29 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

छठ गीतों को सुर देते हुए महिलाएं ने किया खरना

अध्यात्मउत्तर प्रदेश

‘कांची-कांची बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय’ और ‘केरवा जै फरेला गवद से, ओही पर सुग्गा मंडराय’ जैसे छठ के गीतों को सुर देते हुए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानि मंगलवार को व्रतधारियों ने खरना रखा।

इस दिन को विशेष रूप से शुद्धिकरण के लिए जाना जाता है। निर्जल व्रत और रात में गुड की खीर, पुडी व फल खाकर बुधवार व गुरूवार के लिए व्रतधारियों ने खुद को तैयार किया। छठ व्रतधारियों के घरों से शाम को छठ के गीतों की मधुर धुन सुनते ही बनती थी। बता दें कि कल व्रतधारी अस्त होते सूर्यदेव को अघ्र्य देंगे और समस्त जगत के कल्याण की कामना भी करते हैं।

खरना में स्वच्छता का विशेष महत्व
बता दें कि खरना के बाद से ही छठ मईया को अघ्र्य देने के लिए प्रसाद जिसमें ठेकुआ, मालपूआ व चावल का गुड वाला लड्डू बनाना प्रारंभ कर दिया जाता है। वहीं नियम के अनुसार लहसुन-प्याज का खाना पूर्ण रूप से वर्जित रहता है। इस दौरान स्वच्छता को विशेष महत्व दिया जाता है। छठ पर्व को नई फसल व खुशहाली का प्रतीक भी माना जाता है। खरना के अगले दिन यानि बुधवार को छठ पूजा में अस्तांचल सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा, जिसका पौराणिक कथाओं में विशेष महत्व बताया गया है। षष्ठी तिथि के दिन ढलते सूर्य को अघ्र्य अर्पित कर व्रतधारी उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। व्रतधारी शाम 4 बजे से ही कमर तक पानी में खडे हो जाते हैं और हाथ में धूपबत्ती लेकर सूर्य की उपासना करते हैं और जैसे ही सूर्यदेव अस्त होते हैं, आसमान में लालिमा बिखर जाती है तब छठ मईया के लिए घर में बना प्रसाद व फल को सूप या बांस की टोकरी द्वारा अघ्र्य दिया जाता है। जिसके बाद व्रतधारी अपने-अपने घर जाकर कोसी भरते हैं और रातभर पूजा स्थान पर बने छठ मईया के स्थान पर अखंड ज्योति जलाई जाती है और घर के लोग धूप से हवन करते हैं। बता दें कि बिहार के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, झारखंड, पश्चिम बंगाल व नेपाल में भी छठ का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

द्रौपदी ने राजपाट वापस प्राप्त करने के लिए रखा था छठ व्रत
महाभारत में वर्णित है कि पांच पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने अपने परिवार के लंबी उम्र व राजपाट वापस प्राप्त करने के लिए सूर्यदेव की आराधना करते हुए छठ का व्रत रखा था। उस समय पांडव अपना पूरा राजपाट जुए में हार गए थे लेकिन सूर्य देव की भक्त द्रौपदी के व्रत रखने से सूर्यदेव ने उन्हें आशीर्वाद देते हुए सारी मनोकामनाएं पूरी की।

कोरोना को लेकर भी कर रहे हैं जागरूक
छठ पूजा समितियों द्वारा लगातार लोगों को कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूक करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। लोगों को लाउडस्पीकर पर बार-बार उद्घोषणा कर समझाया जा रहा है कि सामूहिक पूजा करने के दौरान भीड़भाड़ से बचें ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। व्रतधारियों के साथ उनकी सहायता के लिए दो लोगों को ही घाट पर आने की अनुमति दी जा रही है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More