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मुख्यमंत्री ने निजी स्कूलों/काॅलेजों द्वारा फीस के सम्बन्ध में की जा रही मनमानी वसूली पर रोक लगाने के लिए नियमावली बनाने के भी निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसे सुधारने के लिए हर सम्भव प्रयास करेगी। जहां एक तरफ यह प्रयास किया जाएगा कि सभी परीक्षाएं समय पर हों, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार यह भी कोशिश करेगी कि नकल पर पूरी तरह से लगाम लगे। राज्य सरकार नकल करवाने वालों तथा ऐसे केन्द्रों पर सख्त कार्रवाई करेगी। नकल पर हर हाल में रोक लगाई जाएगी। दागी केन्द्रों को चिन्ह्ति कर उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के साथ-साथ उनके खिलाफ एफ0आई0आर0 भी दर्ज कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां शास्त्री भवन में शिक्षा के सम्बन्ध में आयोजित एक प्रस्तुतिकरण में व्यक्त किए। इस प्रस्तुतिकरण में प्रदेश के उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा तथा प्राविधिक शिक्षा के परिदृश्य पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि बुनियादी तौर पर शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों के ज्ञान के स्तर मंे बढ़ोत्तरी के साथ ही, उनमें ऐसे नैतिक गुणों का समावेश किया जाए, जिससे वे भविष्य के योग्य, सफल एवं जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
श्री योगी ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का स्तर सुधारने के लिए नकल माफिया से निपटना आवश्यक है। इसके लिए सरकार सभी प्रभावी कदम उठाएगी। उन्होंने सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग चलाने पर सख्त रवैया अपनाते हुए ऐसे शिक्षकों के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि विद्यालयों में अधिकतम 200 दिन के अन्दर कोर्स पूरा कराया जाए। विद्यालयों मंे शिक्षकों की उपस्थिति की लगातार माॅनीटरिंग की जाए। सभी विद्यालयों में शिक्षकों तथा छात्रों की नियमित उपस्थिति बायोमीट्रिक्स के माध्यम से माॅनीटर की जाए। साथ ही, विद्यालयों में नियमित पढ़ाई सुनिश्चित की जाए।
श्री योगी ने कहा कि नियमित पढ़ाई सुनिश्चित करते हुए पाठ्यक्रम को समयबद्धता के साथ पूरा करने के उपरान्त समय से परीक्षा तथा उसका परिणाम सुनिश्चित किया जाए। उन्हांेनेे परीक्षाओं को 15 दिन में पूरा करके अगले 15 दिन के अन्दर उनके परिणाम देने की सम्भावना तलाशने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने उच्च शिक्षा तथा माध्यमिक शिक्षा के तहत अगले 100 दिन के अन्दर निर्धारित किए गए लक्ष्यों को हर हाल में पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग का प्रस्तुतिकरण देखते हुए निर्देश दिए कि राज्य स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करते हुए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के सत्रों को नियमित किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों का कोर्स समय से पूरा हो जाए और वे परीक्षा की ठीक से तैयारी कर सकें। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकांे की कमी को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो भी भर्तियां की जाएं, उनमें पूरी पारदर्शिता बरती जाए। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थाओं में भर्ती से सम्बन्धित लम्बित वादों को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए।
माध्यमिक शिक्षा पर दिए गए प्रस्तुतिकरण के दौरान श्री योगी ने कहा कि प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा में विगत अनेक वर्षों में बहुत सारी व्याधियां व्याप्त हो गई हंै, इनमें नकल सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा माध्यमिक शिक्षा को एकदम चुस्त-दुरुस्त करते हुए प्रभावी बनाने की है, ताकि विद्यार्थियों का स्तर ऊंचा हो और वे अपने कैरियर से सम्बन्धित भविष्य की चुनौतियों से भली-भांति निपट सकें। उन्होंने इस क्षेत्र में निजी स्कूलों/काॅलेजों द्वारा फीस के सम्बन्ध में की जा रही मनमानी वसूली पर रोक लगाने के लिए एक नियमावली बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए समर्थ बनाने के उद्देश्य से रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा कार्यक्रम तथा योग शिक्षा कार्यक्रम को अनिवार्य बनाने के निर्देश दिए।
व्यावसायिक शिक्षा के प्रस्तुतिकरण की मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की और निर्देश दिए कि आई0टी0आई0 संस्थानों में पुराने ट्रेडों जैसे-रेडियो मैकेनिक आदि को समाप्त करके आधुनिक जरूरतों के अनुरूप नए ट्रेड शुरू किए जाएं। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि आई0टी0आई0 से प्रशिक्षित विद्यार्थियों को विदेशों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए एन0आर0आई0 विभाग से समन्वय करके कार्य योजना बना ली जाए। उन्होंने कहा कि आई0टी0आई0 संस्थानों में उपलब्ध बुनियादी ढांचे का विद्यार्थियों के हित में अधिकाधिक उपयोग करने के लिए आई0टी0आई0 संस्थानों को 2 शिफ्ट में संचालित करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए।
श्री योगी ने प्राविधिक शिक्षा विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि बन्दी के स्थिति में पहुंचे प्राईवेट इंजीनियरिंग काॅलेजों के संसाधनों का इस्तेमाल व्यावसायिक गतिविधि में करने से रोका जाना सुनिश्चित करें। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्राईवेट इंजीनियरिंग काॅलेजों को अन्य शैक्षिक संस्थाओं यथा डिप्लोमा, फार्मा, नर्सिंग आदि के कोर्सेज चलाने के लिए सम्भावनाएं तलाशी जाएं। उन्होंने कहा कि प्राईवेट इंजीनियरिंग काॅलेजों में समय के अनुरूप आधुनिक तकनीकी से जुड़े अच्छे कोर्सेज शामिल किए जाने चाहिए।
श्री योगी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार हर स्तर की शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए लोक कल्याण संकल्प पत्र में विभिन्न प्रकार की शिक्षा के सम्बन्ध में किए गए वादों को प्राथमिकता पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के भविष्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण विषय पर पूरा ध्यान देना हम सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए लोक कल्याण संकल्प पत्र के सुसंगत बिन्दुओं के क्रियान्वयन के लिए बजट में वित्तीय प्राविधान कराकर, उसके अनुरूप कार्यवाही करना जरूरी है।
प्रस्तुतिकरण के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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