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उपराष्‍ट्रपति का मोरक्‍को के मोहम्‍मद वी. विश्‍वविद्यालय में संबोधन

देश-विदेश

मोरक्‍को: भारत के उपराष्‍ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने कहा कि आधुनिक विश्‍व के लिए विविधता को यथार्थवादी सच्‍चाई के रूप में स्‍वीकार करना एक चुनौती है और इससे निपटने के लिए व्‍यवहार और तरीकों को चिन्हित करने की आवश्‍यकता है। उपराष्‍ट्रपति आज मोरक्‍को के मोहम्‍मद वी. विश्‍वविद्यालय में ‘एकोमोडेटिव डाइवरसिटी इन ए ग्‍लोबलाइजिंग वर्ल्‍ड : द इंडियन एक्‍सपीरियंस’ विषय पर व्‍याख्यान दे रहे थे। बाद में मोरक्‍को के विश्‍वविद्यालय ने उन्‍हें मानद डिग्री प्रदान की। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय मुसलमान देश में हजार वर्षों से ज्‍यादा समय से रह रहे हैं और इसका प्रभाव आधुनिक भारत पर पड़ा है। संविधान निर्माताओं ने नागरिकों के लिए राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्‍कृतिक अधिकारों को आवश्‍यक घटक के रूप में सुरक्षित किया जिसमें धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों के अधिकारों पर विशेष ध्‍यान रखा।

उपरा‍ष्‍ट्रपति ने कहा कि आधुनिक भारत में इस्‍लामिक विश्‍वास मानने वाले लोग देश के नागरिक हैं, संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों के लाभार्थी हैं, नागरिक राज्‍य व्‍यवस्‍था में भाग लेते हैं और इस प्रणाली में अपने समस्‍याओं पर वे सुधार की मांग करते हैं।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय मुसलमान किसी भी प्रकार के हिंसा की न तो विचारधारा रखते हैं और न ही उसमें उनका झुकाव हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि जिन देशों में मिश्रित सामाजिक ताना-बाना, राजनीतिक संरचना में विविधता और सामाजिक-आर्थिक योजनाएं हैं वहां अनिवार्य आवश्‍यकताओं की अनदेखी से अप्रिय परिणाम हो सकते हैं।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि वैश्विक संसार के लिए भारतीय मॉडल प्रासंगिक है क्‍योंकि यहां पारंपरिक सहिष्‍णुता से आगे बढ़कर देखने का प्रयास किया गया है और विविधता को स्‍वीकारिता मिली है और इसे सामाजिक सदाचार के रूप में ग्रहण किया गया है।

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