Online Latest News Hindi News , Bollywood News

वोडाफोन-आइडिया को अब सरकार चलाएगी? जानिए टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इस पर क्या कहा?

देश-विदेश

वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (VIL) सहित कुछ टेलीकॉम कंपनियों ने एजीआर बकाया की पूरी राशि को इक्विटी में कन्वर्ट करने का विकल्प चुना है। इन कंपनियों को एजीआर की यह बकाया राशि सरकार को चुकानी है।

बकाया राशि को इक्विटी में कन्वर्ट करने से सरकार की इन कंपनियों में हिस्सेदारी हो जाएगी। वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड में तो सरकार इस कदम के बाद 35.8 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन जाएगी। इसके चलते सोशल मीडिया सहित कई जगहों पर यह अटकलें लगने लगीं हैं क्या इन कंपनियों को अब सरकार चलाएगी?

इन अटकलों को बीच बुधवार को टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव से इस बारे में सवाल पूछा गया। अश्विनी वैष्णव ने साफ किया कि सरकार का इन टेलीकॉम कंपनियों को चलाने का कोई इरादा नहीं है और वह इन कंपनियों में सिर्फ एक निवेशक बनकर रहेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सरकार सिर्फ एक निवेशक रहेगी। कंपनियों को प्रोफेशनल्स चलाएंगे। कर्ज से जुड़ी सभी देनदारियों की जिम्मेदारी कंपनियों की ही रहेगी। कंपनियों ने इस बात की प्रतिबद्धता जताई है।”

बता दें कि कर्ज के बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL), टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड (TTSL) और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लिमिटेड (TTML) ने अपनी-अपनी ब्याज देनदारियों के बकाया को इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव स्वीकार किया है। इसके बाद तीनों कंपनियों में सरकार भी हिस्सेदार हो जाएगी।

इससे पहले बुधवार दिन में वोडाफोन के मैनेजिंग डायरेक्टर रविंदर टक्कर (Ravinder Takkar) ने भी कंपनी का सरकार द्वारा टेकओवर करने की संभावना से इनकार किया। टक्कर ने कहा कि जब तक पार्टनर्स आदित्य बिड़ला ग्रुप (एबीजी) और वोडाफोन पीएलसी होल्डिंग्स के पास कंपनी की 26 फीसदी हिस्सेदारी है, तब तक प्रमोटर्स के पास गवर्नेंस राइट्स का कंट्रोल रहेगा।

टाटा टेलीसर्विसेज ने एडजस्टेट ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के बकाये पर देय 850 करोड़ रुपये के इंटरेस्ट को इक्विटी में बदलने के ऑप्शन को स्वीकार किया है, जिससे कंपनी में सरकार की 9.5 फीसदी हिस्सेदारी हो गई है।

सोर्स: यह money control न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ श्रमजीवी जर्नलिस्ट टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More