34 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

जल संरक्षण और प्रबंधन को जन-आंदोलन बनना होगा: नितिन गडकरी

देश-विदेश

नई दिल्ली: जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा सड़क यातायात, राजमार्ग एवं नौवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नई दिल्ली में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और सचिव श्री यू.पी. सिंह के साथ संयुक्त रूप से 14 वर्गों में 82 राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए।

      उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि भारत में पानी की कोई कमी नहीं है, बल्कि जल प्रबंधन समुचित रूप से मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि समूचे जल संसाधन सेक्टर के लिए एक नये दृष्टिकोण की आवश्यकता है और राष्ट्रीय जल पुरस्कार इस दिशा में एक अच्छा कदम है। भारत में जल के कारगर प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि ओखला बराज से 400 एमएलडी पानी का उपचार किया जाएगा और उसे वजीराबाद बराज के जरिए दिल्ली में इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कई परियोजनाओं को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नहर से सिंचाई के स्थान पर पाइप के जरिए सिंचाई करने को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि पानी को बचाया जा सके। इसी तरह मौजूदा नहरों को भी पक्का बनाया जा रहा है, ताकि पानी का नुकसान न हो सके।

      स्वच्छ गंगा अभियान के बारे में श्री गडकरी ने कहा कि कुम्भ मेले में पानी ‘निर्मल’ और ‘अविरल’ रहा तथा लोगों ने स्वच्छ पानी में स्नान किया। उन्होंने कहा कि गंगा में डॉलफिन, कच्छुए और पक्षियों की मौजूदगी से पता लगता है कि नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार आया है।

      राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के विषय में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 12 वर्षों के अंतराल के बाद इन पुरस्कारों को फिर से शुरू किया गया है। यह जल संरक्षण के विषय में जागरूकता फैलाने का एक बड़ा कदम है। उन्होंने विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने मंत्रालय से आग्रह किया कि राष्ट्रीय जल पुरस्कार हर वर्ष आयोजित की जाएं और उन्होंने प्रतिभागियों को आश्वासन दिया कि अगला पुरस्कार और भी बेहतर होगा।

      अपने स्वागत भाषण में सचिव श्री यू.पी. सिंह ने कहा कि जहां तक जल संसाधन का प्रश्न है, तो वह एक महत्वपूर्ण चरण से गुजर रहा है। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के समय की तुलना में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता इस समय एक-चौथाई है। पुरस्कारों के बारे में श्री यू.पी. सिंह ने कहा कि देश भर से लगभग 376 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। उल्लेखनीय है कि ये पुरस्कार 14 वर्गों में प्रदान किए गए, जिनमें 6 जोनों के सर्वश्रेष्ठ जिले, सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ नगरनिगम, जल संसाधन के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाने/नवाचार/अनुसंधान, सर्वश्रेष्ठ जागरण अभियान, जल संरक्षण को प्रोत्साहन देने वाले सर्वश्रेष्ठ टीवी शो, हिन्दी/अंग्रेजी/क्षेत्रीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ अखबार, परिसर में पानी के कारगर इस्तेमाल करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्कूल, सर्वश्रेष्ठ संस्थान इत्यादि शामिल हैं। पुरस्कारों में ट्रॉफी और प्रशंसा पत्र शामिल हैं। पहले, दूसरे और तीसरे स्थानों के लिए क्रमशः 2 लाख रुपये, 1.5 लाख रुपये और एक लाख रुपये नकद पुरस्कार दिए गए।

      सर्वश्रेष्ठ राज्य वर्ग में महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश को क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान मिला। महाराष्ट्र की तरफ से चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री गिरिश महाजन, जल संसाधन और कमान क्षेत्र विकास तथा जल संसाधन मंत्री श्री राम शिंदे ने पुरस्कार प्राप्त किया। सर्वश्रेष्ठ जल नियामक प्राधिकरण का पुरस्कार महाराष्ट्र जल संसाधन नियामक प्राधिकरण, पुणे को प्राप्त हुआ।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More