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केन्‍द्र सरकार ‘मनरेगा’ के तहत राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को पर्याप्‍त धनराशि का प्रवाह सुनिश्चित करेगी

देश-विदेश

नई दिल्ली: ग्रामीण विकास मंत्रालय ‘मनरेगा’ के तहत राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को पर्याप्‍त धनराशि का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 40,480 करोड़ रुपये की राशि जारी की है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में जारी की गई धनराशि से लगभग 4500 करोड़ रुपये ज्‍यादा है।

वित्तीय मानकों के अनुसार, हर साल 30 सितंबर के बाद राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों को निधारित प्रारूप में अन्‍य आवश्‍यक जानकारियों के साथ पिछले वित्त वर्ष की ऑडिट की गई रिपोर्ट और उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) पेश करना पड़ता है, ताकि धनराशि की दूसरी किस्‍त जारी की जा सके। दूसरी किस्‍त का प्रस्‍ताव पेश करने में सहूलियत के लिए मंत्रालय ने 29 अगस्‍त से लेकर 13 अक्‍टूबर 2017 तक की अवधि के दौरान राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के साथ विशेष मध्‍यावधि समीक्षा की थी।

वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट की गई रिपोर्ट और यूसी सहित समूचा प्रस्‍ताव पेश करना आवश्‍यक है। मंत्रालय पूर्ण प्रस्‍तावों पर तत्‍परता के साथ गौर करता रहा है और उसके साथ ही धनराशि भी जारी करता रहा है। अब तक मध्‍य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्‍थान, छत्तीसगढ़ और जम्‍मू-कश्‍मीर द्वारा पेश किए गए प्रस्‍तावों पर तत्‍काल ध्‍यान दिया गया है और उनके प्रस्‍तावों की दिशा में आवश्‍यक कदम उठाए जा चुके हैं।

चालू वित्त वर्ष में 48,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक आवंटन है। निम्‍नलिखित तालिका में पिछले सात वर्षों के दौरान केन्‍द्र स्‍तर पर संशोधित अनुमान और राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में व्‍यय की झलक पेश की गई है।

वर्ष बजट (करोड़ रुपये में ) व्‍यय (करोड़ रुपये में)

(राज्‍यों की हिस्‍सेदारी सहित)

2011-12 31,000.00 37,072.82
2012-13 30,287.00 39,778.29
2013-14 33,000.00 38,511.10
2014-15 33,000.00 36,025.04
2015-16 37,345.95 44,002.59
2016-17 48,220.26 58,531.46
2017-18* 48,000.00 40,725.05

* 27.10.2017 तक के आंकड़े

सरकार ने पिछले तीन वर्षों के दौरान ग्रामीण विकास मंत्रालय को अपेक्षाकृत काफी अधिक आवंटन किया है। जैसा कि निम्‍नलिखित तालिका से स्‍पष्‍ट होता है, बुनियादी ढांचे, ग्रामीण क्षेत्रों में आवास एवं रोजगार के सृजन के लिए ग्रामीण विकास कार्यक्रमों को आवंटन वर्ष 2012-13 के सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के 0.50 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2016-17 में जीडीपी का 0.63 प्रतिशत हो गया है।

मनरेगा और ग्रामीण विकास मंत्रालय का व्‍यय

करोड़ रुपये में

वर्ष वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी (2011-12 सीरीज) मनरेगा पर व्‍यय जीडीपी का प्रतिशत सभी कार्यक्रमों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई राशि जारी की गई धनराशि (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में)
1 2 3 4 5 6
 2012-2013 9944013 39,778.82 0.40 50,161.86 0.50
 2013-2014 11233522 38,552.62 0.34 58,623.08 0.52
2014-2015 12445128 36,025.04 0.29 67,263.31 0.54
 2015-2016 13682035 44,002.59 0.32 77,321.35 0.57
 2016-2017 15183709 58,531.46 0.39 95,096.04 0.63

फिलहाल मनरेगा के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं है। हालांकि, मंत्रालय ने आवश्‍यक जरूरतों की पूर्ति के लिए वित्त मंत्रालय से अतिरिक्‍त धनराशि की मांग की है।

माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशों को ध्‍यान में रखते हुए मंत्रालय समय पर पारिश्रमिक भुगतान सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।

सतत प्रयासों के फलस्‍वरूप स्थिति में उल्‍लेखनीय सुधार हुआ है। एफटीओ पर समय पर हस्‍ताक्षर किये जाने की स्थिति 43.6 प्रतिशत से बढ़कर 84.9 प्रतिशत हो गई है। इस मामले में वर्षवार स्थिति नीचे दी गई है:

  मंत्रालय इसके साथ ही एफटीओ के सृजन से लेकर कामगारों के खातों में पारिश्रमिक राशि वास्‍तविक रूप से डाले जाने की समूची प्रक्रिया की भी नियमित रूप से समीक्षा कर रहा है।

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