38 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों की श्रेणी सूची जारी की

देश-विदेश

नई दिल्लीः चैंपियंस ऑफ चेंज’ रीयल-टाइम निगरानी डैशबोर्ड 1 अप्रैल से लाइव

जिलों की डेल्टा रैंकिंग मई 2018 से उपलब्ध होगी

नीति आयोग ने आज स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास और बुनियादी ढांचे के पांच विकास क्षेत्रों में 49 संकेतकों (81 डाटा प्वाइंट) के प्रकाशित आंकड़ों के आधार पर श्रेणी सूची की शुरुआत की। इस श्रेणी सूची को नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने जारी किया।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने घोषणा की कि 1 अप्रैल से ‘चैंपियंस ऑफ चेंज’  रीयल टाइम डाटा संग्रहण और निगरानी के लिए डैशबोर्ड लोगों के लिए उपलब्ध होगा। यह डैशबोर्ड सभी आकांक्षी जिलों के जिलाअधिकारियों को उनके जिलों के उपलब्ध आंकड़ों को अपलोड करने की सुविधा प्रदान करेगा। 23 मार्च को जिलों के प्रतिनिधियों को डैशबोर्ड और इसकी कार्यप्रणाली के प्रशिक्षण के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था इसमें इन्हें डेटा अपलोड करने, सत्यापन करने और प्रस्तुत करने का प्रशिक्षण दिया गया।

अमिताभ कांत ने कहा “हम राज्य, जिला और यहां तक कि ब्लॉक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाना चाहते हैं। आखिर क्यों कुछ जिले मानव विकास के महत्वपूर्ण संकेतकों में पीछे है जबकि एक ही राज्य के अन्य जिले बेहतर है?  राज्यों की समृद्धि और राष्ट्र की प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए ‘दूरी की सीमा’  को पाटना महत्वपूर्ण है।”

“आकांक्षी जिला कार्यक्रम, रीयल-टाइम निगरानी और सक्रिय पाठ्यक्रम सुधारों के माध्यम से, केन्द्रों और राज्यों के साथ ही जिला स्तर पर भी सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत करता है।”

मई 2018 से, जिलों की रैंकिंग ‘वृद्धिशील प्रगति’ जैसे डेल्टा रैंकिंग व प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना को ध्यान में रखते हुए की जायेगी। जिले एक दूसरे के अनुभवों से सीख सकते हैं इसे नीति आयोग ने तैयार किया है और जिलाअधिकारियों को प्रसारित किया गया है।

आकांक्षी जिलों के बदलाव कार्यक्रम के बारे में

जनवरी में प्रधानमंत्री ने आकांक्षी जिलों के बदलाव कार्यक्रम की शुरुआत की जिसका उद्देश्य देश के कुछ अविकसित जिलों में से कुछ को शीघ्र और प्रभावी ढंग से बदलना है।

कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा कन्वर्जेंस (केन्द्रीय एवं राज्य की योजनाएं), सहयोग (केन्द्रीय, राज्य स्तर के ‘प्रभारी अधिकारियों’ और जिलाधिकारियों) और जन आंदोलन द्वारा संचालित जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा में हैं। मुख्य संचालकों के साथ राज्य, इस कार्यक्रम से प्रत्येक जिले को मजबूत करेगा।

सरकार लोगों के जीवन स्तर को सुधारने और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है- सबका साथ, सबका विकास।

यह कार्यक्रम अपनी क्षमता का अनुकूलतम उपयोग करने के लिए  तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में भाग लेने वाले लोगों की क्षमता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करता है। स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और बुनियादी ढांचा इस कार्यक्रम के मुख्य केन्द्र हैं।

विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के कई दौरों के बाद, जिलों की प्रगति को मापने के लिए 49 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों को चुना गया है। राज्य को अपने जिलों में सबसे बेहतर जिले को चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, बाद में प्रतिस्पर्धात्मक और सहकारी संघवाद की भावना से दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करके और देश में एक जिले की सर्वश्रेष्ठ बनने की इच्छा रखते हैं।

नीति आयोग ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी करके जिलों की वास्तविक प्रगति की निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड बनाया है। जिला सूचना अधिकारियों को 23 मार्च 2018 को डैशबोर्ड पर डेटा कैसे दर्ज करना है और एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) की रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया। 1 अप्रैल 2018 से जिले डेटा दर्ज करना शुरू कर देंगे। मई 2018 से, जिलों की वास्तविक प्रगति (डेल्टा रैंकिंग) के आधार रैंकिंग की जाएगी। आकांक्षी जिलों की प्रगति की निगरानी के लिए डैशबोर्ड जनता के लिए उपलब्ध होगा।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More