देहरादून: वन अपराध में रोक लगाने के लिए गश्त हेतु 100 अतिरिक्त श्रमिक तत्काल रखे जाये। वनों के आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों से
वन विभाग के अधिकारी मैत्री भाव के तहत आपसी समन्वय बनाये ताकि वनों में होने वाली घटनाओ की जानकारी तत्काल विभाग एवं पुलिस को हो सके। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में वन्य जीव बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कार्बेट टाइगर रिजर्व में 112 सदस्यों वाली स्पेशल टाईगर प्रोटेक्शन फोर्स के शीघ्र गठन हेतु भी स्वीकृति दी। उन्होने कहा कि वन अपराधों को रोकने हेतु वन विभाग एवं पुलिस आपसी समन्वय से कार्य करें इस हेतु पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरिय क्राइम बैठक प्रत्येक माह आयोजित की जाये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश से लगने वाले सीमांकित वन क्षेत्रों की समस्याओं एवं अपराधों के विषय में दोनो राज्यों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की जाए जिस हेतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से वो स्वंय वार्ता करेंगे। पुराने वन अपराधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस एवं वन अधिकारियों द्वारा संयुक्त अभियान भी चलाया जाय। उन्होने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन अपराधियों के फोन सर्विलांस पर रखे जाए। वन अपराधियो के फोटो/स्कैच आदि के माध्यम से लोगो को भी इन अपराधियो की जानकारी दी जाये, यथासम्भव ग्रामीण एवं वन गुर्जरों से समन्वय कर वनों में हो रही आपराधिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करे।
उन्होने कहा कि वनों में गश्त में तेजी आये इस हेतु गश्त में जाने वाली टीम के लिए राशन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। वनों में जीर्ण-शीर्ण हो चुके वन मार्गो के मरम्मत हेतु प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत किया जाये। कार्बेट टाइगर रिर्जव हेतु वाहन एवं बोट की व्यवस्था की जा रही है ताकि गश्त में तेजी लायी जा सके।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, सदस्य राज्य वन्य जीव सलाहकार बोर्ड विजेन्द्र सिंह, विधायक एवं संसदीय सचिव हेमेश खर्कवाल, मुख्य प्रधान सचिव (मुख्यमंत्री) राकेश शर्मा, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव एस रामास्वामी, पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धु, प्रमुख सचिव डाॅ उमाकांत पंवार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।