32.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुएः शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय

उत्तराखंड

देहरादून: सचिवालय सभागार में शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की बैठक सम्पन हुई। शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने एनसीआरटी की पुस्तकों के टेण्डर में कम से कम से कम 50 लाख की संख्या में पुस्तक प्रकाशन की शर्त को शामिल करने के निर्देश दिये। ताकि प्रदेश में अध्ययनरत छात्रों को एनसीआरटी की पुस्तकों की कमी न हो। उन्होंने निजी स्कूलों द्वारा मा. उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन की अद्यतन रिपोर्ट पर भी विस्तार जानकारी प्राप्त की।

शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में एक ही स्थान मेें चल रहे प्राथमिक विद्यालयों, जूनियर हाई स्कूलों एवं हाईस्कूलों को संविलियन किये जाने के संबंध में की जा रही कार्यवाही की समीक्षा पर जूनियर हाईस्कूल को छात्र संख्या की कमी पर हाईस्कूल में संविलियन करने का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। उनका कहना था कि इससे दूर क्षेत्रों में पढने वाले बच्चों को हाईस्कूल तक शिक्षा अध्ययन के लिये दूर नही जाना पडेगा। उन्होंने कहा कि जहां छात्र संख्या काफी न्यूनतम हो, ऐसे जूनियर हाईस्कूल विद्यालयों को ही वहीं संचालित हाईस्कूल विद्यालय में संविलियन किया जाये।

शिक्षा मंत्री ने राज्य सरकार के अधीनस्थ संचालित राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों को काॅनवेंट के समकक्ष बनाने हेतु सचिव शिक्षा को निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री ने गेस्ट टीचरों को अवकाश के दिनों में भी आवश्यकतानुसार पढाने का कार्य में लगाने के निर्देश दिये।

शिक्षा मंत्री ने चारधाम के आस-पास अवस्थित संस्कृत विद्यालयों में चारवेद की शिक्षा छात्रों को दिलाने पर चर्चा की तथा इस कार्य में निःशुल्क प्रशिक्षण में ऋषिकेश परमार्थ निकेतन द्वारा आवश्यक सहयोग प्राप्त होने की जानकारी दी। उन्होंने स्वामी चिदानन्द द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत वैज्ञानिकों द्वारा जल संरक्षण में भी सहयोग दिये जाने की जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा सचिव को परमार्थ निकेतन में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजन में सहयोग देने के निर्देश दिये जिनमें राज्य सरकार के अधीनस्थ 95 खण्ड शिक्षा अधिकारी सन्दर्भ अधिकारी के रूप में प्रतिभाग करेगे तथा प्राप्त प्रशिक्षण से अपने-अपने विकासखण्ड के विद्यालयों में जनजागरूकता करेंगे। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन द्वारा कार्यशाला में निःशुल्क जल संरक्षण, प्रशिक्षण तथा इस अवधि में निःशुल्क रहने तथा भोजन की व्यवस्था की जायेगी।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More