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अरुण जेटली बोले- आंध्र से निभाएंगे सारे वादे, NDA मिलकर लड़ेगी 2019 का चुनाव

देश-विदेश

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर बीजेपी नीत एनडीए और तेलगू देशम पार्टी में गठबंधन के भविष्य को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आवास पर टीडीपी नेताओं की मीटिंग जारी है. इस बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीजेपी-टीडीपी गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. अरुण जेटली का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी और टीडीपी का गठबंधन जारी रहेगा. एनडीए मिलकर 2019 का चुनाव लड़ेगी.

न्यूज18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में वित्त मंत्री ने ये बातें कही. उन्होंने कहा, “हम आंध्र प्रदेश के पैकेज को अलग से लागू कर रहे हैं. बजट के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है. आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए जो वादे किए गए थे, वे सभी पूरे किए जाएंगे.” जेटली ने कहा कि टीडीपी और बीजेपी के साथ जो भी मतभेद हैं, उन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

बता दें कि आंध्र प्रदेश के सीएम और तेलगू देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने बजट में राज्य की अनदेखी को लेकर एनडीए सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की थी. नायडू ने कहा था कि सरकार ने 5 साल पहले आंध्र प्रदेश के विभाजन के वक्त कई वादे किए थे, लेकिन एक भी वादा नहीं निभाया गया.”

आंध्र प्रदेश में साल 2019 में ही विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं. हालांकि, इससे ठीक पहले बीजेपी और उसके इस दक्षिण भारतीय सहयोगी के बीच तल्खियां बढ़ गई है. इसकी बीच एक वजह ‘न्यूज़18’ के साथ वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख जगनमोहन रेड्डी का इंटरव्यू को भी माना जा रहा है, जिसमें रेड्डी ने केंद्र की तरफ से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की सूरत में आगे बीजेपी के साथ जाने का इशारा किया था.

इस बीच चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में पार्टी सांसदों की बैठक बुलाई, जिसमें अगले कदम पर फैसले की संभावना है. वहीं नायडू एनडीए की एक और सहयोगी शिवसेना के साथ भी संपर्क में बताए जा रहे है. सूत्रों के मुताबिक, टीडीपी प्रमुख नायडू ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से शनिवार को फोन पर बात भी की है.

अरुण जेटली ने हालांकि, ‘न्यूज़18’ से बातचीत में संकेत दिया कि बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना के साथ मतभेद अलग किस्म का है. उन्होंने कहा, ‘मैं यह बात जानता हूं कि हम महाराष्ट्र में सेना को वरिष्ठ सहयोगी का दर्जा देने को तैयार थे और पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें ज्यादा सीटें भी दीं.’ जेटली ने कहा कि सेना लेकिन अड़ी रही और फिर तय हुआ कि दोनों पार्टियां विधानसभा चुनाव अपने बूते पर अलग-अलग लड़ेंगी.

विधानसभा चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी, लेकिन दोनों सहयोगियों ने महाराष्ट्र में एकबार फिर मिलकर सरकार बनाई. हालांकि, उनके बीच के रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण ही बने रहे, जहां शिवसेना अहम राजनीतिक मुद्दों पर कभी भी बीजेपी पर हमले का मौका नहीं चूकती दिखी.

वहीं अरुण जेटली से जब पूछा गया कि क्यों वे लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों को साथ लड़ता देखना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि एनडीए एकजुट बना रहे और हमारे सभी सहयोगी हमारे साथ रहें.’

बता दें कि शिवसेना ने पिछले महीने मुबंई में हुई अपनी राष्ट्रीय कार्यकारी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर घोषणा की थी कि वह 2019 में होने वाला विधानसभा और आम चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर नहीं लड़ेगी.

News18

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