39 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

के0जी0एम0यू0 से सम्बद्ध रायबरेली रोड स्थित ट्राॅमा सेण्टर-2 को बेहतर संचालन हेतु एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ को हस्तगत कराए जाने के निर्देश

प्रत्येक सोमवार व बृहस्पतिवार को विधायकों से भेंट करेंगे मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के चकगंजरिया स्थित कैंसर संस्थान के आधे-अधूरे निर्माण के बावजूद उद्घाटन पर कहा है कि कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी के उपचार के लिए बिना पूरी तैयारी व व्यवस्था के उद्घाटन करना स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं के साथ खिलवाड़ जैसा है। उन्होंने कहा कि कैंसर संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाएं जांच का विषय हैं। उन्होंने राजकीय मेडिकल काॅलेजों व संस्थानों की सम्बद्धता किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ तथा उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई इटावा से किए जाने पर गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने के0जी0एम0यू0 से सम्बद्ध रायबरेली रोड स्थित ट्राॅमा सेण्टर-2 को बेहतर संचालन के लिए एस0जी0पी0जी0आई0 लखनऊ को हस्तगत कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य में चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों की कमी की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए इस कमी को हर हाल में पूरा करना होगा। इस कमी को दूर करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि यह हम सबके के लिए चिन्ता का विषय है कि ग्रामीण व दूर-दराज के इलाकों और छोटे कस्बों में योग्य चिकित्सकों की कमी है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का आकर्षण शहरों और सुविधाओं की तरफ रहता है, जिनसे उन्हें निजात पाना होगा। उन्हें यह सोचना चाहिए कि जिस समाज व देश ने उन्हें चिकित्सक बनाने में मदद की है, वे उस समाज को क्या दे रहे हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद चिकित्सकों को 2 या 3 साल ग्रामीण या दूर-दराज के क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान किए जाने की बात कही।

श्री योगी ने कहा कि आबादी के लिहाज से न तो चिकित्सा शिक्षा संस्थान हैं और न ही शिक्षक। यह प्रयास होना चाहिए कि आने वाले 5 वर्षों में 25 मेडिकल काॅलेज पूरी गुणवत्तापरक ढंग से समयबद्धता के साथ स्थापित किए जाएं। साथ ही, प्रदेश के 6 क्षेत्रों में एम्स स्तर के संस्थान भी स्थापित हों। उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेजों को फैकल्टी और स्टाफ की पर्याप्त संख्या उपलब्ध कराना भी एक चुनौती है, जिसके समाधान का हर सम्भव प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के सुदृढ़ीकरण से ही चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी और लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि स्वस्थ नागरिक ही राष्ट्र की समृद्धि और उसके निर्माण में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने चिकित्सकों तथा चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को तकनीक एवं शोध के स्तर पर देश-दुनिया में हो रही प्रगति के साथ जुड़ने की बात भी कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में नए और आधुनिक उपकरणों के रख-रखाव और बेहतर उपयोग की ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि एक लम्बे समय तक इन उपकरणों को चालू हालत में रखे जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, सरकारी संस्थानों को मिलने वाले बजट का भी निर्धारित समयावधि के अन्दर सदुपयोग हो। उन्होंने नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत आने वाली परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्माणाधीन और अपूर्ण परियोजनाओं को समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। साथ ही, उन्होंने जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज बनाए जाने की योजना पर भी अमल किए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव नियोजन एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More