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वैपकोस 50वां स्थापना दिवस मनाएगा

देश-विदेश

नई दिल्ली: नितिन गडकरी, जल व विद्युत परामर्श सेवा (वैपकोस) के 50वें स्थापना दिवस के मुख्य अतिथि होंगे। स्थापना दिवस समारोह कल दिल्ली के प्रवासी भारतीय केन्द्र में आयोजित किया जाएगा। केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. सत्यपाल सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। बुरूंडी, कांगो, घाना, लाइबेरिया, अफगानिस्तान आदि देशों के राजदूत व उच्चायुक्त जैसे गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

     भारत सरकार ने 1969 में वैपकोस का गठन एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के रूप में किया था। जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्रालय के अंतर्गत यह एक तकनीक-वाणिज्य कंपनी है। वैपकोस ने सिंचाई, जल संसाधन, कृषि आदि के क्षेत्र में 550 से अधिक परियोजनाओं का सर्वे, आकलन और डीपीआर रिपोर्ट तैयार किया है। कंपनी ने 15 मिलियन हेक्टेयर के क्षेत्र में सिंचाई- सुविधा विकसित की है। इसके अलावा कंपनी ने बंदरगाह और आंतरिक नौवहन से संबंधित 200 परियोजनाओं तथा जल आपूर्ति व सीवर, ग्रामीण व शहरी विकास, सड़क व राजमार्ग प्रौद्योगिकी से संबंधित 500 से अधिक परियोजनाओं में योगदान दिया है। इसके अतिरिक्त भारत और विदेश में सिंचाई, जल विद्युत, बंदरगाह आदि के क्षेत्र में वैपकोस ने 250 से अधिक परियोजनाओं में योगदान दिया है।

     जल विद्युत क्षेत्र में वैपकोस ने 19 देशों में 52 जल विद्युत परियोजनाओं का काम पूरा किया है। इनकी कुल स्थापित क्षमता 20,500 मेगावाट है। वैपकोस ने भारत में 105 जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण किया है,  जिनकी कुल स्थापित क्षमता 9000 मेगावाट है। ताप विद्युत के क्षेत्र में कंपनी ने विदेशों में 12 परियोजनाएं पूरी की है, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 2900 मेगावाट है। ताप विद्युत के क्षेत्र में कंपनी ने भारत में 37 परियोजनाओं का कार्य पूरा किया है, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 12,000 मेगावाट है। पारेषण और वितरण के क्षेत्र में कंपनी ने भारत और विदेश की 14 परियोजनाओं में योगदान दिया है।

     कंपनी ने एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और प्रशांत महासागर द्वीपों में परामर्श सेवा प्रदान करने का कार्य किया है। वर्तमान में कंपनी 45 से अधिक देशों में परामर्श देने का कार्य कर रही है। कंपनी सही अर्थ में एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है। यह भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों –स्किल इंडिया और मेक इन-इंडिया – के अनुरूप कार्य कर रही है। कंपनी ने चुनौती पूर्ण परियोजनाओं और दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करने में सफलता प्राप्त की है जैसे अफगान-भारत मैत्री जलाशय परियोजना (सलमा), अफगानिस्तान। वैपकोस भारत की एक महत्वपूर्ण मिनी रत्न कंपनी के रूप में उभरी है।

     26 जून, 2018 को 50वें स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में कंपनी ने 16 जून, 2018 को इंडिया गेट, नई दिल्ली में ‘हम स्वस्थ तो भारत स्वस्थ’, 18 जून, 2018 को भगवान महावीर वनस्थली पार्क, नई दिल्ली में ‘बढ़ते हाथ, सुन्दर भविष्य की ओर’ (वृक्ष लगाइए जीवन बचाइए) तथा 20 जून, 2018 को छठ घाट, नई दिल्ली में नदी संरक्षण के लिए ‘हमारी नदी, हमारा भविष्य’ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों का आयोजन नई दिल्ली समेत भारत व विदेश स्थित कंपनी के सभी कार्यालयों में किया गया। अनुभव, उद्यमिता और उत्कृष्टता की थीम पर आधारित ‘उत्सव’ कार्यक्रम का आयोजन 26 जून, 2018 को वैपकोस के कॉर्पोरेट ऑफिस, गुड़गांव में किया गया।

     पिछले चार वर्षों (2013-14 से 2017-18) के दौरान वैपकोस की प्रमुख उपलब्धियां निम्न हैं-

  • कंपनी का कार्य क्षेत्र 25 देशों (2013-14) से बढ़कर 46 देशों (2017-18) में फैला
  • परामर्श और इंजीनियरिंग परियोजनाओं से होने वाली आय में 102.44 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आय 548.3 करोड़ रुपये (2013-14 से बढ़कर 1110 करोड़ रुपये (2017-18) हुई
  • शुद्ध संपत्ति (नेट वर्थ) में 98.17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह 257.22 करोड़ रुपये (2013-14) से बढ़कर 509.74 करोड़ रुपये (2017-18) हो गई
  • नये व्यापार कार्यों में 160.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसका मूल्य 901.25 करोड़ रुपये (2013-14) से बढ़कर 2346 करोड़ रुपये (2017-18) पर पहुंचा
  • लाभ 102.52 करोड़ रुपये (2013-14) से बढ़कर 180 करोड़ रुपये (2017-18) हुआ। इसमें 75.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई
  • लाभांश सह लाभांश कर के भुगतान में तीन गुनी वृद्धि हुई। यह 17.55 करोड़ रुपये (2013-14) से बढ़कर 50 करोड़ रुपये (2017-18) हुई
  • प्रदत्त पूंजी (पेड अप कैपिटल) में चार गुनी वृद्धि हुई और यह 2013-14 के 25 करोड़ रुपये से बढ़कर (2017-18) में 100 करोड़ रुपये हुई
  • लोक उद्यम विभाग के द्वारा पिछले नौ वर्षों से लगातार उत्कृष्ट श्रेणी का पुरस्कार मिला।
  • पिछले चार वर्षों के दौरान कंपनी ने लाभांश, आयकर, सेवा कर, लाभांश कर और जीएसटी के रूप में सरकार को 550 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।

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