नई दिल्लीः मोबाइल सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में ग्राहकों से सीधे प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दिसंबर 2016 और मार्च 2017 के बीच एक एकीकृत वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) को चरणबद्ध तरीके से लांच किया था जिसमें देश के सभी राज्यों को कवर किया गया। इसके जरिए ग्राहकों को शॉर्ट कोड 1955 से आईवीआरएस कॉल प्राप्त होती थी और उनसे कॉल ड्रॉप की समस्या, यदि कोई हो, सहित मोबाइल सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में कुछ सवाल पूछे जाते थे। इस प्रणाली में ग्राहकों को यह सुविधा दी गई है कि वे उसी शॉर्ट कोड 1955 पर टोल फ्री एसएमएस भेज सकते हैं, जिसमें उस शहर/कस्बा/गांव का नाम लिखना होता है, जहां उन्हें कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
इस सिस्टम के शुभारंभ से लेकर अब तक आईवीआरएस सिस्टम ने देश भर में सभी टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के ग्राहकों को 26.97 लाख कॉल की हैं, जिनमें से 3.56 लाख ग्राहकों (लगभग 13 प्रतिशत) ने इस सर्वे में भाग लिया। जिन बाकी (87 प्रतिशत) ग्राहकों ने इस सर्वे में भाग नहीं लिया, वे या तो इच्छुक नहीं थे अथवा उन्हें बार-बार कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना ही नहीं करना पड़ा था। जिन लोगों ने सर्वे में भाग लिया, उनमें से 2.15 लाख (लगभग 60 प्रतिशत) ग्राहकों ने बार-बार कॉल ड्रॉप होने की जानकारी दी है। इस फीडबैक से यह पता चला कि कॉल ड्रॉप की समस्या से सामना ज्यादातर घर के अंदर ही करना पड़ रहा है। इस फीडबैक को टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ साझा किया गया है, ताकि वे समयबद्ध ढंग से इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठा सकें और हर पखवाड़े डीओटी के कार्य दल को कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) पेश कर सकें। जिन-जिन ग्राहकों ने बार-बार कॉल ड्रॉप होने की समस्या का उल्लेख किया है, उनसे टेलीकॉम सेवा प्रदाता टेलीफोन कॉल के जरिये और अंग्रेजी एवं स्थानीय भाषाओं में एसएमएस भेजकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, ताकि उनकी समस्याओं का निवारण हो सके।