृत एवं पारदर्शी बनाते हुए सिंगल विण्डो क्लियरेंस तंत्र का गठन किया जाएगा। साथ ही, औद्योगिक निवेश बोर्ड के गठन का भी प्रस्ताव विचाराधीन है। प्रदेश की विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। जिला मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों पर 20 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। शहरी क्षेत्र में खराब ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए 24 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्र में 48 घण्टे का समय निर्धारित किया गया है। राज्य सरकार ने ‘पावर फाॅर आॅल’ योजना के तहत हर घर को 24 घण्टे बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए अक्टूबर, 2018 का समय निर्धारित किया है। इसके लिए केन्द्र सरकार के साथ एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किया गया है।

राज्य में अमन-चैन व कानून का राज स्थापित करना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता बताते हुए श्री राज्यपाल ने कहा कि एण्टी रोमियो स्क्वायड के गठन के बाद मनचलों व आपराधिक प्रवृत्ति के शोहदों पर प्रभावी कार्रवाई की गई है। सरकारी व निजी भूमि पर से अवैध कब्जे को हटाने के लिए एण्टी भूमाफिया टास्क फोर्स के गठन का भी निर्णय लिया गया है। समाज के सभी वर्गों की सामाजिक व आर्थिक दशा सुधारने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे दुकान लगाने वाले पटरी दुकानदारों के हितों के संरक्षण के लिए एक कार्ययोजना लागू की गई है, जिससे अब लाइसेंस प्राप्त करके सम्मानपूर्वक व्यवसाय किया जा सकेगा। प्रदेश की सभी सड़कों को 15 जून, 2017 तक गड्ढामुक्त करने, सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ (प्रारम्भिक) परीक्षा में सी-सेट से प्रभावित अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु सीमा में छूट देते हुए दो अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के भी निर्णय लिए गए हंै।

श्री राज्यपाल ने बताया कि भ्रष्टाचार को समाप्त कर पारदर्शी प्रशासन देना व जन आकांक्षाओं की पूर्ति तथा प्रदेश का सर्वांगीण विकास ही उनकी सरकार की प्राथमिकता है। इसीलिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए ई-टेण्डर की पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था लागू की गई है। तीर्थ यात्रियों व पर्यटकों को उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अयोध्या व मथुरा-वृन्दावन, दो नये नगर निगम का गठन किया गया है। एकात्म मानववाद के प्रणेता व अन्त्योदय का सूत्रपात करने वाले पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की जन्म शताब्दी के अवसर पर पूरे प्रदेश में 24 सितम्बर, 2017 तक विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय लिया गया है। इसी के साथ 25 सितम्बर, 2017 को उनकी जन्मस्थली नगला चन्द्रभान ‘दीन दयाल धाम’ जनपद मथुरा में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला भी लिया गया है।

श्री राज्यपाल ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन को प्रभावी ढंग से लागू करते हुए दिसम्बर, 2018 तक प्रदेश के सभी जनपदों को खुले में शौच से मुक्त (ओ0डी0एफ0) करने का फैसला भी लिया गया है। इस योजना के तहत जनपद शामली को ओ0डी0एफ0 घोषित किया जा चुका है। 30 अन्य जनपदों को 31 दिसम्बर, 2017 तक ओ0डी0एफ0 घोषित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 78,86,237 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्यमियों को शत-प्रतिशत ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। इस योजना को वर्तमान में संचालित मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना में आवश्यक संशोधन कर शुरु किया जाएगा। नीर निर्मल परियोजना के तहत निर्माणाधीन 92 पाइप पेयजल परियोजनाओं को जून, 2017 तथा 107 को सितम्बर, 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

श्री राज्यपाल ने बताया कि उनकी सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण एवं सम्मान सहित जीवन-यापन के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में विकलांग कल्याण विभाग का नाम परिवर्तित कर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग कर दिया गया है। दिव्यांगजनों की वर्तमान पेंशन धनराशि को 300 रुपए प्रतिमाह के स्थान पर 500 रुपए करने, दिव्यांगजन को निःशुल्क बस यात्रा सुविधा उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों के अंतिम गंतव्य स्थल तक अनुमन्य कराने, डिस्लेक्सिया से प्रभावित बच्चों के लिए लखनऊ में अध्यापक प्रशिक्षण सह-निदान केन्द्र की स्थापना के कार्य भी कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनपद गोरखपुर में इन्सेफेलाइटिस से प्रभावित व्यक्तियों के निदान के उपरान्त थेरेपी एवं परामर्श हेतु कम्पोजिट रीजनल सेण्टर की स्थापना करायी जा रही है। बचपन डे केयर सेण्टर पर आने वाले बच्चों को निःशुल्क मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था तथा स्वास्थ्य बीमा योजना के एकल प्रीमियम का 10 प्रतिशत अंश, जो अभी तक लाभार्थी द्वारा दिए जाने की व्यवस्था है, वह राज्य सरकार द्वारा वहन करने का निर्णय लिया गया है।

श्री राज्यपाल ने बताया कि राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके तहत समस्त राज्य विद्यालयों में समान पाठ्यक्रम लागू करने, शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए आधार से लिंक करने, शैक्षिक कैलेण्डर के अनुसार सत्र का संचालन नियमित किए जाने, नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न कराने तथा सम्बद्धता की प्रक्रिया को आॅनलाइन करने का फैसला भी लिया गया है। इसी प्रकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफाॅर्म, स्कूल बैग के अतिरिक्त जूता-मोजा एवं स्वेटर उपलब्ध कराने की योजना प्रस्तावित है। प्रदेश में पहली बार मेडिकल एवं डेन्टल काॅलेजों तथा विश्वविद्यालयों के पी0जी0 कोर्सेज के लिए शुल्क निर्धारित किया गया।

श्री राज्यपाल ने बताया कि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के अतिरिक्त, प्रदेश के 06 अन्य महानगरों- कानपुर नगर, आगरा, मेरठ, वाराणसी, इलाहाबाद एवं गोरखपुर में मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया है। परियोजनाओं में काॅस्ट ओवर रन एवं टाइम ओवर रन को समाप्त करने के उद्देश्य से निर्माण इकाइयों के साथ एम0ओ0यू0 के लिए गाइड लाइन जारी करने का निर्णय भी लिया गया है। लखनऊ, मथुरा, वृन्दावन, अयोध्या, प्रयाग, विन्ध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट आदि मुख्य पर्यटन स्थलों को 04 लेन मार्ग से जोड़ने के साथ ही, धार्मिक पर्यटन स्थलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट के साथ-साथ परिक्रमा मार्गों को विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा श्रीराम, श्रीकृष्ण, काशी व बुद्ध सर्किट को पूर्ण रूप से विकसित किया जाएगा। सभी अस्पतालों में प्रसव कक्ष को अत्याधुनिक बनाने एवं संस्थागत प्रसव कराने वाली गर्भवती महिलाओं को गारेण्टेड कैशलेस डिलीवरी सेवा प्रदान की जाएगी। हर ब्लाॅक में जेनेरिक दवाओं के स्टोर भी खोले जाएंगे। खनन कार्य से प्रभावित क्षेत्रों/व्यक्तियों के कल्याण हेतु प्रत्येक जनपद में स्थापित जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास के माध्यम से विकास योजनाओं को सम्पादित कराया जाएगा। इसके साथ ही, स्वच्छ एवं पारदर्शी खनन नीति का निर्धारण भी किया जाएगा।

राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में विधान मण्डल के सभी सदस्यों से राज्य सरकार को सहयोग प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे प्रदेश की जन आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सदन की गरिमा व पवित्रता को बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि उनकी सरकार जन कल्याण के लिए समर्पित है और सुविचारित नीतियों से प्रदेश में एक ऐसा माहौल तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां से समृद्धि और विकास के अनेक पथ निकलते हैं।

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