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एशोसिएशन आॅॅफ इन्डीपेन्डेन्ट स्कूल एवं प्रिन्सीपल प्रेागे्रसिव स्कूल ऐशोसिएशन के सदस्यो के साथ बैठक करते हुए: मंत्री अरविन्द पाण्डेय

एशोसिएशन आॅॅफ इन्डीपेन्डेन्ट स्कूल एवं प्रिन्सीपल प्रेागे्रसिव स्कूल ऐशोसिएशन के सदस्यो के साथ बैठक करते हुए: मंत्री अरविन्द पाण्डेय
उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने उधमसिंह नगर एशोसिएशन आॅॅफ इन्डीपेन्डेन्ट स्कूल एवं प्रिन्सीपल प्रेागे्रसिव स्कूल ऐशोसिएशन देहरादून के सदस्यो के साथ सचिवालय स्थित सभागार में बैठक का आयोजन कर प्राईवेट शिक्षण संस्थानों के सम्बन्ध में जनता से प्राप्त शिकायतों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने प्राईवेट शिक्षण संस्थानों के प्रबन्धकों को निर्देश दिये कि प्रदेश में शिक्षा का व्यवसायीकरण न किया जाय। उन्होंनें कहा कि हमारे प्रदेश में प्रति विद्यार्थी आने वाला खर्च देश के अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है जिसे कम किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस विषय में कोई दो राय नहीं है कि प्राईवेट शिक्षण संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं किन्तु प्रदेश में कुछ प्राईवेट शिक्षण संस्थाओं द्वारा शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है जिससे गरीब वर्ग में रोष है।

शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने प्राईवेट शिक्षण संस्थानों के प्रबन्धकों को हिदायत दी कि प्राईवेट विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम का शतप्रतिशत पालन किया जाय अन्यथा नियम विरुद्ध चलने वाले प्राईवेट शिक्षण संस्थाओं के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने कहा कि कुछ प्राईवेट विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों से भवन मरम्म्त या अन्य निर्माण कार्याें के लिए अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम के विरुद्ध है, इसलिए विद्याार्थियों से किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क न वसूला जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी विद्यालय प्रति विद्यार्थी ली जाने वाली फीस को सार्वजनिक करें ताकि अभिभावकों को यह पता चल सके कि विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों से किस मद में कितना शुल्क लिया जा रहा है। उन्होंनें निर्देश दिये कि छात्र-छात्राओं से कासन मनी के रुप में धनराशि न ली जाय। जिन विद्यालयों ़द्वारा कासन मनी के रुप में धनराशि ली गयी है वह बच्चों के अभिभावकों को वापस कर दी जाय। प्राईवेट विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकों के पठन-पाठन पर बल देते हुए श्री पाण्डेय ने निर्देश दिये कि सीबीएससी के मानकों के अनुसार प्राईवेट विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकों को उपयोग में लाया जाय। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समय पर एनसीईआरटी की पुस्तकों का प्रकाशन करवाकर विद्यालयों को उपलब्ध करवा दी जायेगी। सभी प्रबन्धक विद्यालयों की आवश्यकतानुार एनसीईआरटी की पुस्तकों की डिमाण्ड भेंज दें। उन्होंने कहा कि प्रबन्धक/शिक्षक एनसीईआरटी की पुस्तकों के सिलेबस में और सुधार चाहने हेतु अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यालयों का वातावरण विद्यार्थियों के अनुकूल बनाया जाय। उन्होंने चेतावनी दी कि बच्चों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। विद्यार्थियों को किसी खास पुस्तक विके्रता से पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य न किया जाय और न ही शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताडित किया जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि विद्यालयों में प्रशिक्षित एवं टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों की ही तैनाती की जाय ताकि बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसी शिकायतें सुनने को मिल रही हैं कि कुछ प्राईवेट विद्यालयों के प्रबन्धकों द्वारा मानकों को पूरा करते हुए शिक्षकों का पूरा वेतन सम्बन्धित शिक्षकों के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है किन्तु प्रबन्धकों द्वारा अगले रोज उनसे आधा वेतन वापस ले लिया जाता है। उन्होंने निर्देश दिये कि प्राईवेट शिक्षण संस्थान इस प्रकार से शिक्षकों का भी शोषण न करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा की दशा में सुधार हेतु प्रतिबद्ध है लिहाजा प्राईवेट शिक्षण संस्थाओं को भी इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करना होगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में नया शिक्षा अधिनियम लाया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में अच्छा कार्य करने वाले शिक्षण संस्थानों/प्रबन्धकों को शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया जायेूगा।

बैठक में शिक्षा महानिदेशक आलोक शेखर तिवारी व निदेशक राकेश कुमार कुंवर, उधमसिंह नगर एशोसिएशन आॅॅफ इन्डीपेन्डेन्ट स्कूल के अध्यक्ष नायब सिहं धालीवाल, सचिव मनोज कुमार खेडा, कोषाध्यक्ष अनुराग सिंह वं प्रिन्सीपल प्रेागे्रसिव स्कूल ऐशोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष प्रेम कश्यप, सचिव एसके दास सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

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