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उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश में स्थापित किए जा रहे विभिन्न औद्योगिक कार्यों की स्थिति की समीक्षा की

देश-विदेश

उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने आंध्रप्रदेश में दो औद्योगिक सुविधाओं और एक प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना की स्थिति की समीक्षा की और संबंधित मंत्रियों के साथ उनकी प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने संबंधित मंत्रालयों को परियोजनाओं में तेजी लाने की सलाह दी।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें बीईएल के रक्षा प्रणाली एकीकरण परिसर के बारे में जानकारी दी, जिसकी स्थापना आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के पलासमुद्रम में की जा रही है। बीईएल की मिसाइल सिस्टम स्ट्रैटेजिक बिजनेस यूनिट के विस्तार के रूप में स्थापित किए जा रहे परिसर के लिए आधारशिला 2015 में बेंगलुरू में रखी गई थी। एक बार चालू होने के बाद, यह सुविधा देश में सबसे बड़ी होगी, जो 900 एकड़ से अधिक का क्षेत्र में फैली है।

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने भी श्री नायडु को आंध्रप्रदेश में बनने जा रही राष्ट्रीय सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क एवं नार्कोटिक्स अकादमी (एनएसीईएन) के बारे में बताया। करीब 500 एकड़ में बनने वाली यह अकादमी भारत में अपनी तरह की दूसरी और दक्षिण भारत में पहली अकादमी है। श्रीमती सीतारमण ने बताया कि परियोजना के काम की बारीकी से निगरानी की जा रही है और त्वरित गति से काम किया जा रहा है

बाद में, केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री, श्री प्रल्हाद जोशी ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र के दो उद्यमों (पीएसयू), मिधानी और नाल्को के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में स्थापित किए जा रहे हाई एंड एल्युमिनियम एलॉय डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की प्रगति के बारे में जानकारी दी। उपराष्ट्रपति ने इस परियोजना में तेजी लाने की बात कही क्योंकि इससे नेल्लोर जिले के विकास को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जहां इस सुविधा का निर्माण किया जा रहा है।

उपराष्ट्रपति ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से भी बात की और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के थुपिलिपल्लम गांव में आगामी राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) की प्रगति के बारे में जानकारी ली। उपराष्ट्रपति ने इस बात का उल्लेख किया कि परियोजना से संबंधित भूमि के मुद्दों को भी सुलझा लिया गया है और वे चाहते हैं कि परियोजना को जल्द पूरा किया जाए।

मालूम हो कि श्री नायडु ने 2015 और 2016 में संबंधित मंत्रियों के साथ उपर्युक्त परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी और उनकी इच्छा है कि परियोजनाओं को उनके नियत समय के अनुसार पूरा किया जाए। भारत सरकार द्वारा इन परियोजनाओं की स्थापना आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के आधार स्थापित की गई हैं, जिसमें आंध्रप्रदेश के विभाजन में कई संस्थानों की स्थापना का प्रावधान है।

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