34 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत सरकार और विश्‍व बैंक के बीच असम के कृषि व्‍यापार और ग्रामीण रूपांतरण परियोजना के लिए 200 मिलियन डॉलर का ऋण समझौता हुआ

देश-विदेशव्यापार

नई दिल्ली: सरकार और विश्‍व बैंक ने असम के कृषि व्‍यापार और ग्रामीण रूपांतरण परियोजना के लिए आज 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए।

यह परियोजना असम सरकार को कृषि व्‍यापार निवेश व कृषि पैदावर बढ़ाने, बाजार तक पहुंच बढ़ाने तथा छोटे किसानों को बाढ़ और सूखे को सहन करने वाले फसलों की खेती के लिए प्रोत्‍साहन प्रदान करने हेतु सहायता प्रदान करेगी।

इस समझौते पत्र पर भारत सरकार की ओर से वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्‍त सचिव श्री समीर कुमार खरे व असम सरकार की ओर से प्रधान वित्‍त सचिव श्री रवि कोटा तथा विश्‍व बैंक की तरफ से विश्‍व बैंक भारत के ऑपरेशंस मैनेजर श्री हिशम एबडो ने हस्‍ताक्षर किए।

इस अवसर पर वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्‍त सचिव श्री समीर कुमार खरे ने कहा कि असम सरकार ने व्‍यापार को आसान बनाने, कृषि बाजार और मत्‍स्‍य पालन समेत कई नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाया है।

यह परियोजना असम के 16 जिलों में लागू की जाएगी। इस परियोजना से 5,00,000 छोटे किसानों के परिवार लाभान्वित होंगे। इस परियोजना की गतिविधियों में हिस्‍सा लेने वालों की कुल संख्‍या की 30% महिलाएं होंगी। महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमों पर विशेष ध्‍यान दिया जाएगा।

विश्‍व बैंक भारत के ऑपरेशंस मैनेजर श्री हिशम एबडो ने इस अवसर पर कहा कि असम सरकार कृषि आय को दोगुना करना चाहती है और कृषि क्षेत्र को विकास का स्‍थायी स्‍त्रोत बनाना चाहती है।

वरिष्‍ठ कृषि विशेषज्ञ और परियोजना के लिए विश्‍व बैंक के टीम लीडर श्री मणिवन्‍नन पथी ने कहा कि बाजार से जुड़ी उत्‍पादन प्रणाली और मूल्‍य संवर्धन कृषि क्षेत्र की प्रतिस्‍पर्धा बढ़ाने मे महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मौसम के बदलावों का असम के कृषि क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में धान की खेती वाले 50% से अधिक कृषि क्षेत्र या तो पानी में डूब जाते है या सूखे के शिकार हो जाते है।

इंटरनेशल बैंक फॉर रिकंसट्रक्‍शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) द्वारा दिए गए इस 200 मिलियन डॉलर के ऋण के लिए सात वर्षों की अनुग्रह अवधि और 16.5 वर्षों की परिपक्‍वता अवधि है।

Related posts

10 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More