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धरेलू हिंसा में महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अन्तर्गत बाल विकास विभाग के तत्वाधान आयोजित कार्यशाल में प्रतिभाग करते हुएः अधिकारीगण

धरेलू हिंसा में महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अन्तर्गत बाल विकास विभाग के तत्वाधान आयोजित कार्यशाल में प्रतिभाग करते हुएः अधिकारीगण
उत्तराखंड

देहरादून: निरंजनपुर स्थित होटल वाईसराय इन में घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अन्तर्गत बाल विकास विभाग के तत्वाधान में 21 व 22 मार्च के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं के संरक्षण में लगे विधिक परामर्श से जुड़े अधिवक्ताओं एवं विभिन्न विभागों/प्रभागों/गैर सरकारी संगठनों के वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। चर्चा के दौरान मुख्यतः दो बातें सामने आई कि एक तो महिला संरक्षण में लगे विभिन्न विभागों/प्रभागों को आपस में समन्वय बढाना होगा, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि किसको किस स्तर पर क्या कार्य करना है दूसरा महिलाओं को विशेषकर ग्रामीण आंचल की महिलाओं को घरेलू हिंसा तथा अन्य प्रकार के उत्पीड़न से बचाव हेतु जागरूक करना होगा। इसके लिए इसमें लगे विभिन्न विभागों को अपने कार्यालय में बोर्ड चस्पा करना चाहिए तथा जिसका जो दायित्व है उसका स्पष्ट उल्लेख हो साथ ही समय-2 पर ग्रामीण आंचल में भी महिलाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया जाये, जिसमें घरेलू हिंसा से बचाव, कन्या भूर्ण हत्या, विभिन्न निःशुल्क कानूनी प्रावधानों एवं शिकायत करने की प्रक्रिया तथा उससे सम्बन्धित प्रपत्रों को भरने के तरीके समझाये जाने चाहिए।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में रविन्द्री मद्रवाल सचिव राज्य महिला आयोग, सुजाता सिंह उप निदेशक आई.सी.डी.एस उत्तराखण्ड, जिला कार्यक्रम अधिकारी एस.के सिंह, निर्भया प्रकोष्ठ की वरिष्ठ महिला अधिवक्ता फिरदोस परवीन सहित 181 टोली फ्री न0 निःशुल्क हेल्पलाईन, स्थानीय पुलिस कार्मिकों, एन.जी.ओ ने भी अपने-2 विभाग की भूमिका को बताते हुए अपने विचार व्यक्त किये।

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