25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं का कौशल विकास

देश-विदेश

नई दिल्ली:  मंत्रालय ने अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित युवाओं के कौशल विकास हेतु निम्नलिखित विशेष योजनाएं प्रारंभ की हैं।

  1. सीखो और कमाओ”: यह नियोजन से जुड़ी अल्पसंख्यकों हेतु कौशल विकास योजना है जिसका उद्देश्य विभिन्न आधुनिक/परंपरागत कौशलों में अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल को उन्नयित करना है जो उनकी अर्हता, मौजुदा आर्थिक प्रवाह तथा बाजार संभावना पर निर्भर है जिससे वे उपयुक्त रोजगार प्राप्त कर सकते हैं या वे स्वरोजगार के लिए अच्छी तरह कुशल बन सकते हैं। इस योजना के तहत कम से कम 75 प्रतिशत प्रशिक्षुओं का नियोजन सुनिश्चित किया गया है जिसमें से कम से कम 50 प्रतिशत नियोजन संगठित क्षेत्र में होगा। योजना का कार्यान्वयन केरल सहित पूरे देश में चुनिंदा परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईएज) के माध्यम से किया जाता है। पिछले तीन वर्षों के दौरान केरल राज्य से 1700 अल्पसंख्यक युवाओं को पीआईएज ने प्रशिक्षित किया है।
  2. परंपरागत कलाओं\शिल्प में विकास के लिए कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन (यूएसटीटीएडी)अल्पसंख्यकों की परंपरागत कलाओं को शिल्पों की समृद्ध धरोहर के संरक्षण के लिए 14 मई 2015 को यह योजना शुरू की गयी। इस योजना का उद्देश्य मास्टर शिल्पियों\कर्मकारों के परंपरागत कौशलों को अद्यतन बनाना तथा क्षमता निर्माण करना, अल्पसंख्यकों की चिन्हित परंपरागत कलाओं\शिल्पों का प्रलेखन, परंपरागत कौशलों के मानक निर्धारित करना, मास्टर शिल्पियों के माध्यम से पहचान की गयी विभिन्न परंपरागत कलाओं/शिल्पों में अल्पसंख्यक युवाओं को प्रशिक्षण देना तथा राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय बाजार संपर्क बढ़ाना है। पीआईए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी जिनके साथ-साथ निम्नलिखित कार्यकलाप भी चलाये जाएंगे ताकि ये सुनिश्चित हो कि परंपरागत कला/शिल्प के संरक्षण के लिए वांछित उपलब्धि मिले, बाजार संपर्क स्थापित हों तथा नई पीढ़ी में परंपरागत कलाओं और शिल्पों को एक पेशे के रूप में अपनाने की रूचि जागृत हो। आज तक इस योजना के अंतर्गत केरल राज्य से किसी भी अल्पसंख्यक युवा को प्रशिक्षित नहीं किया गया है।
  3. नई मंजिल: यह योजना 8 अगस्त 2015 से शुरू की गयी है जिसका उद्देश्य उन अल्पसंख्यक युवाओं को लाभ पहुंचाना है जिनके पास औपचारिक स्कूल प्रमाण पत्र नहीं है अर्थात जो स्कूल बीच में छोड़ने वालों की कोटि में हैं या मदरसों जैसे सामुदायिक शिक्षा संस्थानों में पढ़े हैं उनको औपचारिक शिक्षा तथा कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से तथा उनको संगठित क्षेत्र में बेहतर रोजगार प्राप्त करने के योग्य बनाने और इस प्रकार उन्हें बेहतर जीवन जीने के लिए प्रवृत करना है। अब तक केरल राज्य से इस योजना के तहत किसी भी अल्पसंख्यक युवा को प्रशिक्षित नहीं किया गया है।

यह सूचना अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।

Related posts

9 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More