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पशुपालन भवन परिसर, मोथरोवाला में पशुपालन विभाग के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को पशुपालन भवन परिसर, मोथरोवाला में पशुपालन विभाग के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के लोगो का अनावरण एवं पशुपालकों को प्राथमिक पशु चिकित्सा किट भी प्रदान किये।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कार्यक्रम में जानकारी दी कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार से देहरादून-पंतनगर हवाई सेवा के लिए मंजूरी मिल गई है। यह हवाई सेवा फरवरी के अन्त तक प्रारम्भ हो जायेगी। उन्होंने कहा कि ‘‘उड़ान योजना’’ के अन्तर्गत गाजियाबाद (हिण्डन) से पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, श्रीनगर, गौचर, लैंसडोन हवाई सेवा के लिए भी मंजूरी मिल गई है। यह हवाई सेवाएं अगले 06 माह में प्रारम्भ हो जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषि एवं पशुपालन दो ऐसे क्षेत्र है जिनमें रोजगार की संभावनाएं बहुत अधिक हैं। वर्तमान समय में आर्गनिक खेती की डिमाण्ड तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बिना पशुपालन के आर्गनिक खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि पशुपालन से सम्बन्धित कार्य सुनियोजित तरीके से किया जाए तो इससे अर्थव्यवस्था में अच्छा सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए चम्पावत के नडियाल गांव में बद्री गाय की नस्ल का संरक्षण तथा संवर्द्धन किया जा रहा है। प्रदेश में गायों की संख्या में वृद्धि करने के लिए ऋषिकेश में एक सेक्स सीमन सेन्टर बनाये जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर स्वतंत्र विचरण करने वाले गोवंश को सुरक्षित स्थानों पर लाने की व्यवस्था की जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के कुछ जनपदों में 0-6 आयु वर्ग के लिंगानुपात में बेटियों की संख्या में तेजी से कमी आ रही थी, जो एक हजार बालकों पर मात्र 813 हो गयी थी। बाल लिंगानुपात को बढ़ाने के लिये जन जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसके परिणामस्वरूप पिछले 09 माह में पिथौरागढ़ में बाल लिंगानुपात 813 से बढ़कर 914 हो गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले 05 सालों में राज्य लिंगानुपात को संतुलित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिये सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। इस अवसर पर उन्होंने पशुपालन विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

पशुपालन एवं महिला बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुधन बीमा योजना विभाग में संचालित है। पशुपालकों को इस योजना से लाभान्वित करने के लिए जागरूकता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 01 जून 2017 को विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा उत्तराखण्ड को स्वदेशी पशु संवर्द्धन के लिए प्रथम पुरस्कार दिया गया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी गोवंश के पालन के क्षेत्र में बागेश्वर के श्री जीवन लाल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार दिया गया।

मेयर/विधायक श्री विनोद चमोली ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनुसंधान की आवश्यकता है। उन्होंने कुक्कुट पालन, भेड़ एवं बकरी पालन को आर्थिकी से जोड़ने पर बल दिया। जिससे पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगेे और पलायन भी रूकेगा।

सचिव पशुपालन डाॅ. आर मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में पशुपालन विभाग में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। पशुओं में खुरपक्का एवं मुंहपक्का रोग से बचाव के लिए 90 प्रतिशत टीकाकरण किया गया। उन्होंने कहा कि पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के प्रतिशत में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सेक्स सीमन सेंटर के लिए देश में जिन 19 राज्यों के लिए मंजूरी मिली है, उनमें उत्तराखण्ड इसे लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बद्री गाय के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक चरण में इसके लिए एक हजार गायों चुना गया है।

इस अवसर पर गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह रावत, धर्मपुर के मण्डल अध्यक्ष श्री राजेश कम्बोज, पशुपालन विभाग के निदेशक डाॅ. एस.एस. बिष्ट, अपर निदेशक श्री के.के. जोशी आदि उपस्थित थे।

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