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मोबाइल इंटरनेट तथा टेक्नोलॉजी का सबसे बड़ा मंच इंडिया मोबाइल कांग्रेस- 2017

India Mobile Congress-Country’s largest platform connecting Mobile, Internet and Technology gets underway
देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: संचार मंत्री श्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि अभी भारत 1.2 अरब से अधिक ग्राहक आधार और लगभग 450 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है।

श्री मनोज सिन्हा भारत मोबाइल कांग्रेस -2017 का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन को अपनाने और डेटा उपभोग में घातांकीय वृद्धि से दूरसंचार उद्योग 2017 तक लगभग 38.25 मिलियन डॉलर के राजस्व वाला उद्योग हो जाएगा। वर्ष 2014 से 2017 की अवधि में 5.2% की सीएजीआर वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में इस क्षेत्र में निवेश लगभग 220 प्रतिशत बढ़ा है और मोबाइल कवरेज को बढ़ाने के लिए ऑपरेटरों ने पिछले 15 महीनों में 0.2 मिलियन से अधिक साइटें शुरू की हैं। प्रत्येक 3 मिनट में एक नई साइट शुरू की जा रही है।

श्री सिन्हा ने कहा कि ग्रामीण बाजार में सरकार और दूरसंचार कंपनियों के निरंतर ध्यान देने से करीब 4 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होगे और मोबाइल फोन और डेटा उपयोग की बिक्री में निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की। मोबाइल उपकरणों से ट्रैफ़िक कुल ई-कॉमर्स ट्रैफ़िक का 70% योगदान देता है। भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2021 से 125 मिलियन डॉलर तक 2.8 गुना बढ़ने की संभावना है और मोबाइल डिवाइस इस वृद्धि को तेजी देंगे।

उन्होंने कहा कि डिजिटल भारत के लक्ष्यों का मौलिक आधार देश का संचार उद्योग है जो केवल लोगों से जुड़ा ही नहीं है, बल्कि नौकरियों का भी सृजन किया है, ज्ञान के लिए एक उपकरण बन गया है, खजाने में योगदान दिया है और आर्थिक विकास और वित्तीय समावेशन का विस्तार किया है। सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के तीन प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं-

  • प्रत्येक नागरिक को उपयोगिता के रूप में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर,
  • मांग पर शासन और सेवाएं तथा
  • नागरिकों का डिजिटल सशक्तिकरण

संचार मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में सरकार ने प्रौद्योगिकी, स्मार्ट शहरों, आपस में जुड़े सुपर हाईवे पर ध्यान दिया है और नागरिकों के लिए ई-गवर्नेंस सेवाओं की डिलीवरी में तेजी आई है। यह सभी दूरसंचार क्षेत्र पर अत्यधिक निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के आने से लोग न केवल इंटरनेट से आपस में जुड़ेगे बल्कि अरबों मशीनें और उपकरण जैसे पहनने योग्य वस्त्र, कार, घर, औद्योगिक उपकरण, घरेलू एपलांस आदि शामिल होंगे। ‘डिजिटल इंडिया’ पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ कम लागत का स्मार्टफोन, नवीनतम तकनीकों को अपनाने और घातांकीय इंटरनेट वृद्धि अरबों को इंटरनेट से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

संचार मंत्री ने कहा कि दूरसंचार और आईटी वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद में 16.5 प्रतिशत योगदान देते हैं। इसमें वृद्धि की बहुत सारी संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि एनटीपी 2018 के साथ, भारतीय दूरसंचार बाजार 2020 तक 6.6 लाख रुपये का राजस्व स्तर से आगे निकला जाएगा। सरकार कारोबारी सहजता के लिए और नवाचार और निवेश के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

इस अवसर पर दूरसंचार सचिव सुश्री अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि भारत मोबाइल कांग्रेस प्रधानमंत्री की दृष्टि से पूरी तरह से जुड़ने और डिजिटल रूप से सशक्त भारत के लिए मंच का वादा करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष के अंत तक एक लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड के साथ जोड़ने के लिए भारत-नेट प्रोजेक्ट को लागू करने में सात गुनी तेजी से काम किया गया। उन्होंने बताया कि 2019 तक 1 लाख वाई-फाई हॉटस्पॉट्स का लक्ष्य और 2022 तक भारत में 700 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता का लक्ष्य हासिल करना है।

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