22 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद् द्वारा योग एवं प्रतिरक्षा पर वेबिनार का आयोजन

देश-विदेश

आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद् ने आज योग एवं प्रतिरक्षा पर विहारा नामक एक वेबिनार का आयोजन किया जिसका उद्देश्य प्रतिरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करना था। इस वेबिनार में विशेषज्ञों के साथ-साथ नैदानिक इम्यूनोलॉजिस्ट, शोधकर्ता, चिकित्सक और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के चिकित्सकों ने हिस्सा लिया।

श्री रंजीत कुमार, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय ने कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई नई सामान्य परिस्थितियों में प्रतिरक्षा के महत्व पर अपना उद्घाटन भाषण दिया और योग एवं प्रतिरक्षा के संदर्भ में बात की। डॉ. राघवेंद्र राव, सीसीआरवाईएन के निदेशक ने कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण दिया और कार्यक्रम में उपस्थित सभी वक्ताओं और लोगों का स्वागत किया।

तकनीकी सत्रों में, बेंगलुरु के प्रसिद्ध इम्यूनोलॉजिस्ट, डॉ. चंद्रशेखर एस ने प्रज्वलन के लाभकारी और हानिकारक प्रभावों के संदर्भ में बात की और बताया कि वांछित परिणाम की प्राप्ति के लिए इसे कैसे नियोजित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रतिरक्षा समस्थापन (होमीअस्टेसिस) अच्छी सेहत की आधारशिला है और योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संतुलन बहाल करने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि कैसे संक्रमण, तनाव और तेज गति के व्यायाम जैसी स्थितियों में प्रतिरक्षा पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है जिनकी पुष्टि स्‍वरोगक्षमता (ऑटोइम्युनिटी) में योग का दृष्टिकोण अपनाकर प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के बदले प्रतिरक्षा को स्थिर रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. अक्षय आनंद, प्रोफेसर, न्यूरोसाइंस रिसर्च लैब, न्यूरोलॉजी विभाग, पीजीआई, चंडीगढ़ ने विभिन्न योग मापदंडों के साथ शोध पर प्रकाश डाला, जिसमें उन्होंने बताया कि इसके कारण डीएनए क्षति और ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी के अलावा कॉर्टिसोल और आईएल-6 स्तर में कमी के साथ डीएचईएएस, सिरटुइन1 और टेलोमेरेस गतिविधि में काफी वृद्धि देखी गई है। उन्होंने सेलुलर के साथ-साथ आणविक मार्गों की पहचान करते हुए प्रतिरक्षा आधारित परिवर्तनों का विच्छेदन करने के लिए सेल संस्कृति आधारित मापदंडों के संयोजन में पशु मॉडल पर ज्यादा अध्ययन करने की सिफारिश की। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर, डॉ. रीमा दादा ने योग पर साक्ष्य आधारित अध्ययन पर व्यापक दृष्टिकोण रखा। उन्होंने स्पर्म डीएनए क्षति, ऑक्सीडेटिव तनाव, पुरुष बांझपन को कम करने, ग्लूकोमा, अवसाद और उम्र बढ़ाने में जीन अभिव्यक्ति के मॉड्यूलेशन के लिए माइटोकॉन्ड्रियल अखंडता में सुधार के लिए योग की लाभकारी भूमिका पर वक्तव्य देकर स्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

डॉ गुरुराज राव, आईसीआरईएसटी के निदेशक ने एपिजेनेटिक बदलावों, जीन एक्सप्रेशन और लैब सेटिंग्स में एपिजेनेटिक बदलावों को मापने के प्रक्रिया के संदर्भ में बात की। डॉ. ज्योति राव, आईसीआरईएसटी की निदेशक ने प्रतिरक्षा एवं उत्तेजनाओं के प्रकारों पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया जो पुरानी प्रज्वलन एवं प्रतिरक्षा की मात्रा के लिए विभिन्न तरीकों के साथ अंतर्निहित वायरस की प्रतिरक्षा एवं पुनरुत्प्रेरण पर तनाव के प्रभाव को सक्रिय करते हैं। डॉ. राघवेंद्र सामी ने अंटार्कटिका में योग की भूमिका पर किए गए अपने अध्ययन को साझा किया जिसमें योग को अंटार्कटिका में भारतीय अभियानकर्ताओं के मध्यवर्तन के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसमें मनोवैज्ञानिक, जैव रासायनिक, सीरम मार्कर और जीन अभिव्यक्ति परिणामों को योग प्रथाओं के माध्यम से अत्यंत कठोर पर्यावरणीय स्थितियों के लिए बहुत हद तक अनुकूलन दिखाया गया।

डॉ. राधेश्याम नायक, मेडिकल ऑन्कोलॉजी,एचसीजी अस्पताल के प्रमुख ने प्रतिरक्षा प्रणाली और कैंसर के बीच की कड़ी और ट्यूमर-लिम्फोसाइट्स जैसे संभावित क्षेत्रों के साथ प्रतिरक्षा-ऑन्कोलॉजी के बीच के लिंक पर प्रकाश डाला जैसे कि लिम्फोसाइट्स, ट्यूमर उत्परिवर्तनात्मक बोझ, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी आदि का उपयोग करके एक इम्यूनोजेनिक हॉट ट्यूमर में कोल्ड ट्यूमर में रूपांतरण और एंटीट्यूमर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में योग की भूमिका जैसे संभावित क्षेत्रों के साथ प्रतिरक्षा-ऑन्कोलॉजी से जुड़े हुए शोध। डॉ. अमृतांशुराम, प्रमुख सीएएम कार्यक्रम, एचसीजी अस्पताल ने योग की अवधारणाओं के संदर्भ में बात की और कैंसर से स्वस्थ्य हुए लोगों पर मनोवैज्ञानिक एवं प्रतिरक्षा परिणामों में योग की लाभकारी भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे योग उनके मन पर कार्य करता है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More