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योगी की सुरक्षा में चूकः मुख्यमंत्री के सामने जेलकर्मी ने किया आत्मदाह का प्रयास

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: मुख्यमंत्री की सुरक्षा में मंगलवार शाम बड़ी चूक हुई। पुरानी जेल रोड स्थित कारागार मुख्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभागार में जेल अधिकारियों व कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। इसी बीच सभागार में मौजूद कारागार विभाग में वरिष्ठ लिपिक जीउत राम ने पानी की बोतल में रखा मिट्टी का तेल खुद पर छिड़क लिया और माचिस से आग लगाने की कोशिश की, तभी पास मौजूद इंस्पेक्टर सरोजनीनगर रामसूरत सोनकर ने बड़ी फुर्ती से उसे दबोच लिया। इससे सभागार में अफरा-तफरी मच गई और मुख्यमंत्री को कुछ देर के लिए अपना संबोधन रोकना पड़ा। जीउत राम के आग लगाने में कामयाब होने पर घटना बेहद गंभीर रूप ले सकती थी। इसी सभागार में आज योगी ने कारागार कर्मियों को पुष्टाहार भत्ता दिए जाने की घोषणा की।

सुरक्षा में बड़ी लापरवाही 

जीउत राम पीने के पानी की छोटी बोतल में मिट्टी का तेल व माचिस लेकर सभागार में घुसने में कामयाब हो गया था। वह सभागार में मुख्यमंत्री के बाईं ओर करीब 10-12 फीट की दूरी पर दीवार के पास कुर्सी पर बैठा था। मुख्यमंत्री के सभागार में आने से पहले भीतर जाने वाले हर व्यक्ति को सघन तलाशी के बाद प्रवेश दिया जा रहा था। इसके बावजूद सीएम सुरक्षा में इतनी बड़ी लापरवाही हो गई। इंस्पेक्टर सरोजनीनगर ने जैसे ही उसे पकड़ा, पास खड़े एएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्रा व अन्य सुरक्षाकर्मी उसे खींचकर बाहर ले गये। एएसपी पूर्वी के अनुसार मेडिकल परीक्षण कराने के बाद उसे कारागार अधिकारियों के सिपुर्द कर दिया गया। पुलिस मुचलका भरवाकर उसे पाबंद करेगी।

विभागीय जांच के बाद दिया गया था आरोपपत्र 

एडीजी जेल चंद्रप्रकाश ने बताया कि मूलरूप से बलिया निवासी वरिष्ठ सहायक जीउत राम फैजाबाद जेल में तैनात है और इन दिनों डीआइजी कारागार फैजाबाद रेंज के कार्यालय से अटैच है। वर्ष 2013 में वह देवबंद जेल में तैनात था, जहां तत्कालीन जेलर गोविंद राम वर्मा ने जीउत राम के खिलाफ अनुशासनहीनता व बंदियों से साठगांठ की रिपोर्ट दी थी। विभागीय जांच के बाद जीउत राम को आरोपपत्र दिया गया था लेकिन, वह उसका जवाब नहीं दे रहा था। बीते दिनों दोष निर्धारित कर उसे दंड दिए जाने से पहले अपना जवाब देने का अंतिम मौका दिया गया था। बुधवार को उसे सभी प्रपत्रों के साथ बुलाया गया है। एडीजी ने कहा कि तत्परता दिखाने वाले इंस्पेक्टर सरोजनीनगर व अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित कराया जाएगा। .

अपनी बात रखने के लिए था परेशान 

जीउत राम खुद को निर्दोष बताते हुए अपना पक्ष वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रखना चाह रहा था। वह उस पर लगे आरोपों का अधिकारियों से साक्ष्य मांग रहा था लेकिन, उसकी सुनवाई नहीं हो पा रही थी। एक दिन पहले उसने डीआइजी से एडीजी के सामने पेश होने की अनुमति ली थी। एडीजी से उसकी मुलाकात नहीं हो पाई। इसी बीच उद्घाटन समारोह में उसने मुख्यमंत्री के सामने ऐसा कदम उठा लिया।  Source जनता की आवाज

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